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भिवानी: चौ. बंसीलाल नागरिक अस्पताल में मनाया गया विश्व श्रवण दिवस

भिवानी के नागरिक अस्पलात में विश्व श्रवण दिवस मनाया गया जिसमें अस्पताल में आए मरीज और अन्य लोगों को इस बारे में जागरुक किया गया. विश्व श्रवण दिवस हर वर्ष 3 मार्च को बहरेपन को रोकने के लिए मनाया जाता है.

World Hearing Day bhiwani
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Published : Mar 3, 2021, 4:02 PM IST

भिवानी: चौ. बंसीलाल नागरिक अस्पताल में बुधवार को विश्व श्रवण दिवस मनाया गया. जिसमें अस्पताल में आए मरीज और अन्य लोगों को इस बारे जागरूक किया गया. भिवानी की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सपना गहलावत ने बताया कि विश्व स्तर पर विश्व श्रवण दिवस प्रति वर्ष तीन मार्च को बहरेपन को रोकने और दुनियाभर में कान से सुनने की क्षमता की देखभाल को बढ़ावा देने के बारे लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है.

ये भी पढ़ें: भिवानी में वुमन वीक का आगाज, छात्राओं ने दिखाया संसद का आदर्श रूप

उन्होने बताया कि जो भी व्यक्ति या बच्चे मोबाइल फोन और इयरफोन का ज्यादा इस्तेमाल करते है या गाना सुनते है. जिसकी वजह से उन्हे तेज आवाज लगातार सुनने से उनकी श्रवण क्षमता प्रभावित होती है.

मोबाइल फोन से इयरफोन लगाकर तेज संगीत सुनना घातक हो रहा है. उन्होंने बताया कि शोध के अनुसार सामान्य बातचीत 60 डेसिबल में होती है, अगर 120 डेसिबल की ध्वनि कान में पड़ती है तो असहजता एवं घबराहट होने लगती है.

ये भी पढ़ें: भिवानी: छात्रों ने चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को सौंपा ज्ञापन

डॉ. सपना गहलावत ने बताया कि अगर यह ध्वनि बढ़कर 130 डेसिबल पहुंच जाती है तो कान में दर्द होने लगता है. वही ध्वनि 140 डेसिबल से अधिक हो जाए तो कान का परदा तत्काल खराब हो सकता है. उन्होंने बताया कि अधिक इयरफोन का इस्तेमाल ना करें. किशोर-किशोरियां 10-15 मिनट से अधिक समय तक इयरफोन ना लगांए. अगर इयरफोन का प्रयोग करना है तो कम ध्वनि का प्रयोग करें.

भिवानी: चौ. बंसीलाल नागरिक अस्पताल में बुधवार को विश्व श्रवण दिवस मनाया गया. जिसमें अस्पताल में आए मरीज और अन्य लोगों को इस बारे जागरूक किया गया. भिवानी की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सपना गहलावत ने बताया कि विश्व स्तर पर विश्व श्रवण दिवस प्रति वर्ष तीन मार्च को बहरेपन को रोकने और दुनियाभर में कान से सुनने की क्षमता की देखभाल को बढ़ावा देने के बारे लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है.

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उन्होने बताया कि जो भी व्यक्ति या बच्चे मोबाइल फोन और इयरफोन का ज्यादा इस्तेमाल करते है या गाना सुनते है. जिसकी वजह से उन्हे तेज आवाज लगातार सुनने से उनकी श्रवण क्षमता प्रभावित होती है.

मोबाइल फोन से इयरफोन लगाकर तेज संगीत सुनना घातक हो रहा है. उन्होंने बताया कि शोध के अनुसार सामान्य बातचीत 60 डेसिबल में होती है, अगर 120 डेसिबल की ध्वनि कान में पड़ती है तो असहजता एवं घबराहट होने लगती है.

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डॉ. सपना गहलावत ने बताया कि अगर यह ध्वनि बढ़कर 130 डेसिबल पहुंच जाती है तो कान में दर्द होने लगता है. वही ध्वनि 140 डेसिबल से अधिक हो जाए तो कान का परदा तत्काल खराब हो सकता है. उन्होंने बताया कि अधिक इयरफोन का इस्तेमाल ना करें. किशोर-किशोरियां 10-15 मिनट से अधिक समय तक इयरफोन ना लगांए. अगर इयरफोन का प्रयोग करना है तो कम ध्वनि का प्रयोग करें.

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