भिवानी: राज्य सरकार ने अगर रोडवेज कर्मचारियों की लंबित मांगों को पूरा नहीं किया तो वे 11 जून को परिवहन मंत्री के आवास का घेराव करेंगे. इसके बावजूद सरकार नहीं मानती हैं तो वे हरियाणा रोडवेज का चक्का जाम कर देंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. सोमवार को भिवानी बस अड्डा स्थित यूनियन कार्यालय में हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के बैनर तले हुई बैठक में रोडवेज कर्मचारियों ने यह निर्णय लिया है. बैठक की अध्यक्षता हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के डिपो प्रधान अनिल फौजी व कर्मचारी यूनियन महासंघ के प्रधान विजेंद्र मिताथल ने संयुक्त रूप से की.
बैठक के दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रोष जताया. इस दौरान सांझा मोर्चा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र दिनोद व ओमप्रकाश ग्रेवाल ने कहा कि रोडवेज कर्मचारियों की मांगों के लिए सरकार व उच्च अधिकारियों से कई बार बातचीत हो चुकी है. ज्यादातर मांगों पर सहमति बनने के बावजूद भी आज तक उन्हें लागू नहीं किया गया है. सांझा मोर्चा की 11 दिसंबर को चंडीगढ़ में अतिरिक्त परिवहन सचिव से मिलकर उनकी मांगों के बारे में अवगत कराया था.
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लेकिन अभी तक लंबित मांगों का समाधान नहीं होने के कारण कर्मचारियों में भारी रोष है. लंबित मांगों को मनवाने के लिए पूरे प्रदेश से हजारों रोडवेज कर्मचारी 11 जून को फरीदाबाद में परिवहन मंत्री के आवास का घेराव करेंग. उन्होंने कहा कि सांझा मोर्चा द्वारा 31 सूत्रीय मांग पत्र रोडवेज के उच्च अधिकारियों व सरकार को कई बार भेजा जा चुका है, लेकिन सरकार कर्मचारियों की जायज मांगों को लागू करने में आनाकानी कर रही है.
हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की प्रमुख मांगों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि परिचालकों व लिपिकों का वेतनमान 35 हजार 400 रुपये मासिक किया जाए. इसके साथ ही चालक, परिचालक, निरीक्षक व उपनिरीक्षक कर्मशाला के कर्मचारियों के देय अर्जित अवकाशों की कटौती के आदेशों को वापस लिया जाए. कर्मचारियों ने नई पेंशन नीति को बंद कर पुरानी पेंशन नीति को लागू करने की भी मांग की है. इनके साथ ही लंबे समय से लंबित लिपिक, टिकट वेरीफायर के प्रमोशन भी शीघ्र किए जाने की मांग दोहराई.
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कर्मचारियों ने ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी में खामियों को दुरुस्त करने की मांग की है. साथ ही जिनके नाजायज तबादले हुए हैं, उनकी घर वापसी किए जाने की मांग की है. कर्मचारियों ने हरियाणा रोडवेज के बेड़े में 10 हजार सरकारी बसों को शामिल करने की मांग की है. हरियाणा कौशल रोजगार निगम को भंग करके सभी रिक्त पदों पर पक्की भर्ती करने की मांग दोहराई है. इसके साथ ही रोडवेज में कार्यरत चालकों सहित सभी जोखिम भरी ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को पांच हजार जोखिम भत्ता दिए जाने की मांग को शीघ्र पूरा किया जाए.