ETV Bharat / state

किसानों पर दोहरी मारः आग का सितम और फायर ब्रिगेड की लेटलतीफी

किसानों का कहना है कि भिवानी हमारे यहां से फायर स्टेशन काफी दूर पड़ता है जिसकी वजह से फायर ब्रिगेड की गाड़ी जब तक आती है तब तक बहुत नुकसान हो जाता है.

author img

By

Published : May 20, 2019, 6:15 PM IST

किसानों पर दोहरी मार

भिवानीः मई और जून के महीने में अक्सर आपने खेत में आग लगने की खबरें सुनी होंगी. कई बार तो किसानों की खड़ी फसल जलकर राख हो जाती है. ये किसी एक साल नहीं बल्कि हर साल होता है लेकिन प्रशासन फिर भी इससे बचने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं करता.

क्लिक कर देखें वीडियो

भिवानी में सैकड़ों एकड़ फसल हुई राख

भिवानी में अकेले मई महीने में एक दर्जन से ज्यादा स्थानों पर सैकड़ों एकड़ फसल जलकर राख हो गई. जिसके लिए किसान अब मुआवजे की मांग कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि भिवानी हमारे यहां से फायर स्टेशन काफी दूर पड़ता है जिसकी वजह से फायर ब्रिगेड की गाड़ी जब तक आती है तब तक बहुत नुकसान हो जाता है. किसानों का कहना है कि उपमंडल लेवल पर भी फायर स्टेशन बनाये जाने चाहिए.

भिवानीः मई और जून के महीने में अक्सर आपने खेत में आग लगने की खबरें सुनी होंगी. कई बार तो किसानों की खड़ी फसल जलकर राख हो जाती है. ये किसी एक साल नहीं बल्कि हर साल होता है लेकिन प्रशासन फिर भी इससे बचने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं करता.

क्लिक कर देखें वीडियो

भिवानी में सैकड़ों एकड़ फसल हुई राख

भिवानी में अकेले मई महीने में एक दर्जन से ज्यादा स्थानों पर सैकड़ों एकड़ फसल जलकर राख हो गई. जिसके लिए किसान अब मुआवजे की मांग कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि भिवानी हमारे यहां से फायर स्टेशन काफी दूर पड़ता है जिसकी वजह से फायर ब्रिगेड की गाड़ी जब तक आती है तब तक बहुत नुकसान हो जाता है. किसानों का कहना है कि उपमंडल लेवल पर भी फायर स्टेशन बनाये जाने चाहिए.

Intro:तापमान बढऩे से खड़ी फसल में मई-जून में लगती है आग

भिवानी जिले में आग पर काबू पाने के लिए नहीं है समुचित व्यवस्था

जिला मुख्यालय से दूर स्थानों पर नहीं है फायर बिगे्रड की व्यवस्था 

मई-जून का महीना भारत में सबसे तपने वाला महीना होता है तथा मई महीने में ही देश भर में गेहूं उत्पादक राज्यों में गेहूं की फसल पककर तैयार हो चुकी होती है। परन्तु शॉर्ट-सर्किट या अन्य कारणों से आग लगने से किसानों की साल भर की मेहनत आग की भेंट चढ़ बर्बाद हो जाती है। भिवानी जिले में अकेले मई महीने में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर सैंकड़ों एकड़ के लगभग गेहूं की खेत में खड़ी फसल व एकत्रित की गई फसल राख के ढ़ेर में बदल गई। जिसके लिए क्षेत्र के किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की। 

    फसलों में आग लगने के बाद उसे बुझाने में भले ही जिले के किसान खूब मशक्कत करते दिखे हो, परन्तु बगैर फायर बिग्रेड के इस आग पर काबू पाना संभव नहीं रहा। क्योंकि तपती धूप में पककर तैयार हुई गेहूं की फसल के फाने तुरंत आग पकड़ते है, जिसके बाद उन्हे पानी के बगैर बुझाना नामुमकिन हो जाता है। जबकि फायर बिग्रेड जिला मुख्यालय से मंगलवानी पड़ती है। जिनके दूर-दराज के क्षेत्रों में पहुंचने में घंटों लग जाते है, जिससे फसल को आग से बचाया नहीं जा सकता। 

   


Body:भिवानी जिले में आग की दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए यदि फायर बिग्रेड की व्यवस्था पर नजर डाले तो भिवानी के जिला मुख्यालय पर स्थित फायर बिग्रेड ऑफिस में 6 बड़ी गाडिय़ां, एक छोटी गाड़ी व दो मोटरसाईकिल है। इसके अलावा भिवानी जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर सिवानी कस्बा में मात्र एक फायर बिग्रेड की गाड़ी है। जबकि तोशाम, लोहारू, बवानीखेड़ा कस्बों में फायर बिग्रेड की कोई भी गाडी नही है। जबकि ये स्थान जिला मुख्यालय से 25 से 60 किलोमीटर दूर है। ऐसे में आग लगने की स्थिति से कैसे निपटा जा सकता है, इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। भिवानी जिले में स्थित मात्र दो फायर स्टेशन भिवानी व सिवानी के बीच की दूरी 60 किलोमीटर है। ऐसे में आग लगने की दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए एक समुचित प्लान की जरूरत है, ताकि न केवल खेतों में लगने वाली आग, बल्कि अन्य स्थानों पर उच्च तापमान या अन्य कारणों से लगने वाली आग जैसे समस्याओं से निपटा जा सकें। 

बाईट : आगजनी से पीडि़त किसान व वजीर चौधरी।  





Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.