भिवानी: जिले में रेलवे निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ये प्रदर्शन नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे यूनियन की तरफ से किया गया था.
यूनियन का आरोप है कि सरकार ट्रेनों का संचालन प्राइवेट पार्टनर को देने की तैयारी कर रही है. जिसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के तहत कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की. इस मौके पर प्रदर्शनकारी वक्ताओं ने सरकार को चेताया कि यदि सरकार ने यूनियन की मांगों को अनसुना किया तो जोरदार आंदोलन खड़ा किया जाएगा.
इस मौके पर नार्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलाइज यूनियन के युवा संयोजक कामरेड कृष्ण कौशिक ने कहा कि जब लॉकडाउन में पूरा देश बंद था, उस समय जान की परवाह किए बगैर 10 लाख से अधिक रेल कर्मचारी मालगाड़ी, पार्सल ट्रेन का संचालन कर आवश्यक वस्तुओं को देश के कोने-कोने में पहुंचाने में लगे हुए थे. इतना ही नहीं जब राज्य सरकारे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने में फेल हो गई तो रेल कर्मियों ने उन्हे श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए घर पहुंचाया.
लेकिन सरकार रेल कर्मचारियों को इनाम देने की बजाय उनके डीए और अन्य एलाउंस को फ्रीज करने के साथ ही ट्रेनों का संचालन प्राइवेट पार्टनर को देने में जुटी हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत साफ नहीं है क्योंकि सरकार का हर कार्य मजदूर विरोधी है.
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उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि यूनियन अपनी रणनीति पर काम करें, ताकि सरकार को जवाब दिया जा सके. उन्होंने कहा कि संगठन डीए की लड़ाई लड़ रहा है, जबकि सरकार अपने छिपे एजेंडे पर काम करना शुरु कर दिया और तमाम महत्वपूर्ण रेलमार्ग पर प्रीमियम ट्रेनों का संचालन प्राइवेट पार्टनर को देने का न सिर्फ फैसला कर लिया, बल्कि इस पर काम भी शुरू हो गया.