भिवानी: जिले में पीटीआई अध्यापकों ने नौकरी बहाली की मांग को लेकर 22 वें दिन भी अपना धरना जारी रखा. सोमवार को धरने पर बैठे पीटीआई अध्यापकों को विभिन्न संगठनों ने अपना समर्थन दिया और सरकार से हटाए गए पीटीआई अध्यापकों को नौकरी पर रखने की मांग की.
मांगे नहीं माने जाने पर होगा जोरदार आंदोलन
हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला प्रधान दिलबाग जांगड़ा ने कहा कि धरना 22वें दिन में प्रवेश कर गया है, लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नही रेंग रही है. ये सरकार की भूल है कि हम चुप बैठ जाएंगे. पीटीआई अध्यापकों व कर्मचारी नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि समय रहते उनका पक्ष नहीं रखा और उन्हें बहाल नहीं किया. तो सरकार को एक बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ेगा.
'हथियार नहीं रोजी-रोटी चाहिए'
वहीं कर्मचारी नेता संदीप सिंह ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार विधानसभा का सत्र बुलाकर सभी अध्यापकों को वापस ले. नहीं तो पीटीआई अध्यापक सभी कर्मचारी संगठनों के साथ एक बड़ा आंदोलन करेंगे. हमें सरकार से हथियार नहीं रोजी और रोटी चाहिए.
'पीटीआई के ही बदौलत तैयार होते हैं खिलाड़ी'
अन्य पीटीआई अध्यापकों ने कहा कि 1983 पीटीआई अध्यापक 2010 से लगातार अपनी सेवाएं दे रहे थे लेकन हरियाणा सरकार ने उनको बाहर का रास्ता दिखाकर अपनी ओच्छी मानसिकता का परिचय दिया है. उन्होंने कहा कि हरियाणा शारीरिक शिक्षकों की कड़ी मेहनत के चलते ही आज ओलपिंक, एशियन गेम्स, कॉमन वेल्थ गेम्स, नेशनल गेम्स में हरियाणा के युवा पदक लाते हैं. उन्होंने कहा कि वे दिन रात अपने खिलाड़ियों पर पसीना बहाते हैं. तब जाकर कहीं खिलाड़ी बुलंदियों को छूते हैं.
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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2010 में भर्ती हुए 1983 पीटीआई अध्यापकों को बर्खास्त कर दिया गया है. अपनी नौकरी बचाने के लिए ये बर्खास्त अध्यापक प्रदेश के हर नेता के सामने गुहार लगाते फिर रहे हैं और इसी के मद्देनजर काफी दिनों से भिवानी लघु सचिवालय के बाहर इन बर्खास्त अध्यापकों ने धरना भी दे रखा है, लेकिन अभी तक इनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है.