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हार के साइड इफेक्टः हुड्डा की साख गिरी, कांग्रेस में नए सीएम चेहरे की तलाश? - भव्य विश्नोई

हरियाणा में लोकसभा चुनाव में मिली शिकस्त के बाद कांग्रेस के भावी मुख्यमंत्रियों के सपने फिलहाल टूट गए हैं. अब बड़ा सवाल ये पैदा होता कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा ?

'भावी मुख्यमंत्रियों' के सपने हुए चूर चूर
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Published : May 27, 2019, 11:21 AM IST

Updated : May 27, 2019, 11:54 AM IST

चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद अब पार्टी के सामने 6 बड़े संकट खड़े हो गए हैं. कांग्रेस पार्टी अब तीन राज्यों हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर परेशान है. इतना ही नहीं कांग्रेस के सामने तीन राज्य मध्य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान में सरकार बचाने का भी संकट है.

'भावी मुख्यमंत्रियों' के सपने हुए चूर-चूर
बात करें हरियाणा की तो लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से कांग्रेसी सकते में हैं. नतीजों ने कांग्रेस पार्टी की ओर से खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानने वाले भावी मुख्यमंत्रियों के सपनों को चूर-चूर कर दिया है. अब बड़ा सवाल ये पैदा होता कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा ? जो बिखरी हुई पार्टी को एकजुट कर सके.

कांग्रेस हाईकमान के सपनों पर फिरा पानी
कांग्रेस हाईकमान ने जिन्हें प्रदेश कांग्रेस का दिग्गज मानकर लोकसभा चुनाव का टिकट थमाया, मोदी की सुनामी में उन सभी नेताओं के किले ढह गए. हालात ये हुए कि सन 1977 के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस हरियाणा में एक भी सीट नहीं जीत पाई.

बीजेपी के दम के आगे हुड्डा हुए 'बेदम'
हरियाणा के उन दिग्गजों को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में परास्त किया, जो खुद को कांग्रेस के भावी सीएम के रूप में पेश करते हैं. ये दिग्गज लोकसभा चुनाव में या तो खुद मैदान में उतरे या फिर अपने बच्चों को चुनाव लड़वाया. सोनीपत लोकसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर ताल ठोक रहे और 10 सालों तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र सिंह ने लोकसभा चुनाव ही दावा कर दिया था कि इस बार वो सोनीपत से दिल्ली और दिल्ली से चंडीगढ़ का रास्ता तय करेंगे. लेकिन हुड्डा को रमेश चंद्र कौशिक के हाथों 1 लाख 60 हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा. इतना नहीं रोहतक लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी बीजेपी के अरविंद शर्मा के हाथों अपनी सीट गंवा बैठे.

दूसरे दिग्गजों को मिली शिकस्त

इसके अलावा कांग्रेस की ओर से सीएम पद के दूसरे दिग्गज दावेदारों को भी शिकस्त का सामना करना पड़ा. भावी सीएम की रेस में शामिल विधायक कुलदीप बिश्नोई और सीएलपी लीडर किरण चौधरी को उनके बच्चों की हार मायूस कर गई.

  • प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर सिरसा सीट से 3 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हारे.
  • पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव गुरुग्राम लोकसभा सीट से पौने चार लाख से ज्यादा वोटों के अन्तर से हारे.
  • कुमारी सैलजा भी अंबाला सीट से 3 लाख 42 हजार 345 वोटों के अन्तर से हार गईं.
  • कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई तो हिसार लोकसभा सीट पर जमानत जब्त करा बैठे.
  • किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को सवा चार लाख से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा.

चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद अब पार्टी के सामने 6 बड़े संकट खड़े हो गए हैं. कांग्रेस पार्टी अब तीन राज्यों हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर परेशान है. इतना ही नहीं कांग्रेस के सामने तीन राज्य मध्य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान में सरकार बचाने का भी संकट है.

'भावी मुख्यमंत्रियों' के सपने हुए चूर-चूर
बात करें हरियाणा की तो लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से कांग्रेसी सकते में हैं. नतीजों ने कांग्रेस पार्टी की ओर से खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानने वाले भावी मुख्यमंत्रियों के सपनों को चूर-चूर कर दिया है. अब बड़ा सवाल ये पैदा होता कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा ? जो बिखरी हुई पार्टी को एकजुट कर सके.

कांग्रेस हाईकमान के सपनों पर फिरा पानी
कांग्रेस हाईकमान ने जिन्हें प्रदेश कांग्रेस का दिग्गज मानकर लोकसभा चुनाव का टिकट थमाया, मोदी की सुनामी में उन सभी नेताओं के किले ढह गए. हालात ये हुए कि सन 1977 के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस हरियाणा में एक भी सीट नहीं जीत पाई.

बीजेपी के दम के आगे हुड्डा हुए 'बेदम'
हरियाणा के उन दिग्गजों को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में परास्त किया, जो खुद को कांग्रेस के भावी सीएम के रूप में पेश करते हैं. ये दिग्गज लोकसभा चुनाव में या तो खुद मैदान में उतरे या फिर अपने बच्चों को चुनाव लड़वाया. सोनीपत लोकसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर ताल ठोक रहे और 10 सालों तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र सिंह ने लोकसभा चुनाव ही दावा कर दिया था कि इस बार वो सोनीपत से दिल्ली और दिल्ली से चंडीगढ़ का रास्ता तय करेंगे. लेकिन हुड्डा को रमेश चंद्र कौशिक के हाथों 1 लाख 60 हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा. इतना नहीं रोहतक लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी बीजेपी के अरविंद शर्मा के हाथों अपनी सीट गंवा बैठे.

दूसरे दिग्गजों को मिली शिकस्त

इसके अलावा कांग्रेस की ओर से सीएम पद के दूसरे दिग्गज दावेदारों को भी शिकस्त का सामना करना पड़ा. भावी सीएम की रेस में शामिल विधायक कुलदीप बिश्नोई और सीएलपी लीडर किरण चौधरी को उनके बच्चों की हार मायूस कर गई.

  • प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर सिरसा सीट से 3 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हारे.
  • पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव गुरुग्राम लोकसभा सीट से पौने चार लाख से ज्यादा वोटों के अन्तर से हारे.
  • कुमारी सैलजा भी अंबाला सीट से 3 लाख 42 हजार 345 वोटों के अन्तर से हार गईं.
  • कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई तो हिसार लोकसभा सीट पर जमानत जब्त करा बैठे.
  • किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को सवा चार लाख से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा.
Intro:BYTE SUNITA DUGGAL - NIRMAL SINGH MALADI


Body:BYTE SUNITA DUGGAL - NIRMAL SINGH MALADI


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Last Updated : May 27, 2019, 11:54 AM IST
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