भिवानी: विश्व रेबीज दिवस पर पशु चिकित्सालय गांव बलियाली में सोमवार को एक रेबीज मुक्त अभियान चलाया गया. पशु चिकित्सालय में पशुओं को रेबीज की बीमारी से बचाने के लिए जानकारी दी गई और आवारा पशुओं को टीके लगाकर उन्हें जानलेवा बीमारी से बचाने की तरफ कदम बढ़ाया गया.
इस बारे में जानकारी देते हुए पशु चिकित्सक डॉ. विजय सनसनवाल ने बताया कि रेबीज एक जानलेवा बीमारी है. ये वायरस हफ्तों से लेकर वर्षों तक शरीर को कमजोर करने की क्षमता रखता है. ये बीमारी लायसा वायरस द्वारा होती है. इस बीमारी का मुख्य कारण कुत्ता, बिल्ली और बंदरों के काटने से होती है. अगर एक बार इस बीमारी के लक्षण आदमी में आ गए तो फिर उसका बचना संभव नहीं होता.
इस बीमारी से बचाव के लिए पालतू पशुओं में टीकाकरण करवाना जरूरी है. उन्होंने बताया कि कुत्ता, बिल्ली, नेवले आदि के काटने पर 3, 7, 14, 24 व 90 दिन का टीकाकरण अवश्य करवाना चाहिए. उन्होंने बताया कि अगर ये जानवर काट ले तो उस स्थान को साबुन से धोकर खुला छोड़ना चाहिए.
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इस पर मिर्च नहीं बांधनी चाहिए. उन्होंने बताया कि काटे गए स्थान पर पोस्ट बाइट वैक्सीन अवश्य लगवानी चाहिए. यदि किसी पशु को रेबीज वाले जानवर द्वारा काटा गया है तो उसे अन्य पशुओं से दूर रखना चाहिए. क्योंकि यह बीमारी लार के द्वारा भी फैलती है.