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हरियाणा में 10 दिन पहले ही ठंड की दस्तक

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अबकी बार मानसून देरी तक टिका है, वहीं पहाड़ों में बरसात और बर्फबारी हुई है. इसका असर पहाड़ों से होते हुए मैदानी इलाकों में देखने को मिल रहा है.

revert 10 days before cold in Haryana
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Published : Oct 23, 2019, 11:28 PM IST

चंडीगढ़ः हरियाणा में ठंड ने दस्तक दे दी है. रात का तापमान सामान्य से तीन से चार डिग्री तक कम हो गया है. हालांकि अक्टूबर में पारा पिछले आठ सालों में 11 डिग्री तक भी पहुंचा है. अबकी बार कम बारिश होने के बावजूद पारा कई जिलों में 14 डिग्री पर भी आ गया है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी यह और भी डाउन हो सकता है. जबकि नवंबर में पारा 10 डिग्री से भी नीचे आ सकता है.

तापमान में हो रही है गिरावट
फिलहाल न केवल रात बल्कि दिन का तापमान भी सामान्य से दो से तीन डिग्री तक कम हो गया है. पहाड़ों में बर्फबारी और लगातार आ रहे पश्चिम विक्षोभ की वजह से हवाओं ने रूख बदल लिया है और यह नार्थ वेस्टरनली हो गई है.

पहाड़ों से आ रही हवाएं लेकर आई ठंड
आईएमडी के वैज्ञानिकों का कहना है कि अबकी बार मानसून देरी तक टिका है, वहीं पहाड़ों में बरसात और बर्फबारी हुई है. इसका असर पहाड़ों से होते हुए मैदानी इलाकों में देखने को मिल रहा है. करीब 10 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से पहाड़ों से मैदानों की ओर ठंडी हवाएं चल रही है. अबकी बार ठंड भी करीब 10 दिन एडवांस आई है.

चंडीगढ़ः हरियाणा में ठंड ने दस्तक दे दी है. रात का तापमान सामान्य से तीन से चार डिग्री तक कम हो गया है. हालांकि अक्टूबर में पारा पिछले आठ सालों में 11 डिग्री तक भी पहुंचा है. अबकी बार कम बारिश होने के बावजूद पारा कई जिलों में 14 डिग्री पर भी आ गया है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी यह और भी डाउन हो सकता है. जबकि नवंबर में पारा 10 डिग्री से भी नीचे आ सकता है.

तापमान में हो रही है गिरावट
फिलहाल न केवल रात बल्कि दिन का तापमान भी सामान्य से दो से तीन डिग्री तक कम हो गया है. पहाड़ों में बर्फबारी और लगातार आ रहे पश्चिम विक्षोभ की वजह से हवाओं ने रूख बदल लिया है और यह नार्थ वेस्टरनली हो गई है.

पहाड़ों से आ रही हवाएं लेकर आई ठंड
आईएमडी के वैज्ञानिकों का कहना है कि अबकी बार मानसून देरी तक टिका है, वहीं पहाड़ों में बरसात और बर्फबारी हुई है. इसका असर पहाड़ों से होते हुए मैदानी इलाकों में देखने को मिल रहा है. करीब 10 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से पहाड़ों से मैदानों की ओर ठंडी हवाएं चल रही है. अबकी बार ठंड भी करीब 10 दिन एडवांस आई है.

Intro:एंकर -
हरियाणा में विधानसभा चुनाव की मतगणना को कुछ ही घंटे बाकी है जल्द ही साफ हो जाएगा कि हरियाणा की जनता ने किस पार्टी को हरियाणा के सत्ता की चाबी सौंपने का फैसला किया है । जैसे-जैसे मतगणना का समय नजदीक आ रहा है उसके साथ ही राजनीतिक दलों के साथ-साथ चुनाव मैदान में उतरे हैं उम्मीदवारों की लड़के ने भी पड़ रही है । हरियाणा में वैसे सत्ता के लिए चुनावी मैदान में 75 पार के लक्ष्य के साथ उतरी भारतीय जनता पार्टी जहां फिर से सत्ता में काबिज होने के लिए चुनाव लड़ रही है , वहीं कांग्रेस , बीजेपी और इनेलो भी सत्ता में वापसी के प्रयास में जुटे हैं । जबकि पहली बार चुनावी मैदान में उतरी जेजेपी भी चुनौती तो दे रही है मगर कितना समीकरण बिगाड़ पाएगी यह देखना होगा । भारतीय जनता पार्टी 75 पार के लक्ष्य को लेकर शैली जरूर है मगर बहुमत लेती है तो हरियाणा में एक नया इतिहास भी बनेगा । सत्ताधारी दल बीजेपी फिर से पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आने पर भी एक नया रिकॉर्ड हरियाणा में बनेगा । वही पहले के मुकाबले हुई कम वोटिंग को लेकर भी राजनीतिक दल अलग-अलग समीकरण साधते व बिठाते नजर आ रहे हैं ।


