भिवानी: नए बस स्टैंड के समीप हरियाणा स्टेट सीनियर वूमेन वुशु चैंपियनशिप 2019 का आयोजन किया गया. जिसके मुख्य अतिथि मुकेश गॉड रहे. इस चैंपियनशिप में तकरीबन 125 खिलाड़ियों ने भाग लिया है तथा यहां से विजेता रहने वाली टीम जम्मू कश्मीर के अंदर 26 दिसंबर से 30 दिसंबर तक सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में भाग लेगी.
विजेता टीमों का मुकाबला जम्मू-कश्मीर में
चैंपियनशिप के ऑर्गेनाइजर राजेश कुमार ने बताया कि इस चैंपियनशिप में इंटरनेशनल लेवल के खिलाड़ी भी भाग लेंगे. इस चैंपियनशिप में तकरीबन 125 खिलाड़ियों ने भाग लिया है तथा यहां से विजेता रहने वाली टीम जम्मू- कश्मीर के अंदर 26 दिसंबर से 30 दिसंबर तक सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में भाग लेगी.
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क्या है वुशु खेल?
वुशु, एक पारंपरिक चीनी मार्शल आर्ट खेल है, इस खेल को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है - ताओलू और संसौ. ताओलू पूर्व निर्धारित, एक्रोबेटिक आंदोलनों से संबंधित है जहां प्रतियोगी काल्पनिक हमलावरों के खिलाफ उनकी तकनिकियों पर महारथ हासिल की जाती है. दूसरी तरफ, संसौ एक पूर्ण संपर्क खेल है, प्राचीन प्रथाओं और आधुनिक खेल सिद्धांतों का संयोजन है, जो कि कुश्ती या किक-मुक्केबाजी जैसा दिखता है.
वुशु बहुत ही लोकप्रिय खेल है, जिसकी जड़ें चीन में जुड़ी हुई हैं. भारत के वुशु एसोसिएशन ने इसे एक ऐसे गेम के रूप में वर्णित किया है जो लड़ाई की गतिविधियों के साथ आंतरिक और बाहरी दोनों अभ्यासों पर ध्यान देता है. वुशु खेल भारत में पहली बार 1989 में भारत आया था. इस खेल को राष्ट्रीय खेलों में पदक कार्यक्रम के रूप में खेला जाता है. भारत के वुशु एसोसिएशन के संस्थापक महासचिव श्री आनंद आनंद केकर के प्रयासों की वजह से ये खेल भारत आया.