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Tokyo Olympics: मेडल के लिए मुक्के बरसाने उतरेंगे मनीष, जानिए किसान पिता के बॉक्सर बेटे की कहानी

टोक्यो ओलंपिक-2021 (Tokyo Olympic-2021) में देश को हरियाणा के भिवानी जिले के बॉक्सर मनीष कौशिक (boxer manish kaushik) से काफी उम्मीदें हैं. मनीष से पूरा देश गोल्ड मेडल की आस लगाए बैठा है. मनीष भी दिन रात बॉक्सिंग रिंग में पसीना बहा रहे हैं. इस रिपोर्ट में देखिए ओलंपिक के लिए कैसी तैयारी कर रहे हैं मनीष कौशिक...

boxer manish kaushik preparation
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Published : Jun 15, 2021, 7:49 PM IST

Updated : Jul 24, 2021, 10:49 PM IST

भिवानी: टोक्यो ओलंपिक का आगाज होने में कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में दुनिया भर के खिलाड़ी ओलंपिक की तैयारियों में जुटे हैं. वहीं भारत की ओर से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले खिलाड़ी भी जी जान से मेहनत कर रहे हैं. इन्हीं खिलाड़ियों में से एक हैं बॉक्सर मनीष कौशिक. मिनी क्यूबा के नाम से मशहूर हरियाणा के भिवानी जिले के अर्जुन अवॉर्डी मुक्केबाज मनीष कौशिक टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में 63 किलोग्राम भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.

बॉक्सर मनीष कौशिक ट्रेनिंग के लिए इटली जा रहे हैं. वहीं इटली जाने से पहले उन्होंने अपनी तैयारियों के बारे में बताया और ओलंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए देश के लोगों से दुआएं करने की गुजारिश भी की. मनीष ने कहा कि ओलंपिक को लेकर वो पूरी मेहनत कर रहे हैं. बेहतर तैयारी के लिए वो इटली जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ओलंपिक में वो देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे बस सब लोग उनके लिए दुआएं करें.

टोक्यो में देश का झंडा ऊंचा करेगा भिवानी का ये बॉक्सर

छोटे से गांव से तय किया ओलंपिक तक का सफर

भिवानी के छोटे से गांव देवसर से मुक्केबाजी का सफर शुरू करने वाले मनीष कौशिक ने अब तक ओलंपिक तक का सफर तय करते हुए कड़ी मेहनत के बल पर मुक्केबाजी में वो मुकाम हासिल से किया है जिससे पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन हुआ. मनीष के ओलंपिक के लिए क्वालीफाई के बाद से ही परिवार व गांव में खुशी की लहर है. परिजनों व ग्रामीणों को मनीष से ओलंपिक में देश के लिए मेडल लाने की पूरी आस है.

ये भी पढ़ें- Tokyo Olympic-21: गोल्ड का भरोसा, चोट के बावजूद जानिए कैसे तैयारी कर रहीं पहलवान सोनम मलिक

सेना में नायब सूबेदार के पद पर हैं तैनात

मनीष के पिता किसान हैं और उनकी माता गृहणी हैं. मनीष के पिता सोमदत्त ने बताया कि मनीष ने साल 2008 में मुक्केबाजी का सफर शुरू करते हुए 32 किलोग्राम भार वर्ग में एक बच्चे के रूप में पहला मेडल जीता था. इन दिनों मनीष भारतीय सेना की तरफ से खेलते हैं. साल 2015 में मनीष भारतीय सेना में नायब सूबेदार के पद पर तैनात हुए थे. मनीष ने अब तक के 30 से अधिक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में मेडल प्राप्त किए हैं.

पूरे देश को है मेडल की आस

टोक्यो में 23 जुलाई से 8 अगस्त तक ओलंपिक खेलों का आयोजन किया जाएगा. मनीष कौशिक जब टोक्यो ओलंपिक में रिंग में उतरेंगे तो पूरे देश को उनसे गोल्ड मेडल की आस रहेगी. मनीष को भी देश की उम्मीदों का बखूबी अंदाजा है. यही वजह है कि वो दिनरात जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. अब इंतजार है तो उस दिन का जब भिवानी का ये बेटा टोक्यो में देश का झंड़ा ऊंचा करेगा.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के इस पहलवान से टोक्यो ओलंपिक में पदक की सबसे ज्यादा उम्मीदें, देखिए अब तक का शानदार सफर

भिवानी: टोक्यो ओलंपिक का आगाज होने में कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में दुनिया भर के खिलाड़ी ओलंपिक की तैयारियों में जुटे हैं. वहीं भारत की ओर से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले खिलाड़ी भी जी जान से मेहनत कर रहे हैं. इन्हीं खिलाड़ियों में से एक हैं बॉक्सर मनीष कौशिक. मिनी क्यूबा के नाम से मशहूर हरियाणा के भिवानी जिले के अर्जुन अवॉर्डी मुक्केबाज मनीष कौशिक टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में 63 किलोग्राम भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.

बॉक्सर मनीष कौशिक ट्रेनिंग के लिए इटली जा रहे हैं. वहीं इटली जाने से पहले उन्होंने अपनी तैयारियों के बारे में बताया और ओलंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए देश के लोगों से दुआएं करने की गुजारिश भी की. मनीष ने कहा कि ओलंपिक को लेकर वो पूरी मेहनत कर रहे हैं. बेहतर तैयारी के लिए वो इटली जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ओलंपिक में वो देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे बस सब लोग उनके लिए दुआएं करें.

टोक्यो में देश का झंडा ऊंचा करेगा भिवानी का ये बॉक्सर

छोटे से गांव से तय किया ओलंपिक तक का सफर

भिवानी के छोटे से गांव देवसर से मुक्केबाजी का सफर शुरू करने वाले मनीष कौशिक ने अब तक ओलंपिक तक का सफर तय करते हुए कड़ी मेहनत के बल पर मुक्केबाजी में वो मुकाम हासिल से किया है जिससे पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन हुआ. मनीष के ओलंपिक के लिए क्वालीफाई के बाद से ही परिवार व गांव में खुशी की लहर है. परिजनों व ग्रामीणों को मनीष से ओलंपिक में देश के लिए मेडल लाने की पूरी आस है.

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सेना में नायब सूबेदार के पद पर हैं तैनात

मनीष के पिता किसान हैं और उनकी माता गृहणी हैं. मनीष के पिता सोमदत्त ने बताया कि मनीष ने साल 2008 में मुक्केबाजी का सफर शुरू करते हुए 32 किलोग्राम भार वर्ग में एक बच्चे के रूप में पहला मेडल जीता था. इन दिनों मनीष भारतीय सेना की तरफ से खेलते हैं. साल 2015 में मनीष भारतीय सेना में नायब सूबेदार के पद पर तैनात हुए थे. मनीष ने अब तक के 30 से अधिक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में मेडल प्राप्त किए हैं.

पूरे देश को है मेडल की आस

टोक्यो में 23 जुलाई से 8 अगस्त तक ओलंपिक खेलों का आयोजन किया जाएगा. मनीष कौशिक जब टोक्यो ओलंपिक में रिंग में उतरेंगे तो पूरे देश को उनसे गोल्ड मेडल की आस रहेगी. मनीष को भी देश की उम्मीदों का बखूबी अंदाजा है. यही वजह है कि वो दिनरात जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. अब इंतजार है तो उस दिन का जब भिवानी का ये बेटा टोक्यो में देश का झंड़ा ऊंचा करेगा.

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Last Updated : Jul 24, 2021, 10:49 PM IST
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