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मंगल पांडे जयंती: मंत्रियों और नेताओं ने ट्वीट कर देश के वीर पुत्र को किया याद - haryana news

मंगल पांडे ने अपने साहस से अंग्रेजी हुकूमत को कड़ी टक्कर दी. उनका नाम 'भारतीय स्वाधीनता संग्राम' के अग्रणी योद्धाओं के रूप में लिया जाता है. उनकी जयंती के मौके पर राजनेताओं ने ट्वीट करके उनको याद किया है.

mangal pandey
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Published : Jul 19, 2019, 11:46 AM IST

चंडीगढ़: देश की आजादी के लिए लड़ी गई लड़ाई का पहला जंग कहे जाने वाले 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का आगाज करने वाले मंगल पाण्डेय की आज जयंती है. मंगल पांडे का जन्‍म 19 जुलाई 1827 को हुआ था. मंगल पांडे ने अपने साहस से अंग्रेजी हुकूमत को कड़ी टक्कर दी.

मंगल पाण्डेय ने ही 1857 के स्वतंत्रता संग्राम और सैनिक विद्रोह की शुरुआत की थी और अंग्रेजों का डटकर सामना किया. देश आज मां भारती के उस वीर पुत्र को याद कर रहा है.

  • “....हमारी आज़ादी के लिए लड़ाई एक चिंगारी है जो भविष्य में विशाल रूप लेगी” - 1857 की क्रांति के नायक अमर शहीद मंगल पाण्डेय की जयंती पर शत्-शत् नमन। #MangalPandey pic.twitter.com/VBdkmFxnYi

    — Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) July 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
मंगल पाण्डेय ईस्ट इंडिया कंपनी की फौज की 34वीं बंगाल नेटिव इनफैंट्री में तैनात थे. मंगल पांडे ने विरोध के स्वर तब उठाए, जब उन्हें पता चला कि सेना में शामिल की नई रायफल 'एनफील्ड p53' में लगने वाले कारतूस में गाय और सूअर की चर्बी लगी है. एनफील्ड रायफल में भरने के लिये कारतूस को दांतों से काट कर खोलना पड़ता था.
  • अपने साहस और पराक्रम के दम पर समूची अंग्रेजी हुकूमत के सामने पहली चुनौती पेश करने वाले, मां भारती के वीर सपूत मंगल पांडे को जयंती पर नमन! अन्याय के विरूद्ध आवाज उठाने वालों के लिए आप सदैव प्रेरणास्रोत रहेंगे। #MangalPandey pic.twitter.com/0akEHDjGxc

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मंगल पाण्डेय ने अंग्रेजी सरकार के खिलाफ बगावत कर दिया और 29 मार्च 1857 को कलकत्ता के पास बैरकपुर परेड मैदान में रेजीमेंट के अफसर लेफ्टीनेण्ट बाग पर हमला कर के उसे घायल कर दिया.

  • 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक व भारत में स्वतंत्रता क्रांति के अग्रदूत शहीद मंगल पांडे जी की जयंती पर उन्हें मेरा कोटि कोटि नमन। #MangalPandey pic.twitter.com/2n3VD58Rx6

    — Narendra Singh Tomar (@nstomar) July 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मंगल पांडे की लगायी गयी विद्रोह की यह चिंगारी बुझी नहीं. एक महीने बाद ही 10 मई सन् 1857 को मेरठ की छावनी में बगावत हो गयी. मंगल पाण्डेय की लगाई बगावत की आग देखते ही देखते पूरे उत्तरी भारत में फैल गई. जिससे अंग्रेजों को साफ संदेश मिल गया कि अब भारत पर राज्य करना उतना आसान नहीं है जितना वे समझ रहे थे.

  • Humble tributes to revolutionary freedom fighter Shaheed #MangalPandey on his birth anniversary. He ignited the spark of nationalism and inspired millions of freedom fighters from across the country. His valour and devotion to motherland will inspire generations to come. pic.twitter.com/bJzW8ULLvw

    — Naveen Patnaik (@Naveen_Odisha) July 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इसके बाद ही हिन्दुस्तान में 34735 अंग्रेजी कानून यहाँ की जनता पर लागू किये गये, ताकि मंगल पाण्डेय सरीखा कोई सैनिक दोबारा भारतीय शासकों के विरुद्ध बगावत न कर सके.

  • प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की क्रांति के अग्रदूत,मां भारती के वीर सपूत,अमर शहीद मंगल पांडे जी की जयंती पर सादर वंदन। pic.twitter.com/WZiJgzfxFx

    — Subhash Barala (@subhashbrala) July 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आज मंगल पाण्डेय जयंती के अवसर पर सारा देश उनको याद कर रहा है. वहीं देश और प्रदेश नेताओं व मंत्रियों ने भी ट्वीट करके मंगल पांडे को नमन कर रहे हैं.

  • सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत मंगल पाण्डेय जी की पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन!🙏
    आपने ब्रिटिश हुकूमत की जड़ें हिलाकर हर देशवासी को आजादी के लिए हुए संघर्षों में कूदने को प्रेरित किया।

    आपकी वीर गाथाएं हम सबको आज भी देशभक्ति के लिए प्रेरित करती है।🇮🇳#mangalpandey pic.twitter.com/imVVLEHQDb

    — Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) July 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

चंडीगढ़: देश की आजादी के लिए लड़ी गई लड़ाई का पहला जंग कहे जाने वाले 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का आगाज करने वाले मंगल पाण्डेय की आज जयंती है. मंगल पांडे का जन्‍म 19 जुलाई 1827 को हुआ था. मंगल पांडे ने अपने साहस से अंग्रेजी हुकूमत को कड़ी टक्कर दी.

