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हरियाणा के स्कूलों में पढ़ाया जाएगा वैदिक गणित, 6ठीं से 10वीं क्लास के बच्चों को फ्री मिलेगी पुस्तक - हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड

अब हरियाणा के स्कूलों में वैदिक गणित (vedic mathematics in haryana schools) पढ़ाया जाएगा. इसके लिए सरकार ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को इसे लागू करने के लिए सैंद्धांतिक मंजूरी दे दी है.

haryana board of school education
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Published : Oct 6, 2022, 3:20 PM IST

भिवानी: भारत का प्राचीन वैदिक गणित अब हरियाणा के स्कूलों (vedic mathematics in haryana schools) में पढ़ाया जाएगा. हरियाणा सरकार ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को इसे लागू करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. ये जानकारी हरियाणा शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉक्टर जगबीर सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि वैदिक गणित को स्कूलों में लागू करने के लिए राज्य सरकार ने शिक्षा बोर्ड (haryana board of school education) को 18 लाख रुपये की अतिरिक्त ग्रांट भी दी है, ताकि वैदिक गणित की पुस्तकों को स्कूलों में नि:शुल्क लागू किया जा सके.

शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन ने डीएलएड परीक्षाओं के परिणाम भी घोषित किए. बोर्ड चेयरमैन ने बताया कि हरियाणा प्रदेश के प्रत्येक खंड के 3 चुनिंदा स्कूलों में प्रथम चरण में वैदिक गणित की पढ़ाई शुरू करवाई जाएगी. इसके लिए 46 हजार वैदिक गणित की पुस्तकों को छपवाया करवाया जा चुका है. शिक्षा बोर्ड के गणित विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश भाटिया ने बताया कि वैदिक गणित के ट्रीगनोमैट्री के एक सूत्र से सैंकड़ों सूत्रों को समाहित किया गया है. इससे छात्रों को अधिक सूत्र रटने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी तथा गणित के सवालों को सरल तरीके हल किया जा सकेगा.

उन्होंने कहा कि वैदिक गणित की एक ही पुस्तक छठी से 10वीं कक्षा तक के लिए स्कूलों में लगवाई जा रही है. बोर्ड चेयरमैन ने पुस्तक का अनावरण भी किया. इस मौके पर बोर्ड चेयरमैन ने ये भी कहा कि देश भर के 68 शिक्षा बोर्डो में हरियाणा ऐसा शिक्षा बोर्ड है, जिसमें छठी से 10वीं तक इतिहास की पुस्तकों को नई शिक्षा नीति के अनुरूप बदलने का काम किया है. बोर्ड चेयरमैन ने ये भी बताया कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने स्कूली स्तर पर कृषि एवं पशुपालन विषयों को लागू करने का कार्य किया है, ताकि व्यवहारिक शिक्षा देने का उद्देश्य सफल हो सकें.

ये भी पढ़ें- सिरसा में फर्जी एसएलसी और मार्कशीट बनाने का मामला, तीन निजी स्कूल संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज

उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रकार की अंकतालिकाओं को ऑनलाइन प्राप्त करने के लिए पोर्टल का निर्माण करने में भी हरियाणा बोर्ड ने अभूतपूर्व काम किया है. बोर्ड चेयरमैन ने डीएलएड परीक्षाओं के परिणाम भी घोषित किए, जिसमें डीएलएड प्रथम वर्ष-2019 की रि-अपीयर परीक्षा की पास प्रतिशतता 50 रही. द्वितीय वर्ष-2019 की रि-अपीयर की परीक्षा की पास प्रतिशतता 76.44 रही. डीएलएड प्रथम वर्ष-2020 की रि-अपीयर की परीक्षा की पास प्रतिशतता 55.51 रही है और द्वितीय वर्ष-2020 की नियमित की परीक्षा की पास प्रतिशतता 57.80 रही है. इसी प्रकार डीएलएड प्रथम वर्ष 2021 की नियमित परीक्षाओं का रिजल्ट 37.95 प्रतिशत रहा है.

भिवानी: भारत का प्राचीन वैदिक गणित अब हरियाणा के स्कूलों (vedic mathematics in haryana schools) में पढ़ाया जाएगा. हरियाणा सरकार ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को इसे लागू करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. ये जानकारी हरियाणा शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉक्टर जगबीर सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि वैदिक गणित को स्कूलों में लागू करने के लिए राज्य सरकार ने शिक्षा बोर्ड (haryana board of school education) को 18 लाख रुपये की अतिरिक्त ग्रांट भी दी है, ताकि वैदिक गणित की पुस्तकों को स्कूलों में नि:शुल्क लागू किया जा सके.

शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन ने डीएलएड परीक्षाओं के परिणाम भी घोषित किए. बोर्ड चेयरमैन ने बताया कि हरियाणा प्रदेश के प्रत्येक खंड के 3 चुनिंदा स्कूलों में प्रथम चरण में वैदिक गणित की पढ़ाई शुरू करवाई जाएगी. इसके लिए 46 हजार वैदिक गणित की पुस्तकों को छपवाया करवाया जा चुका है. शिक्षा बोर्ड के गणित विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश भाटिया ने बताया कि वैदिक गणित के ट्रीगनोमैट्री के एक सूत्र से सैंकड़ों सूत्रों को समाहित किया गया है. इससे छात्रों को अधिक सूत्र रटने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी तथा गणित के सवालों को सरल तरीके हल किया जा सकेगा.

उन्होंने कहा कि वैदिक गणित की एक ही पुस्तक छठी से 10वीं कक्षा तक के लिए स्कूलों में लगवाई जा रही है. बोर्ड चेयरमैन ने पुस्तक का अनावरण भी किया. इस मौके पर बोर्ड चेयरमैन ने ये भी कहा कि देश भर के 68 शिक्षा बोर्डो में हरियाणा ऐसा शिक्षा बोर्ड है, जिसमें छठी से 10वीं तक इतिहास की पुस्तकों को नई शिक्षा नीति के अनुरूप बदलने का काम किया है. बोर्ड चेयरमैन ने ये भी बताया कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने स्कूली स्तर पर कृषि एवं पशुपालन विषयों को लागू करने का कार्य किया है, ताकि व्यवहारिक शिक्षा देने का उद्देश्य सफल हो सकें.

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उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रकार की अंकतालिकाओं को ऑनलाइन प्राप्त करने के लिए पोर्टल का निर्माण करने में भी हरियाणा बोर्ड ने अभूतपूर्व काम किया है. बोर्ड चेयरमैन ने डीएलएड परीक्षाओं के परिणाम भी घोषित किए, जिसमें डीएलएड प्रथम वर्ष-2019 की रि-अपीयर परीक्षा की पास प्रतिशतता 50 रही. द्वितीय वर्ष-2019 की रि-अपीयर की परीक्षा की पास प्रतिशतता 76.44 रही. डीएलएड प्रथम वर्ष-2020 की रि-अपीयर की परीक्षा की पास प्रतिशतता 55.51 रही है और द्वितीय वर्ष-2020 की नियमित की परीक्षा की पास प्रतिशतता 57.80 रही है. इसी प्रकार डीएलएड प्रथम वर्ष 2021 की नियमित परीक्षाओं का रिजल्ट 37.95 प्रतिशत रहा है.

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