Body:वीओ -
हरियाणा में मतगणना को महज कुछ घंटे बाकी है और ऐसे में सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की धड़कनें भी तेज हो रही है । लंबे प्रचार और मेहनत के बाद अब समय है फैसले का और निर्भर करेगा की हरियाणा की जनता किसको हरियाणा के सत्ता की चाबी सौंपती है । वही कम वोटिंग भी काफी अहम है क्योंकि जिस तरह से हरियाणा में मतदाताओं ने मतदान को लेकर पहले के मुकाबले कम रुझान दिखाया है उसको लेकर भी राजनीतिक दल और उम्मीदवार अपने अपने तरीके से अपने अपने पक्ष में दावा करते नजर आ रहे हैं । दूसरी तरफ हरियाणा में यह भी दिलचस्प रहा कि जिन उम्मीदवारों की टिकट काटे गए या जहां दल बदल कर जिन नेताओं ने चुनाव लड़ा वहां पर भी वोट प्रतिशत काफी कम देखने को मिला ।
दूसरे दलों से आकर अन्य दल में चुनाव लड़ने वाले विधानसभा क्षेत्रों की बात की जाए तो वह भी मतदान का प्रतिशत काफी कम देखने को मिला । इनेलो से पिछली बार विधायक बनने वाले जाकिर हुसैन और नसीम अहमद इस बार भाजपा से पारी खेल रहे हैं मगर दोनों के ही विधानसभा क्षेत्र में क्रमश 9 प्रतिशत औऱ 5 प्रतिशत कम वोट दोनों के विधानसभा क्षेत्र में हुआ है । हंसी से लड़ रहे विनोद भयाना के विधानसभा क्षेत्र में भी 8% कम मतदान हुआ , नागेंद्र भड़ाना के विधानसभा क्षेत्र में 5% और रणबीर गंगवा के विधानसभा क्षेत्र में 8% कम वोटिंग हुई है । इसके अलावा रामचंद्र कंबोज के विधानसभा क्षेत्र से भी 9% कम मतदान हुआ । हालांकि यह आंकड़ा दूसरे दल से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को फायदा देगा या नुकसान यह देखना होगा ।


Conclusion:वहीं टिकट जिन बड़े नेताओं के टिकट काटे गए उनके विधानसभा क्षेत्र में भी काफी कम वोट प्रतिशत देखने को मिला मंत्री विपुल गोयल और राव नरबीर दोनों के ही विधानसभा क्षेत्र में 11 - 11% मतदान पिछले विधानसभा चुनावों के मुकाबले कम हुआ । इसके अलावा पानीपत से विधायक रही रोहिता रेवड़ी के विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 13%कम मतदान हुआ । वही गुरुग्राम से उमेश अग्रवाल के विधानसभा क्षेत्र में 12% वही रेवाड़ी से रणधीर कापरीवास के विधानसभा क्षेत्र में 8% कम , विक्रम ठेकेदार और श्याम सिंह राणा के विधानसभा क्षेत्र में भी 10- 10% कम मतदान हुआ । वही विमला यादव के विधानसभा क्षेत्र में 6% और संतोष सारवान के विधानसभा क्षेत्र में 7% कम मतदान हुआ । हालांकि देखना यह होगा कि कम मतदान का फायदा किसको मिलता है । दूसरी तरफ कम मतदान प्रतिशत को लेकर अलग-अलग प्रत्याशी और राजनीतिक दल अपनी जीत सुनिश्चित बता रहे हैं ।
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