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'ऑपरेशन गोदाम': वेयर हाउस की कमी से बारिश में हर साल सड़ रहा लाखों टन अनाज, करनाल से ग्राउंड रिपोर्ट

करनाल के हैफेड गोदाम की बात की जाए तो यहां बारिश से बचने के लिए कुछ हद तक इंतजाम किए गए हैं. खुले में भी जो अनाज पड़ा है वो तिरपाल या प्लास्टिक से ढका हुआ है और नीचे से पानी न आए इसके लिए अनाज रखने के लिए ऊंची जगह का इस्तेमाल किया गया है. लेकिन इन इंतजामों के बावजूद कुछ चीजें ऐसी हैं जहां करनाल के हैफेड गोदाम में कौताही बरती गई है.

ऑपरेशन गोदाम
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Published : Jul 3, 2019, 1:02 PM IST

Updated : Jul 3, 2019, 2:59 PM IST

करनालः हरियाणा के सभी जिलों के हैफेड हाउस में मानसून से निपटने के लिए क्या तैयारियां की गई हैं. ये जानने के लिए EtvBharat ने 'ऑपरेशन गोदाम' की शुरुआत की है. ताकि हर साल जिस तरीके से बारिश में अनाज खराब होता है उसे बचाया जा सके. आज EtvBharat की टीम करनाल के हैफेड गोदाम पहुंची है. ज़रा देखिए वहां के हालात क्या हैं.

क्लिक कर देखें वीडियो

ये है गोदामों में स्टॉक की स्थिति

  • इस साल 3,85,571 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया
  • जिले में 4 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गोदाम में अनाज है
  • जिले में लगभग ढाई लाख मीट्रिक टन अनाज खुले में है
  • खुले में पड़ा अनाज तिरपाल से ढका गया है
  • कीड़ों से बचने के लिए दवाइयों का इस्तेमाल किया है
  • जिले में 41 स्टोरेज प्वाइंट और 10 केंद्र हैं
  • जिले में 3 नए गोदाम बनाए जा रहे हैं

कैसी है तैयारी ?
करनाल के हैफेड गोदाम की बात की जाए तो यहां बारिश से बचने के लिए कुछ हद तक इंतजाम किए गए हैं. खुले में भी जो अनाज पड़ा है वो तिरपाल या प्लास्टिक से ढका हुआ है और नीचे से पानी न आए इसके लिए अनाज रखने के लिए ऊंची जगह का इस्तेमाल किया गया है. लेकिन इन इंतजामों के बावजूद कुछ चीजें ऐसी हैं जहां करनाल के हैफेड गोदाम में कौताही बरती गई है. जैसे जो अग्निशमन यंत्र गोदाम में रखे हैं वो सारे एक्सपायर हो चुके हैं. अगर किसी वजह से गोदाम में आग लगती है तो उससे कैसे बचा जाएगा.

करनालः हरियाणा के सभी जिलों के हैफेड हाउस में मानसून से निपटने के लिए क्या तैयारियां की गई हैं. ये जानने के लिए EtvBharat ने 'ऑपरेशन गोदाम' की शुरुआत की है. ताकि हर साल जिस तरीके से बारिश में अनाज खराब होता है उसे बचाया जा सके. आज EtvBharat की टीम करनाल के हैफेड गोदाम पहुंची है. ज़रा देखिए वहां के हालात क्या हैं.

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ये है गोदामों में स्टॉक की स्थिति

  • इस साल 3,85,571 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया
  • जिले में 4 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गोदाम में अनाज है
  • जिले में लगभग ढाई लाख मीट्रिक टन अनाज खुले में है
  • खुले में पड़ा अनाज तिरपाल से ढका गया है
  • कीड़ों से बचने के लिए दवाइयों का इस्तेमाल किया है
  • जिले में 41 स्टोरेज प्वाइंट और 10 केंद्र हैं
  • जिले में 3 नए गोदाम बनाए जा रहे हैं

कैसी है तैयारी ?
करनाल के हैफेड गोदाम की बात की जाए तो यहां बारिश से बचने के लिए कुछ हद तक इंतजाम किए गए हैं. खुले में भी जो अनाज पड़ा है वो तिरपाल या प्लास्टिक से ढका हुआ है और नीचे से पानी न आए इसके लिए अनाज रखने के लिए ऊंची जगह का इस्तेमाल किया गया है. लेकिन इन इंतजामों के बावजूद कुछ चीजें ऐसी हैं जहां करनाल के हैफेड गोदाम में कौताही बरती गई है. जैसे जो अग्निशमन यंत्र गोदाम में रखे हैं वो सारे एक्सपायर हो चुके हैं. अगर किसी वजह से गोदाम में आग लगती है तो उससे कैसे बचा जाएगा.

