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कोरोना महामारी पर खर्च 345 करोड़ रु को लेकर किरण चौधरी ने सरकार पर बोला हमला - तोशाम विधायक किरण चौधरी

तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने कोरोना महामारी में मरीजों पर खर्च हुई धनराशि पर गोलमाल की संभावना जताई है. उन्होंने कहा कि सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए.

tosham mla kiran chaudhary demand for investigation funds spent on corona epidemic
तोशाम से विधायक किरण चौधरी
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Published : Sep 23, 2020, 5:17 PM IST

भिवानी: कोरोना महामारी पर खर्च हुई धनराशि को लेकर हरियाणा में राजनीति तेज हो गई है. इस पर तोशाम से कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को कोरोना महामारी पर खर्च हुई धनराशि की जांच करवानी चाहिए.

इस धनराशि के खर्च में बड़े गोलमाल की संभावना है. उन्होंने कहा कि आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार ने अभी तक 345 करोड़ रुपये कोरोना महामारी पर खर्च किए हैं.

उन्होंने कहा कि एक मरीज पर लगभग 26 हजार से अधिक का खर्चा दिखाया गया है, जबकि सच्चाई ये है कि कोरोना मरीज घरों में ही आइसोलेट किए जा रहे हैं और उनको 100 रुपये की दवा दी जा रही है. अगर देखा जाए तो केवल एक मरीज पर 4 से 5 हजार रुपये का खर्च आता है. ऐसे में 26 हजार का खर्चा तो किसी भी मरीज पर खर्च होता नहीं दिखाई दे रहा.

ये भी पढ़ें:-कृषि मंत्री जेपी दलाल ने फसलों की MSP बढ़ाने का किया स्वागत

किरण चौधरी ने कहा कि सरकार को तुरंत ही इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए. अगर इस तरह का कोई गोलमाल किया जा रहा है, तो उसकी तुरंत जांच करवानी चाहिए. क्योंकि सच्चाई तो यही है कि कोरोना से पीड़ित मरीजों को केवल दवाईयां ही दी जा रही हैं. ऐसे में इतना खर्च कैसे संभव हो सकता है?

भिवानी: कोरोना महामारी पर खर्च हुई धनराशि को लेकर हरियाणा में राजनीति तेज हो गई है. इस पर तोशाम से कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को कोरोना महामारी पर खर्च हुई धनराशि की जांच करवानी चाहिए.

इस धनराशि के खर्च में बड़े गोलमाल की संभावना है. उन्होंने कहा कि आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार ने अभी तक 345 करोड़ रुपये कोरोना महामारी पर खर्च किए हैं.

उन्होंने कहा कि एक मरीज पर लगभग 26 हजार से अधिक का खर्चा दिखाया गया है, जबकि सच्चाई ये है कि कोरोना मरीज घरों में ही आइसोलेट किए जा रहे हैं और उनको 100 रुपये की दवा दी जा रही है. अगर देखा जाए तो केवल एक मरीज पर 4 से 5 हजार रुपये का खर्च आता है. ऐसे में 26 हजार का खर्चा तो किसी भी मरीज पर खर्च होता नहीं दिखाई दे रहा.

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किरण चौधरी ने कहा कि सरकार को तुरंत ही इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए. अगर इस तरह का कोई गोलमाल किया जा रहा है, तो उसकी तुरंत जांच करवानी चाहिए. क्योंकि सच्चाई तो यही है कि कोरोना से पीड़ित मरीजों को केवल दवाईयां ही दी जा रही हैं. ऐसे में इतना खर्च कैसे संभव हो सकता है?

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