ETV Bharat / state

प्री-मॉनसून ने किया हरियाणा के किसानों को निराश, तीन जुलाई तक बारिश की संभावना

जून में प्री-मॉनसून ने हरियाणा के किसानों को निराश किया है. संभावना जताई जा रही है कि एक से तीन जुलाई तक यहां मॉनसून दस्तक देगा

author img

By

Published : Jun 29, 2019, 10:32 AM IST

मॉनसून


चंडीगढ़: जून के महीने में मॉनसून ने हरियाणा के किसानों को काफी निराश किया है. अब किसान अच्छी बारिश की उम्मीदें जता हैं कि उन्हें राहत मिले. देश में 1 से 28 जून तक सामान्य से 54% कम बरसात हुई है. इस अवधि में सामान्यत: औसतन 41.1 मिलीमीटर बारिश होती है. जबकि सिर्फ 18.8 एमएम बारिश हुई है. इससे खरीफ फसलों की बुवाई पिछले साल के मुकाबले अब तक 3.93 लाख हेक्टेयर कम हुई है.

खेती किसानी और अर्थव्यवस्था हो सकती है प्रभावित
वहीं बात करें करनाल की, तो इस महीने अब तक मात्र 18.3 एमएम ही बारिश हुई है. ऐसे में कमजोर होकर आ रहे मानसून से सीजन में कम बारिश की भरपाई की उम्मीद कम है. इससे प्रदेश में खेती-किसानी और अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है.

75.9 लाख में से अभी 20.72 लाख एकड़ में ही बुवाई:

  • खरीफ फसलों की बुवाई 25 जून तक 20.72 लाख एकड़ में हुई है
  • साल 2018 में 31.30 लाख एकड़ में बुवाई हो चुकी थी
  • यानी पिछले साल के मुकाबले अब तक 9.82 लाख एकड़ में कम बुवाई हुई है।
  • 75.9 लाख एकड़ में बुवाई का लक्ष्य है
  • अभी लक्ष्य से 28.29% कम बुआई हुई है
  • धान रोपाई सिर्फ 97.5 हजार एकड़ में हुई

1 से 3 जुलाई के बीच बारिश की संभावना
पश्चिमी विक्षोभ के चलते वीरवार को कुरुक्षेत्र, करनाल समेत कई क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई. उधर, हिसार में सुबह से ही बादल छाए रहे. हल्की बादलवाही और पूर्वाई के कारण दिन के तापमान में एक डिग्री सेल्सियस से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई, जिससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली. मौसम विभाग ने 01 जुलाई से 03 जुलाई के बीच आंशिक बादल, कहीं-कहीं धूल भरी हवाएं चलने और कहीं-कहीं बारिश की संभावना जताई है.

इस वजह से कमजोर हुआ मॉनसून:

  • मॉनसून का केरल में देर से दस्तक
  • चक्रवात तूफान वायु का असर
  • वायु के चलते प्रायद्वीपों में चलने वाली दक्षिणी-पश्चिमी हवाएं प्रभावित
  • बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दाब के क्षेत्र ने भी रास्ता रोका
  • निम्न दाब क्षेत्र ने मानसून को पहले पूर्वी भारत की ओर धकेला


चंडीगढ़: जून के महीने में मॉनसून ने हरियाणा के किसानों को काफी निराश किया है. अब किसान अच्छी बारिश की उम्मीदें जता हैं कि उन्हें राहत मिले. देश में 1 से 28 जून तक सामान्य से 54% कम बरसात हुई है. इस अवधि में सामान्यत: औसतन 41.1 मिलीमीटर बारिश होती है. जबकि सिर्फ 18.8 एमएम बारिश हुई है. इससे खरीफ फसलों की बुवाई पिछले साल के मुकाबले अब तक 3.93 लाख हेक्टेयर कम हुई है.

खेती किसानी और अर्थव्यवस्था हो सकती है प्रभावित
वहीं बात करें करनाल की, तो इस महीने अब तक मात्र 18.3 एमएम ही बारिश हुई है. ऐसे में कमजोर होकर आ रहे मानसून से सीजन में कम बारिश की भरपाई की उम्मीद कम है. इससे प्रदेश में खेती-किसानी और अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है.

75.9 लाख में से अभी 20.72 लाख एकड़ में ही बुवाई:

  • खरीफ फसलों की बुवाई 25 जून तक 20.72 लाख एकड़ में हुई है
  • साल 2018 में 31.30 लाख एकड़ में बुवाई हो चुकी थी
  • यानी पिछले साल के मुकाबले अब तक 9.82 लाख एकड़ में कम बुवाई हुई है।
  • 75.9 लाख एकड़ में बुवाई का लक्ष्य है
  • अभी लक्ष्य से 28.29% कम बुआई हुई है
  • धान रोपाई सिर्फ 97.5 हजार एकड़ में हुई

1 से 3 जुलाई के बीच बारिश की संभावना
पश्चिमी विक्षोभ के चलते वीरवार को कुरुक्षेत्र, करनाल समेत कई क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई. उधर, हिसार में सुबह से ही बादल छाए रहे. हल्की बादलवाही और पूर्वाई के कारण दिन के तापमान में एक डिग्री सेल्सियस से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई, जिससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली. मौसम विभाग ने 01 जुलाई से 03 जुलाई के बीच आंशिक बादल, कहीं-कहीं धूल भरी हवाएं चलने और कहीं-कहीं बारिश की संभावना जताई है.

इस वजह से कमजोर हुआ मॉनसून:

  • मॉनसून का केरल में देर से दस्तक
  • चक्रवात तूफान वायु का असर
  • वायु के चलते प्रायद्वीपों में चलने वाली दक्षिणी-पश्चिमी हवाएं प्रभावित
  • बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दाब के क्षेत्र ने भी रास्ता रोका
  • निम्न दाब क्षेत्र ने मानसून को पहले पूर्वी भारत की ओर धकेला
Intro:Body:

Dummy For Rain


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.