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केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ मजदूर संगठन सीटू ने किया संघर्ष का ऐलान - केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भिवानी

भिवानी में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि अध्यादेशों के खिलाफ 24 जुलाई को मजदूर संगठन सीटू पूरे प्रदेश और देश में विरोध प्रदर्शन करेगा.

trade organization citu will protest against central and state government in bhiwani
केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ मजदूर संगठन सीटू ने किया संघर्ष का ऐलान
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Published : Jul 22, 2020, 10:19 PM IST

भिवानी: नए कृषि अध्यादेश, श्रम कानूनों में बदलाव, कॉंट्रेक्ट फॉर्मिंग आदि मांगों को लेकर 24 जुलाई को मजदूर संगठन सीटू प्रदेश और देश में विरोध प्रदर्शन करेगा. इस विरोध प्रदर्शन में भारी संख्या में किसान और मजदूर शामिल होंगे. ये जानकारी सीटू जिला सचिव अनिल कुमार और जिला सह सचिव धर्मबीर बालमा ने दी.

उन्होंने कहा कि करोना कि आड़ में सरकार मेहनतकश वर्ग, मजदूर व किसानों के कानूनों को खत्म करके पूंजीपतियों को लुट की भारी छूट दे रही है. इस कोरोना सकंट की सबसे ज्यादा मार मजदूरों पर पड़ी है. जहां एक तरफ करोड़ों मजदूरों को अपने काम-धंधों से हाथ धोना पड़ा है. वहीं मालिकों ने लॉकडाउन के दौरान की मजदूरी का भुगतान भी नही किया.

उन्होंने कहा कि सरकार अपने चहते पूंजीपतियों को और ज्यादा मुनाफा कमाने की छुट देने के लिए ज्यादातर प्रदेश की सरकारों ने तीन साल के लिए सभी श्रम कानूनों को खत्म करके मजदूरों को गुलाम बनाया दिया है. जनता की गाढ़ी कमाई से खड़े किए गए रेलवे, कोयला, एयरलाईन, प्रतिरक्षा और बिजली का निजिकरण करके देश के संसाधनों को लुटवाया जा रहा है. निर्माण व अन्य मजदूरों के लिए बने श्रम कल्याण बोर्डों को मर्ज करके इनका पैसा हजम करने की साजिश रची जा रही है.

सीटू के नेताओं ने कहा कि कोरोना संकट के समय सरकार ने अध्यादेश लाकर किसानों को बर्बाद करने का कार्य किया है. ठेका खेती, मंडियों कि समाप्ति और एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट लाकर जमाखोरो को लूट कि छूट दे दी है. सरकार की इन मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ भारी रोष पनप रहा है. जिसके कारण आज किसान मजदूर को संघर्ष के मैदान में आने के लिए मजबूर कर दिया गया है. अगर सरकार समय रहते जन विरोधी अध्यादेशों को वापस नहीं लेती है. तो सभी मजदूर और किसान वर्ग मिलकर सड़कों पर उतरेंगे.

ये भी पढ़ें: सिरसाः केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन अध्यादेशों के खिलाफ किसानों ने किया प्रदर्शन

भिवानी: नए कृषि अध्यादेश, श्रम कानूनों में बदलाव, कॉंट्रेक्ट फॉर्मिंग आदि मांगों को लेकर 24 जुलाई को मजदूर संगठन सीटू प्रदेश और देश में विरोध प्रदर्शन करेगा. इस विरोध प्रदर्शन में भारी संख्या में किसान और मजदूर शामिल होंगे. ये जानकारी सीटू जिला सचिव अनिल कुमार और जिला सह सचिव धर्मबीर बालमा ने दी.

उन्होंने कहा कि करोना कि आड़ में सरकार मेहनतकश वर्ग, मजदूर व किसानों के कानूनों को खत्म करके पूंजीपतियों को लुट की भारी छूट दे रही है. इस कोरोना सकंट की सबसे ज्यादा मार मजदूरों पर पड़ी है. जहां एक तरफ करोड़ों मजदूरों को अपने काम-धंधों से हाथ धोना पड़ा है. वहीं मालिकों ने लॉकडाउन के दौरान की मजदूरी का भुगतान भी नही किया.

उन्होंने कहा कि सरकार अपने चहते पूंजीपतियों को और ज्यादा मुनाफा कमाने की छुट देने के लिए ज्यादातर प्रदेश की सरकारों ने तीन साल के लिए सभी श्रम कानूनों को खत्म करके मजदूरों को गुलाम बनाया दिया है. जनता की गाढ़ी कमाई से खड़े किए गए रेलवे, कोयला, एयरलाईन, प्रतिरक्षा और बिजली का निजिकरण करके देश के संसाधनों को लुटवाया जा रहा है. निर्माण व अन्य मजदूरों के लिए बने श्रम कल्याण बोर्डों को मर्ज करके इनका पैसा हजम करने की साजिश रची जा रही है.

सीटू के नेताओं ने कहा कि कोरोना संकट के समय सरकार ने अध्यादेश लाकर किसानों को बर्बाद करने का कार्य किया है. ठेका खेती, मंडियों कि समाप्ति और एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट लाकर जमाखोरो को लूट कि छूट दे दी है. सरकार की इन मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ भारी रोष पनप रहा है. जिसके कारण आज किसान मजदूर को संघर्ष के मैदान में आने के लिए मजबूर कर दिया गया है. अगर सरकार समय रहते जन विरोधी अध्यादेशों को वापस नहीं लेती है. तो सभी मजदूर और किसान वर्ग मिलकर सड़कों पर उतरेंगे.

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