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भिवानी: शिक्षण संस्थानों में आरक्षण के दो वर्ग बनाकर मेरिट लिस्ट जारी करने का विरोध - भिवानी मेरिट लिस्ट आरक्षण विरोध

मेरिट लिस्ट में आरक्षण की एससी और डी एससी दो कैटगरी बनाने का विरोध शुरू हो गया है. डॉ. अंबेडकर मिशनरीज विद्यार्थी एसोसिएशन के सदस्यों ने अब इसका विरोध किया है.

protest against two categories of reservation in educational institutions in bhiwani
भिवानी: शिक्षण संस्थानों में आरक्षण के दो वर्ग बनाकर मेरिट लिस्ट जारी करने का विरोध
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Published : Aug 27, 2020, 4:15 PM IST

भिवानी: शिक्षण संस्थानों में एससी और डी एससी दो कैटेगरी बनाकर मेरिट लिस्ट लगाई जा रही है. जिसका डॉ. अंबेडकर मिशनरीज विद्यार्थी एसोसिएशन के सदस्यों ने विरोध किया. एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रमेश बापोड़ा के नेतृत्व में चौधरी विश्वविद्यालय के कुलसचिव को मांग पत्र सौंपा गया.

ज्ञापन सौंपने के बाद सुमेश बापोड़ा ने कहा कि हरियाणा सरकार की ओर से अनुसूचित जाति वर्ग को दो भागों में अपने स्तर पर बांट दिया गया है. पहले एक ही वर्ग से होने के बाद भी एससी और डी एससी कैटेगरी की दो केटेगरी बनाई गई थी, हाईकोर्ट ने निर्देश जारी कर विभाजन पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी गई है, लेकिन अब हरियाणा सरकार दोबारा ऐसा कर रही है.

भिवानी: शिक्षण संस्थानों में आरक्षण के दो वर्ग बनाकर मेरिट लिस्ट जारी करने का विरोध

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उन्होंने बताया कि आर्टिकल 341 के तहत सिर्फ राष्ट्रपति को ही लोकसभा और राज्यसभा से प्रस्तावित होने पर जातियों का विभाजन आरक्षण करने का प्रावधान है. हरियाणा सरकार को इसका कोई अधिकार नहीं है. जिस पर हाई कोर्ट भी आदेश जारी कर चुका है. उन्होंने बताया कि ज्ञापन में कहा गया है कि हाई कोर्ट के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखकर अलग-अलग एससी और डी एससी कैटेगरी बनाए जाने वाली मेरिट लिस्ट पर रोक लगाकर नए सिरे से लिस्ट तैयार की जाए.

भिवानी: शिक्षण संस्थानों में एससी और डी एससी दो कैटेगरी बनाकर मेरिट लिस्ट लगाई जा रही है. जिसका डॉ. अंबेडकर मिशनरीज विद्यार्थी एसोसिएशन के सदस्यों ने विरोध किया. एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रमेश बापोड़ा के नेतृत्व में चौधरी विश्वविद्यालय के कुलसचिव को मांग पत्र सौंपा गया.

ज्ञापन सौंपने के बाद सुमेश बापोड़ा ने कहा कि हरियाणा सरकार की ओर से अनुसूचित जाति वर्ग को दो भागों में अपने स्तर पर बांट दिया गया है. पहले एक ही वर्ग से होने के बाद भी एससी और डी एससी कैटेगरी की दो केटेगरी बनाई गई थी, हाईकोर्ट ने निर्देश जारी कर विभाजन पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी गई है, लेकिन अब हरियाणा सरकार दोबारा ऐसा कर रही है.

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उन्होंने बताया कि आर्टिकल 341 के तहत सिर्फ राष्ट्रपति को ही लोकसभा और राज्यसभा से प्रस्तावित होने पर जातियों का विभाजन आरक्षण करने का प्रावधान है. हरियाणा सरकार को इसका कोई अधिकार नहीं है. जिस पर हाई कोर्ट भी आदेश जारी कर चुका है. उन्होंने बताया कि ज्ञापन में कहा गया है कि हाई कोर्ट के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखकर अलग-अलग एससी और डी एससी कैटेगरी बनाए जाने वाली मेरिट लिस्ट पर रोक लगाकर नए सिरे से लिस्ट तैयार की जाए.

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