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बेगारी प्रथा के खिलाफ ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन, सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

भिवानी में ग्रामीण सफाई कर्मचारियों (Safai Karamchari Protest in Bhiwani) ने प्रदर्शन कर उनसे बेगार कराए जाने का विरोध किया है. कर्मचारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए एक समान काम, समान वेतन को लागू करने की मांग की है.

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Published : Apr 25, 2023, 4:49 PM IST

Safai Karamchari Protest in Bhiwani
भिवानी में बेगारी प्रथा के खिलाफ ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन

भिवानी: जिले के ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने भिवानी उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया. सफाई कर्मचारियों ने पिछले महीने के वेतन का भुगतान जल्द से जल्द करने के साथ ही अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने पंचायत डायरेक्टर के नाम ज्ञापन भी सौंपा. भिवानी में प्रदर्शन की अध्यक्षता यूनियन उपप्रधान सुमित सिंह ने की थी वहीं इसका संचालन सतबीर सिंह ने किया.

ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के सीटू जिला प्रधान कामरेड राममेहर सिंह, पूर्व कर्मचारी नेता सुखदेव सिंह ने कहा कि ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का मार्च महीने के वेतन का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. जिसके कारण सफाईकर्मी आर्थिक रूप से परेशान हैं. जबकि अप्रैल महीने में बच्चों के एडमिशन, अनाज खरीदने जैसे अनेकों तरह के खर्च होने के कारण उनके घर का बजट बिगड़ गया है.

पढ़ें : फतेहाबाद लघु सचिवालय पर आंगनबाड़ी वर्कर्स का प्रदर्शन, इन मांगों को लेकर की नारेबाजी

कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार वेतन रोककर कर्मचारियों का शोषण कर रही है. उन्होंने कहा कि जुलाई 2020 से उनके खातों से पीएफ, ईएसआई कटा जा रहा है लेकिन उन्हें ईएसआई-ईपीएफ का पूरा लाभ नहीं दिया जा रहा है. इसके लिए सफाई कर्मचारी ब्लॉकों में दफ्तरों के चक्कर लगा लगाकर थक चुके हैं. सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें काम के औजार नहीं दिए जा रहे हैं. इसके साथ ही रिक्शा मरम्मत कराने के लिए भी भुगतान नहीं दिया जा रहा है.

इसके विपरीत सफाई कर्मचारियों पर सरपंचों के घर हाजरी लगाने का दबाव देकर बेकारी ली जा रही है, इसका यूनियन विरोध कर रही है. सफाई कर्मचारियों ने कहा कि जब तक कमेटी मीटिंग की बैठक करके ठोस निर्णय नहीं लिया जाता है, तब तक सफाई कर्मचारियों से हाजरी के नाम पर बेगारी नहीं ली जाए. यूनियन नेता सुमित सिंह और सतबीर सिंह ने बताया की 23 जनवरी 2023 को चंडीगढ़ में सरकार के साथ मीटिंग हुई थी.

पढ़ें : सोनीपत में नमाजियों पर हमले का मामला: सांदल कला गांव में हुई पंचायत, शांति और भाईचारा बनाए रखने पर बनी सहमति

इस बैठक में सफाई कर्मचारियों की समस्याओं और कुछ मांगों पर सहमति बनी थी लेकिन उन्हें आज तक लागू नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों को पिछले 16 वर्षों से मानदेय पर ही रखा गया है. 2018 में सफाई कर्मचारियों को एक समान वेतन 8100 रुपए मिलता था, लेकिन भाजपा सरकार ने शहरी सफाई कर्मचारी व ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के वेतन में 3 हजार रुपये का अंतर कर दिया है.

जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 2 हजार की आबादी पर एक सफाई कर्मचारी है. वहीं शहर में एक सफाई कर्मचारी 400 की आबादी पर काम कर रहा है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस अंतर को समाप्त कर सरकार को समान काम-समान वेतन लागू करना चाहिए तथा नई पॉलिसी बनाकर सफाई कर्मियों को नियमित करना चाहिए.

भिवानी: जिले के ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने भिवानी उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया. सफाई कर्मचारियों ने पिछले महीने के वेतन का भुगतान जल्द से जल्द करने के साथ ही अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने पंचायत डायरेक्टर के नाम ज्ञापन भी सौंपा. भिवानी में प्रदर्शन की अध्यक्षता यूनियन उपप्रधान सुमित सिंह ने की थी वहीं इसका संचालन सतबीर सिंह ने किया.

ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के सीटू जिला प्रधान कामरेड राममेहर सिंह, पूर्व कर्मचारी नेता सुखदेव सिंह ने कहा कि ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का मार्च महीने के वेतन का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. जिसके कारण सफाईकर्मी आर्थिक रूप से परेशान हैं. जबकि अप्रैल महीने में बच्चों के एडमिशन, अनाज खरीदने जैसे अनेकों तरह के खर्च होने के कारण उनके घर का बजट बिगड़ गया है.

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कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार वेतन रोककर कर्मचारियों का शोषण कर रही है. उन्होंने कहा कि जुलाई 2020 से उनके खातों से पीएफ, ईएसआई कटा जा रहा है लेकिन उन्हें ईएसआई-ईपीएफ का पूरा लाभ नहीं दिया जा रहा है. इसके लिए सफाई कर्मचारी ब्लॉकों में दफ्तरों के चक्कर लगा लगाकर थक चुके हैं. सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें काम के औजार नहीं दिए जा रहे हैं. इसके साथ ही रिक्शा मरम्मत कराने के लिए भी भुगतान नहीं दिया जा रहा है.

इसके विपरीत सफाई कर्मचारियों पर सरपंचों के घर हाजरी लगाने का दबाव देकर बेकारी ली जा रही है, इसका यूनियन विरोध कर रही है. सफाई कर्मचारियों ने कहा कि जब तक कमेटी मीटिंग की बैठक करके ठोस निर्णय नहीं लिया जाता है, तब तक सफाई कर्मचारियों से हाजरी के नाम पर बेगारी नहीं ली जाए. यूनियन नेता सुमित सिंह और सतबीर सिंह ने बताया की 23 जनवरी 2023 को चंडीगढ़ में सरकार के साथ मीटिंग हुई थी.

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इस बैठक में सफाई कर्मचारियों की समस्याओं और कुछ मांगों पर सहमति बनी थी लेकिन उन्हें आज तक लागू नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों को पिछले 16 वर्षों से मानदेय पर ही रखा गया है. 2018 में सफाई कर्मचारियों को एक समान वेतन 8100 रुपए मिलता था, लेकिन भाजपा सरकार ने शहरी सफाई कर्मचारी व ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के वेतन में 3 हजार रुपये का अंतर कर दिया है.

जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 2 हजार की आबादी पर एक सफाई कर्मचारी है. वहीं शहर में एक सफाई कर्मचारी 400 की आबादी पर काम कर रहा है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस अंतर को समाप्त कर सरकार को समान काम-समान वेतन लागू करना चाहिए तथा नई पॉलिसी बनाकर सफाई कर्मियों को नियमित करना चाहिए.

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