मंगल पाण्डेय ने ही 1857 के स्वतंत्रता संग्राम और सैनिक विद्रोह की शुरुआत की थी और अंग्रेजों का डटकर सामना किया. देश आज मां भारती के उस वीर पुत्र को याद कर रहा है.

  • “....हमारी आज़ादी के लिए लड़ाई एक चिंगारी है जो भविष्य में विशाल रूप लेगी” - 1857 की क्रांति के नायक अमर शहीद मंगल पाण्डेय की जयंती पर शत्-शत् नमन। #MangalPandey pic.twitter.com/VBdkmFxnYi

    — Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) July 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
मंगल पाण्डेय ईस्ट इंडिया कंपनी की फौज की 34वीं बंगाल नेटिव इनफैंट्री में तैनात थे. मंगल पांडे ने विरोध के स्वर तब उठाए, जब उन्हें पता चला कि सेना में शामिल की नई रायफल 'एनफील्ड p53' में लगने वाले कारतूस में गाय और सूअर की चर्बी लगी है. एनफील्ड रायफल में भरने के लिये कारतूस को दांतों से काट कर खोलना पड़ता था.
  • अपने साहस और पराक्रम के दम पर समूची अंग्रेजी हुकूमत के सामने पहली चुनौती पेश करने वाले, मां भारती के वीर सपूत मंगल पांडे को जयंती पर नमन! अन्याय के विरूद्ध आवाज उठाने वालों के लिए आप सदैव प्रेरणास्रोत रहेंगे। #MangalPandey pic.twitter.com/0akEHDjGxc

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मंगल पाण्डेय ने अंग्रेजी सरकार के खिलाफ बगावत कर दिया और 29 मार्च 1857 को कलकत्ता के पास बैरकपुर परेड मैदान में रेजीमेंट के अफसर लेफ्टीनेण्ट बाग पर हमला कर के उसे घायल कर दिया.

  • 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक व भारत में स्वतंत्रता क्रांति के अग्रदूत शहीद मंगल पांडे जी की जयंती पर उन्हें मेरा कोटि कोटि नमन। #MangalPandey pic.twitter.com/2n3VD58Rx6

    — Narendra Singh Tomar (@nstomar) July 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मंगल पांडे की लगायी गयी विद्रोह की यह चिंगारी बुझी नहीं. एक महीने बाद ही 10 मई सन् 1857 को मेरठ की छावनी में बगावत हो गयी. मंगल पाण्डेय की लगाई बगावत की आग देखते ही देखते पूरे उत्तरी भारत में फैल गई. जिससे अंग्रेजों को साफ संदेश मिल गया कि अब भारत पर राज्य करना उतना आसान नहीं है जितना वे समझ रहे थे.

  • Humble tributes to revolutionary freedom fighter Shaheed #MangalPandey on his birth anniversary. He ignited the spark of nationalism and inspired millions of freedom fighters from across the country. His valour and devotion to motherland will inspire generations to come. pic.twitter.com/bJzW8ULLvw

    — Naveen Patnaik (@Naveen_Odisha) July 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इसके बाद ही हिन्दुस्तान में 34735 अंग्रेजी कानून यहाँ की जनता पर लागू किये गये, ताकि मंगल पाण्डेय सरीखा कोई सैनिक दोबारा भारतीय शासकों के विरुद्ध बगावत न कर सके.

  • प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की क्रांति के अग्रदूत,मां भारती के वीर सपूत,अमर शहीद मंगल पांडे जी की जयंती पर सादर वंदन। pic.twitter.com/WZiJgzfxFx

    — Subhash Barala (@subhashbrala) July 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आज मंगल पाण्डेय जयंती के अवसर पर सारा देश उनको याद कर रहा है. वहीं देश और प्रदेश नेताओं व मंत्रियों ने भी ट्वीट करके मंगल पांडे को नमन कर रहे हैं.

  • सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत मंगल पाण्डेय जी की पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन!🙏
    आपने ब्रिटिश हुकूमत की जड़ें हिलाकर हर देशवासी को आजादी के लिए हुए संघर्षों में कूदने को प्रेरित किया।

    आपकी वीर गाथाएं हम सबको आज भी देशभक्ति के लिए प्रेरित करती है।🇮🇳#mangalpandey pic.twitter.com/imVVLEHQDb

    — Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) July 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
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मंगल पांडेय जयंती: मंत्रियों और नेताओं ने ट्वीट कर देश के वीर पुत्र को किया याद



मंगल पांडेय ने अपने साहस से अंग्रेजी हुकूमत को कड़ी टक्कर दी. उनका नाम 'भारतीय स्वाधीनता संग्राम' के अग्रणी योद्धाओं के रूप में लिया जाता है. उनकी जयंती के मौके पर राजनेताओं ने ट्वीट करके उनको याद किया है. 



चंडीगढ़: मंगल पांडे का जन्‍म 19 जुलाई 1827 को हुआ था. मंगल पांडेय ने अपने साहस से अंग्रेजी हुकूमत को कड़ी टक्कर दी. वह ही थे, जिन्होंने '1857 के स्वतंत्रता संग्राम' की शुरुआत की और अंग्रेजों का डटकर सामना किया. आज देश के इस वीर पुत्र की जयंती है. 

वह ईस्ट इंडिया कंपनी की फौज की 34वीं बंगाल नेटिव इनफैंट्री में तैनात थे. मंगल पांडेय ने विरोध के स्वर तब उठाए, जब उन्हें पता चला कि सेना में शामिल की नई रायफल 'एनफील्ड p53' में लगने वाले कारतूस में गाय और सूअर की चर्बी है. 

आज उनकी जयंती के अवसर पर सारा देश उनको याद कर रहा है. वहीं देश और प्रदेश नेताओं व मंत्रियों ने भी ट्वीट करके मंगल पांडे को नमन किया.


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