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भिवानी: लघु सचिवालय के बाहर PTI टीचर्स का धरना, नौकरी बहाली की मांग

भिवानी में पीटीआई टीचर्स ने धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. टीचर्स ने सरकार से नौकरी बहाल करने की भी मांग की और ऐसा नहीं करने तक प्रदर्शन जारी रखने की चेतावनी दी.

pti teachers protest in front of mini secretariat of bhiwani
भिवानी: लघु सचिवालय के बाहर PTI टीचर्स का धरना, नौकरी बहाली की मांग
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Published : Aug 12, 2020, 4:08 PM IST

भिवानी: हरियाणा सरकार की ओर से निकाले गए 1983 पीटीआई टीचर्स का मामला गरमाता जा रहा है. टीचर्स धरना प्रदर्शन कर बहाली की मांग पर अड़े हैं. इसी कड़ी में भिवानी के लघु सचिवालय के बाहर भी पीटीआई टीचर्स ने धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

प्रदर्शन कर रहे पीटीआई टीचर्स ने कहा कि सरकार ने उन्हें नौकरी से हटाकर उनका ही नहीं बल्कि उनके पूरे परिवार का भविष्य संकट में डाल दिया है. सरकार को फैसला लेने से पहले एक बार टीचर्स के बारे में जरूर सोचना चाहिए था. इसके साथ ही पीटीआई टीचर्स ने सरकार से सुप्रीम कोर्ट में उनका पक्ष रखने की भी मांग की.

ये है पूरा मामला?

हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी गई थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी हैं.

ये भी पढ़िए: 13 अगस्त को हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक, मानसून सत्र की तारीख पर लग सकती है मुहर

हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा था. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए हरियाणा सरकार ने इसी साल 1983 पीटीआई शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है. जिसके बाद से प्रदेशभर में पीटीआई शिक्षकों की बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी है.

भिवानी: हरियाणा सरकार की ओर से निकाले गए 1983 पीटीआई टीचर्स का मामला गरमाता जा रहा है. टीचर्स धरना प्रदर्शन कर बहाली की मांग पर अड़े हैं. इसी कड़ी में भिवानी के लघु सचिवालय के बाहर भी पीटीआई टीचर्स ने धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

प्रदर्शन कर रहे पीटीआई टीचर्स ने कहा कि सरकार ने उन्हें नौकरी से हटाकर उनका ही नहीं बल्कि उनके पूरे परिवार का भविष्य संकट में डाल दिया है. सरकार को फैसला लेने से पहले एक बार टीचर्स के बारे में जरूर सोचना चाहिए था. इसके साथ ही पीटीआई टीचर्स ने सरकार से सुप्रीम कोर्ट में उनका पक्ष रखने की भी मांग की.

ये है पूरा मामला?

हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी गई थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी हैं.

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हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा था. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए हरियाणा सरकार ने इसी साल 1983 पीटीआई शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है. जिसके बाद से प्रदेशभर में पीटीआई शिक्षकों की बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी है.

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