भिवानी: जिले में राज्यस्तरीय शहीद दिवस कार्यक्रम मनाया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन भिवानी के किरोड़ीमल पार्क में किया गया. इस कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, राज्यसभा सांसद डीपी वत्स, केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह और भिवानी से सांसद धर्मबीर सिंह ने शहीद राव तुलाराम को पुष्पांजलि अर्पित की.
इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि हरियाणा बलिदानों की भूमि है. प्रदेश के हर गांव और गली से निकलकर भारतीय सैनिक देश की सेवा में जुटे हैं.
बच्चों को पढ़ाया जाए राव तुलाराम का इतिहास
इसी दौरान जनरल वीके सिंह ने कहा कि राव तुलाराम से जुड़े इतिहास को दक्षिण हरियाणा की इस वीर भूमि के बच्चों को किताबों के माध्यम से बांटना चाहिए, ताकि वे यहां की कुर्बानी के इतिहास को पढ़ सकें.
कौन थे राजा तुलाराम?
रेवाड़ी के राजा राव तुलाराम ने आजादी के पहले स्वाधीनता संग्राम मे अहम योगदान दिया था. अंग्रेजों के साथ एक ही युद्ध में राज राव तुलाराम की सेना के लगभग पांच हजार सैनिक शहीद हुए थे.
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1857 में अंग्रेजों से लड़े थे राजा तुलाराम
हरियाणा का रेवाड़ी जिला जिसे अहिरवाल का लंदन कहा जाता है और इस लंदन के राव राजा तुलाराम थे. राव तुलाराम ने देश के लिए लड़े गए 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान दिया था, जिसको लेकर हरियाणा के लोग 23 सितम्बर का दिन शहीदी दिवस के रूप में मनाते हैं.
14 साल की उम्र में राजा बने तलुराम
राजा राव तुलाराम का जन्म 9 दिसम्बर 1825 को रेवाड़ी के रामपुरा में हुआ था और उनकी दो बड़ी बहनें थी. राव तुलाराम को तुलासिंह भी कहा जाता था. राव तुलाराम की शिक्षा तब शुरू हुई जब वो पांच साल के थे. साथ-साथ ही उन्हें शस्त्र चलाने और घुड़सवारी की शिक्षा भी दी जा रही थी.
राजा तुलाराम का साम्राज्य
करीब 14 साल की उम्र में पिता की मृत्यु के बाद राव तुलराम को राजा चुना गया था. राव तुलाराम का राज्य कनीना, बवाल, फरुखनगर, गुड़गांव, फरीदाबाद, होडल और फिरोजपुर झिरका तक फैला हुआ था.