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बर्खास्त पीटीआई शिक्षकों ने दोबारा टेस्ट देने से किया इंकार

हरियाणा में पिछले दो महीने से धरने पर बैठे पीटीआई टीचरों ने दोबारा टेस्ट देने से मना कर दिया है. उन्होंने कहा कि साल 2010 में वे टेस्ट देकर ही टीचर बने थे.

pti teacher protest in bhiwani
pti teacher protest in bhiwani
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Published : Aug 7, 2020, 5:11 PM IST

भिवानी: पूरे हरियाणा में बर्खास्त पीटीआई टीचरों का हंगामा जारी है. ये टीचर अपनी नौकरी बहाली की मांग को लेकर पिछले दो महीने से धरने पर बैठे हैं. इसके बाद भी सरकार ने इनकी कोई सुध नहीं ली है. वहीं भिवानी में प्रदर्शन कर रहे पीटीआई टीचरों ने दोबारा टेस्ट देने से मना कर दिया है.

बता दें कि, बर्खास्त शारीरिक शिक्षकों का दोबारा से टेस्ट लिये जाने का सभी शिक्षकों ने विरोध जताया है. उन्होंने यहां लघु सचिवालय के बाहर दिए जा रहे धरने पर जोरदार नारेबाजी करते हुए टेस्ट न देने का फैसला लिया है. इसका नेतृत्व हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला प्रधान दिलबाग जांगड़ा कर रहे थे.

सभी शारीरिक शिक्षकों ने टेस्ट न देने के लिए अपने-अपने जिलों में सरकार को हल्फनामा भी दिया है. उन्होंने कहा कि साल 2010 में सभी 1983 शारीरिक शिक्षक टेस्ट देकर ही लगे थे. उनमें से कुछ शिक्षकों की तो मृत्यु भी हो चुकी है. ऐसे में उनके आश्रितों पर क्या बीत रही है ये वो ही जानते हैं.

सरकार द्वारा उनकी विधवाओं व आश्रितों का भी शोषण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उनकों लगभग दो महीने से वेतन नहीं दिया जा रहा है. जिसके चलते उनके समक्ष भूखमरी की स्थिति भी पैदा हो गई है. हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघ के राज्य प्रधान वीरेंद्र घनघस ने कहा कि सभी कर्मचारियों ने निर्णय लिया है कि मांगों के समर्थन में 9 अगस्त को जेल भरो आंदोलन में भाग लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- भिवानी में रोडवेज की सभी बसें दौड़ेंगी सड़कों पर, नियमों की पालना जरूरी

सभी अपनी एकजुटता का परिचय देते हुए सरकार को कुम्भकर्णी नींद से जगाने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि हरियाणा शारीरिक शिक्षक कठिन परिस्थितियों के दौर से गुजर रहे हैं. उनका आंदोलन काफी माह से चल रहा है, लेकिन सरकार के आला अधिकारी आकर उन्हें गुमराह कर जाते हैं जबकि उनकी समस्या को प्राथमिकता के आधार पर कोई हल नहीं करता है.

भिवानी: पूरे हरियाणा में बर्खास्त पीटीआई टीचरों का हंगामा जारी है. ये टीचर अपनी नौकरी बहाली की मांग को लेकर पिछले दो महीने से धरने पर बैठे हैं. इसके बाद भी सरकार ने इनकी कोई सुध नहीं ली है. वहीं भिवानी में प्रदर्शन कर रहे पीटीआई टीचरों ने दोबारा टेस्ट देने से मना कर दिया है.

बता दें कि, बर्खास्त शारीरिक शिक्षकों का दोबारा से टेस्ट लिये जाने का सभी शिक्षकों ने विरोध जताया है. उन्होंने यहां लघु सचिवालय के बाहर दिए जा रहे धरने पर जोरदार नारेबाजी करते हुए टेस्ट न देने का फैसला लिया है. इसका नेतृत्व हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला प्रधान दिलबाग जांगड़ा कर रहे थे.

सभी शारीरिक शिक्षकों ने टेस्ट न देने के लिए अपने-अपने जिलों में सरकार को हल्फनामा भी दिया है. उन्होंने कहा कि साल 2010 में सभी 1983 शारीरिक शिक्षक टेस्ट देकर ही लगे थे. उनमें से कुछ शिक्षकों की तो मृत्यु भी हो चुकी है. ऐसे में उनके आश्रितों पर क्या बीत रही है ये वो ही जानते हैं.

सरकार द्वारा उनकी विधवाओं व आश्रितों का भी शोषण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उनकों लगभग दो महीने से वेतन नहीं दिया जा रहा है. जिसके चलते उनके समक्ष भूखमरी की स्थिति भी पैदा हो गई है. हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघ के राज्य प्रधान वीरेंद्र घनघस ने कहा कि सभी कर्मचारियों ने निर्णय लिया है कि मांगों के समर्थन में 9 अगस्त को जेल भरो आंदोलन में भाग लिया जाएगा.

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सभी अपनी एकजुटता का परिचय देते हुए सरकार को कुम्भकर्णी नींद से जगाने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि हरियाणा शारीरिक शिक्षक कठिन परिस्थितियों के दौर से गुजर रहे हैं. उनका आंदोलन काफी माह से चल रहा है, लेकिन सरकार के आला अधिकारी आकर उन्हें गुमराह कर जाते हैं जबकि उनकी समस्या को प्राथमिकता के आधार पर कोई हल नहीं करता है.

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