भिवानी: मुख्यमंत्री मनोहर लाल की तरफ से शुरू की गई सीएम विंडो के अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर कई बार उंगली उठती रही हैं. कई बार ऐसी शिकायत देखने को मिली है. भिवानी के प्रेमनगर में रहने वाले राजेश ने भी सीएम विंडो के अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं.
गांव प्रेमनगर निवासी राजेश कुमार ने 6 फरवरी 2020 को एक शिकायत सीएम विंडो में दी थी. उसने शिकायत के माध्यम से गांव प्रेमनगर में ग्राम पंचायत की तरफ से शौचालय के निर्माण में गबन करने का आरोप लगाया था.
'जांच अधिकारी ने ही की मिलीभगत'
पीड़ित राजेश के मुताबिक सीएम विंडो पर की गई शिकायत की जांच की जिम्मेदारी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी भिवानी को सौंपी गई थी. इस मामले में बीडीपीओ ने इस शिकायत की जांच करने के बजाए, कई अन्य आरोपियों से मिलीभगत करके पीड़ित राजेश के नाम का फर्जी प्रार्थना पत्र तैयार करवा लिया और ऑफिस में जमा करवा दिया गया. राजेश का कहना है कि जब उसे सीएम विंडो से मोबाइल पर मैसेज आया तो उसके होश उड़ गए. वो अपनी शिकायत के जवाब से संतुष्ट नहीं था. उसका कहना है कि उसने किसी भी राजीनामे पर हस्ताक्षर नहीं किया.
'आरोपी ही बना दिया गया जांच अधिकारी'
पीड़ित ने सीएम विंडो के उपायुक्त के जरिए से मुख्यमंत्री पर दोबारा शिकायत भेजी. इस शिकायत में जिस बीडीपीओ पर उसने आरोपियों के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया था. उसी को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया गया.
राजेश ने बताया कि दफ्तर की शिकायत पर जो हस्ताक्षर उसके नाम है उसकी एफएसएल जांच भी उनसे करवाई है. जांच में ये साबित होता है कि हस्ताक्षर पूरी तरह से फर्जी है. राजेश ने उपायुक्त को दोबारा पत्र भेजकर इस मामले की पूरी जांच मांग की है. उसने आरोप लगाया है कि इस मामले की जांच आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.
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