ETV Bharat / state

भिवानी वैश्य कॉलेज में हुआ विश्व फोटोग्राफी दिवस कार्यक्रम का आयोजन

सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते विश्व फोटोग्राफी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में फोटोग्राफर्स को सम्मानित किया गया और उनकी फोटोग्राफी को प्रदर्शित किया गया.

World photography day program organized in Bhiwani Vaishya College
भिवानी वैश्य कॉलेज में हुआ विश्व फोटोग्राफी दिवस कार्यक्रम का आयोजन
author img

By

Published : Aug 19, 2020, 5:11 PM IST

भिवानी: किसी खास लम्हे को यादों में हमेशा के लिए अपने पास रखना हो तो सबसे पहले याद कैमरे की आती है. इस कैमरे ने हमारी जिंदगी में जैसे रंग भर दिए हों. कैमले के अविष्कार के करीब 180 साल बाद भी आज हमारी जिंदगी में कैमरा एक महत्वपूर्ण गैजेट है. पिछले एक दशक में तो कैमरा जैसे हमारी रोजमर्रा की जरूरतों में शामिल हो गया है, लेकिन ठहरिए, आपको पता है आज हम कैमरे का इतना गुणगान क्यों कर रहे हैं? क्योंकि आज विश्व फोटोग्राफी दिवस है.

आज का दिन फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए बेहद खास है. इस दिन की शुरुआत 19 अगस्त 1839 को फ्रांस से हुई थी. जब वहां की सरकार ने फोटोग्राफी तकनीक का पेटेंट कराया था. फ्रांस के फोटोग्राफी तकनीक के अविष्कारक जोसेफ नाइसफॉर और लुइस डोगेर ने 9 जनवरी 1839 को यह तकनीक खोजी थी.

इस मौके पर फोटोग्राफर राजू डुडेजा ने फोटोग्राफी के बारे में बताया, देखिए वीडियो

वैश्य महाविद्यालय में हुआ कार्यक्रम का आयोजन

कोरोना के इस दौर में भिवानी में भी आज सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते विश्व फोटोग्राफी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. ये कार्यक्रम वैश्य महाविद्यालय में मनाया गया. इस कार्यक्रम में फोटोग्राफर्स को सम्मानित किया गया और उनकी फोटोग्राफी को प्रदर्शित किया गया.

इस दिन का मकसद है कि अगली पीढ़ी फोटोग्राफी से प्रेरित हो

इस मौके पर फोटोग्राफर राजू डुडेजा ने बताया कि फोटोग्राफी वह कला है जिससे हम लोगों के महत्वपूर्ण और खास पलों को हमेशा-हमेशा के लिए कैमरे में कैद कर यादगार बना देते हैं. एक समय था जब फोटोग्राफी कैमरा एक बक्से के आकार का होता था आज वह एक चिप में सिमट गया है. डिजिटल फोटोग्राफी ने कैमरे के आकार में अभूतपूर्व परिवर्तन करने का काम किया है. उन्होंने बताया कि फोटोग्राफी दिवस बनाने का उद्देश्य इस क्षेत्र के कौशल को अगली पीढ़ी को अपनाने के लिए प्रेरित करना है.

ये पढ़ें- पंडित जसराज को पसंद था हरियाणवी चूरमा और हलवा, फतेहाबाद में आज भी है पैदाइशी घर

भिवानी: किसी खास लम्हे को यादों में हमेशा के लिए अपने पास रखना हो तो सबसे पहले याद कैमरे की आती है. इस कैमरे ने हमारी जिंदगी में जैसे रंग भर दिए हों. कैमले के अविष्कार के करीब 180 साल बाद भी आज हमारी जिंदगी में कैमरा एक महत्वपूर्ण गैजेट है. पिछले एक दशक में तो कैमरा जैसे हमारी रोजमर्रा की जरूरतों में शामिल हो गया है, लेकिन ठहरिए, आपको पता है आज हम कैमरे का इतना गुणगान क्यों कर रहे हैं? क्योंकि आज विश्व फोटोग्राफी दिवस है.

आज का दिन फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए बेहद खास है. इस दिन की शुरुआत 19 अगस्त 1839 को फ्रांस से हुई थी. जब वहां की सरकार ने फोटोग्राफी तकनीक का पेटेंट कराया था. फ्रांस के फोटोग्राफी तकनीक के अविष्कारक जोसेफ नाइसफॉर और लुइस डोगेर ने 9 जनवरी 1839 को यह तकनीक खोजी थी.

इस मौके पर फोटोग्राफर राजू डुडेजा ने फोटोग्राफी के बारे में बताया, देखिए वीडियो

वैश्य महाविद्यालय में हुआ कार्यक्रम का आयोजन

कोरोना के इस दौर में भिवानी में भी आज सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते विश्व फोटोग्राफी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. ये कार्यक्रम वैश्य महाविद्यालय में मनाया गया. इस कार्यक्रम में फोटोग्राफर्स को सम्मानित किया गया और उनकी फोटोग्राफी को प्रदर्शित किया गया.

इस दिन का मकसद है कि अगली पीढ़ी फोटोग्राफी से प्रेरित हो

इस मौके पर फोटोग्राफर राजू डुडेजा ने बताया कि फोटोग्राफी वह कला है जिससे हम लोगों के महत्वपूर्ण और खास पलों को हमेशा-हमेशा के लिए कैमरे में कैद कर यादगार बना देते हैं. एक समय था जब फोटोग्राफी कैमरा एक बक्से के आकार का होता था आज वह एक चिप में सिमट गया है. डिजिटल फोटोग्राफी ने कैमरे के आकार में अभूतपूर्व परिवर्तन करने का काम किया है. उन्होंने बताया कि फोटोग्राफी दिवस बनाने का उद्देश्य इस क्षेत्र के कौशल को अगली पीढ़ी को अपनाने के लिए प्रेरित करना है.

ये पढ़ें- पंडित जसराज को पसंद था हरियाणवी चूरमा और हलवा, फतेहाबाद में आज भी है पैदाइशी घर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.