ETV Bharat / state

भिवानी: पाठ्यक्रम में 30% सिलेबस कम करने और ई-लर्निंग के खिलाफ हुआ प्रदर्शन - bhiwani teacher union protest

भिवानी में शुक्रवार को हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ और अन्य छात्र संघों ने सीबीएसई और हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के खिलाफ प्रदर्शन किया. ये प्रदर्शन 30% पाठ्यक्रम हटाने और और ई-लर्निंग के खिलाफ किया गया.

bhiwani protest
bhiwani protest
author img

By

Published : Jul 24, 2020, 3:19 PM IST

भिवानी: हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ, ज्ञान विज्ञान समिति हरियाणा, रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा और छात्र संघ एसएफआई ने सीबीएसई और हरियाणा शिक्षा बोर्ड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों द्वारा कक्षा नौवीं से बारहवीं तक की पाठ्य पुस्तकों से 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम को हटाने का फरमान जारी करने के विरोध में तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया.

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए जन शिक्षा अधिकार मंच के मा. वजीर सिंह ने कहा कि कोरोना वैश्चिक बीमारी के कारण मध्य मार्च से ही स्कूल बंद पड़े हैं. कोई नियमित और औपचारिक कक्षा नहीं लग रही है. सरकार ने ई-लर्निंग नाम का झूंझना शिक्षकों और बच्चों को थमा दिया है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार ने प्रदेश में कांग्रेस से जुड़े सभी ट्रस्टों की जानकारी मांगी

उन्होंने बताया कि एक सर्वे के अनुसार 90 प्रतिशत छात्र पढ़ाई से वंचित हैं, क्योंकि न तो अध्यापकों और अभिभावकों को कोई प्रशिक्षण है और न ही छात्रों के पास खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं जैसे कि स्मार्ट फोन, कम्प्यूटर, लैपटोप, इंटरनेट और बिजली की सुविधाएं हैं. ऑनलाइन पाठ्यक्रम में एकरूपता भी नहीं है. जिसको जो अच्छा लगता है अपनी मनमर्जी से करवा रहा है.

30 प्रतिशत पाठ्यक्रम कम करने और कुछ पाठ्यों को हटाने से पूर्व पाठ्यक्रम निर्माण समितियों, शिक्षाविद्धों व शिक्षक संगठनों से कोई राय नहीं ली गई. जिन लोगों का काम है वो ही बता सकते हैं कि क्या और क्यों कितना हटाया जाए. उनसे राय लेने की बजाय एक खास विचारधारा से संचालित राजनीतिक पार्टी कार्यालय के निर्देश पर ये हटाया गया है.

भिवानी: हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ, ज्ञान विज्ञान समिति हरियाणा, रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा और छात्र संघ एसएफआई ने सीबीएसई और हरियाणा शिक्षा बोर्ड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों द्वारा कक्षा नौवीं से बारहवीं तक की पाठ्य पुस्तकों से 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम को हटाने का फरमान जारी करने के विरोध में तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया.

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए जन शिक्षा अधिकार मंच के मा. वजीर सिंह ने कहा कि कोरोना वैश्चिक बीमारी के कारण मध्य मार्च से ही स्कूल बंद पड़े हैं. कोई नियमित और औपचारिक कक्षा नहीं लग रही है. सरकार ने ई-लर्निंग नाम का झूंझना शिक्षकों और बच्चों को थमा दिया है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार ने प्रदेश में कांग्रेस से जुड़े सभी ट्रस्टों की जानकारी मांगी

उन्होंने बताया कि एक सर्वे के अनुसार 90 प्रतिशत छात्र पढ़ाई से वंचित हैं, क्योंकि न तो अध्यापकों और अभिभावकों को कोई प्रशिक्षण है और न ही छात्रों के पास खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं जैसे कि स्मार्ट फोन, कम्प्यूटर, लैपटोप, इंटरनेट और बिजली की सुविधाएं हैं. ऑनलाइन पाठ्यक्रम में एकरूपता भी नहीं है. जिसको जो अच्छा लगता है अपनी मनमर्जी से करवा रहा है.

30 प्रतिशत पाठ्यक्रम कम करने और कुछ पाठ्यों को हटाने से पूर्व पाठ्यक्रम निर्माण समितियों, शिक्षाविद्धों व शिक्षक संगठनों से कोई राय नहीं ली गई. जिन लोगों का काम है वो ही बता सकते हैं कि क्या और क्यों कितना हटाया जाए. उनसे राय लेने की बजाय एक खास विचारधारा से संचालित राजनीतिक पार्टी कार्यालय के निर्देश पर ये हटाया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.