Intro:वेयरहाउस में अतिरिक्त स्टाक को लेकर तैयारियां जारी, मानसून के सीजन में गरीब का अनाज कितना है सुरक्षित, ईटीवी भारत की टीम ने जिले में वेयरहाउसो का दौरा कर जानी आनाज के रख रखाब की व्यवस्था, वेयरहाउसो की सुरक्षा में मिली खामियां,अच्छी हालात में नही मिले अग्नि शमन यन्त्र ,जिला हैफेड अधिकारी का कहना करनाल में हैफेड के तीन नए गोदामो का होगा निर्माण ।


Body:बारिश में भीगने और सड़े अनाज की बार बार मिलने वाली शिकायतों के मद्देनजर इस बार मानसून सीजन से पहले प्रदेश के किसानों द्वारा मेहनत से पैदा किए अनाज की सुरक्षा को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने ग्राउंड रिपोर्टिंग कर जिले की वेयरहाउसिंग का हालचाल जाना ।मानसून सीजन के मध्यनजर हैफेड द्वारा व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं ।वेयरहाउसो में अनाज के रखरखाव के साथ साथ आने वाले नए स्टॉक के भंडारण के लिए करनाल जिले में इस वर्ष हैफेड द्वारा 73 हजार मैट्रिक टन क्षमता के 3 नए गोदामों का निर्माण किया जाएगा । खुले में पड़े आनाज को व्यापक मोटे डबल पॉलीथिन द्वारा ढका गया है । आनाज को किसी प्रकार का कीड़ा ना लगे इस के लिए दवाइयों का भरपूर उपयोग भी किया गया है ।

वहीं जब ईटीवी भारत की टीम वेयरहाउस के एंट्री गेट पर पहुंची तो ना तो वहाँ सुरक्षा कर्मी व चौकीदार नही मिली गेट पर बने सुरक्षा कर्मी का कमरा खाली मिला । 20 मिन्ट तक दौरा करने के बाद एक कर्मी आया । पूछे जाने पर कर्मी ने गोलमाल जवाब दिया । अग्निशमन यन्त्र को देखने पर पाया कि विना एक्सपायरी डेट के मिले, अगर कोई आगजनी होती है तो मौका संभालने पर भगवान ही मालिक है ।



Conclusion:हैफेड के जिला प्रबंधक एम एल पोसवाल ने बताया कि उन्होंने इस सीजन में किसानों से 385000 मैट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद की है जिससे अधिकतर अनाज को कबर्ड गोदा मुंह में रखा गया है खुले में रखे अनाज को भी पूरी तरह सुरक्षित रखने के इंतजाम कर लिए गए हैं और उनमें दवाइयां भी डाल दी गई है ताकि उपभोक्ता तक साफ स्वच्छ अनाज पहुंचे जिला प्रबंधक ने बताया कि जिले भर में उनके 41 स्टोरेज पॉइंट हैं और 10 केंद्र है अभी तक अनाज के लिए किसी तरह की कोई समस्या नहीं आई है और कोई पिछला स्टॉक बकाया नहीं है उन्होंने कहा कि हमने इस वर्ष के 770 करोड रुपए की राशि किसानों को दे दी है उन्होंने धान की मिलिंग के भी सुचारू रूप से चलने की बात कही


बाइट - जिला प्रबंधक एम एल पोसवाल
बाईट - सुरक्षा कर्मी - राजेश
बाईट - सुरक्षा कर्मी - ओमप्रकाश
Last Updated : Jul 3, 2019, 2:59 PM IST
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