भिवानी: भारत देश को साल 2025 तक टीबी से मुक्त करने के उद्देश्य से चलाए गए अभियान का असर अब दिखने लगा है. इस अभियान से भिवानी जिले को टीबी उन्मूलन अभियान में अवेयरनेस के लिए 5 लाख रुपये का पुरस्कार और बेहतर टीबी उन्मूलन सेंटर की स्थापना के लिए तीन लाख रुपये का पुरस्कार स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदान किया गया है. भारत सरकार ने मार्च महीने को टीबी उन्मूलन के लिए जन आंदोलन के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. इसके तहत विभिन्न जागरूकता रैलियों और टीबी उन्मूलन सेमिनार का आयोजन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है.
भिवानी के डॉक्टर ने दी जानकारी: भिवानी जिला को अन्य जिलों के साथ प्रथम पुरस्कार प्राप्त होने पर भिवानी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रघुबीर शांडिल्य ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग हरियाणा मुख्य रूप से टीबी मुक्त भारत अभियान में जुटा है. इसको लेकर हरियाणा सरकार की ओर से टीबी को समाप्त करने में बेहतर कार्य करने वाले सात जिलों को पुरस्कृति किया है. इनमें सात जिलों को पांच-पांच लाख रुपये, जबकि तीन नागरिक अस्पतालों को तीन-तीन लाख रुपये दिये गये हैं.
जागरूकता के लिये तीन जिलों को सम्मान: डॉक्टर ने बताया कि प्रदेशभर के 22 जिलों में से भिवानी, कैथल और महेंद्रगढ़ को टीबी उन्मूलन अभियान में जागरूकता के लिए पांच-पांच लाख रुपये की राशि मिली है, जबकि अंबाला, भिवानी और रोहतक के नागरिक अस्पतालों को बेहतर टीबी उन्मूलन सैंटर की स्थापना के लिए तीन-तीन लाख रुपये की राशि मिली है. उन्होंने बताया कि इस राशि का 75 फीसदी खर्च टीबी उन्मूलन को लेकर जिला के विभिन्न टीबी उन्मूलन सेंटरों तथा 25 फीसदी राशि स्वास्थ्य विभाग की टीम को बेहतर कार्य के लिए वितरित की जाएगी.
टीबी जारुकता अभियान: उन्होंने बताया कि भिवानी जिला में टीबी जागरूकता को लेकर एक फरवरी से दो मार्च 2023 तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत घर-घर जाकर टीबी की बीमारी से संबंधित सभी आंकड़े एकत्रित किए जा रहे हैं. सीएमओ ने बताया कि भिवानी जिले की कुल सात लाख 67 हजार 823 जनसंख्या है, जिसके सर्वे के लिए 664 टीमों का गठन किया गया है. ये टीमें स्लम एरिया, गांव, शहर की विभिन्न ढाणियों में घर-घर जाकर एक्टिव मरीजों के आंकड़े एकत्रित कर उन्हें उपचार संबंधी जानकारियां दे रही है. ताकि एक्टिव केस के सही आंकड़े आ सके और टीबी उन्मूलन अभियान को सफल बनाया जा सके.
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टीबी वाले मरीज इन बातों का रखें खास ख्याल: इस बारे में उप सिविल सर्जन एवं टीबी उन्मूलन अभियान की नोडल ऑफिसर डॉ. सुमन विश्वकर्मा ने बताया कि यदि कोई भी टीबी का मरीज अपना पूरा ध्यान नहीं रखता है, खांसते या छिंकते समय मुंह पर कपड़ा नहीं रखता है, तो वह व्यक्ति दूसरों को टीबी का मरीज बना सकता है. इसलिए टीबी के मरीज को यह ध्यान रखना चाहिए कि वह खांसते या छींकते समय मुंह पर कपड़ा अवश्य रखें. विभाग की ओर से टीबी, एचआईवी और कुष्ठ रोगियों की पहचान करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. ताकि मरीज की पहचान हो सके और उन्हें उचित चिकित्सा सुविधाएं मिल सके.
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