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भिवानी में धूमधाम से मनाया सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी का 356वां प्रकाश पर्व

सिखों के दसवें श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 356वां प्रकाश पर्व वीरवार को भिवानी के (Prakash Parv of Tenth Sikh Guru Gobind Singh Ji in bhiwani) दोनों गुरुद्वारा साहिब में बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाया गया. इस दौरान लंगर का भी आयोजन किया गया था जिसमे लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा.

Prakash Parv of Tenth Sikh Guru Gobind Singh Ji
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 356वां प्रकाश पर्व
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Published : Dec 29, 2022, 6:37 PM IST

भिवानी: सिखों के 10वें श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 356वां प्रकाश पर्व वीरवार को भिवानी के दोनों गुरुद्वारा साहिब में बड़ी ही श्रद्धा (Prakash Parv of Tenth Sikh Guru Gobind Singh Ji in bhiwani) और उल्लास के साथ मनाया गया. देश कौम की खातिर 9 वर्ष की आयु में अपने पिता को कुर्बान करने वाले सिखों के 10वें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 356वें प्रकाश पर्व गुरुद्वारा सिंह सभा घंटा घर व गुरुद्वारा साहिब पुरानी देवसर चुंगी में बड़ी धूमधाम से मनाया गया.

इस मौके पर गुरुद्वारा परिसर में लंगर का भी आयोजन भी किया गया. गुरुवाणी कीर्तन के माध्यम से श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन के बारे में संगतों को विस्तार से गुरमत ज्ञान दिया और गुरु द्वारा दिखाये (Prakash Parv of Tenth Sikh Guru Gobind Singh Ji) मार्ग पर चलने का संदेश दिया. इस दौरान श्री गुरुद्वारा परिसर में लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा. गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार इंद्र मोहन सिंह ने बताया कि भाई गरीब सिंह नानकसर वाले व रोहतक से सरदार गुरमेल सिंह और इंद्र जीत सिंह सागर कथावाचक ने गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन के बारे में विस्तार से गुरबाणी के माध्यम से व्याख्यान किया.

Prakash Parv of Tenth Sikh Guru Gobind Singh Ji
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 356वां प्रकाश पर्व.

श्री गुरु गोबिंद सिंह ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था. अपने चारों पुत्रों को धर्म के लिए कुर्बान कर दिया था तथा पिता श्री गुरु तेग बहादुर जी ने हिन्दु धर्म को बचाने के लिए अपने शिष्य सहित शहीदी प्राप्त की थी. श्री गुरुद्वारा साहिब के मुख्यग्रंथी (Prakash Parv of Tenth Sikh Guru Gobind Singh Ji) और प्रेम सिंह ने बताया कि गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को 1666 में पटना साहिब में हुआ था.

Prakash Parv of Tenth Sikh Guru Gobind Singh Ji
भिवानी में मनाया गया 356वां प्रकाश पर्व.

ये भी पढ़ें: गडकरी बोले, कुएं में डूबना पसंद करुंगा लेकिन कांग्रेस में कभी नहीं जाऊंगा

उनके पिता का नाम गुरु तेग बहादुर और माता का नाम गुजरी था. उनके पिता सिखों के 9वें गुरु थे. गुरु गोबिंद सिंह जी के बचपन में गोबिंद राय के नाम से बुलाया जाता था. गुरु गोविंद सिंह ने जीवन जीने के पांच सिद्धांत दिए हैं. जिन्हें पंज ककार कहा जाता है. ये पांच चीजें केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा है. 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना गुरु गोबिंद सिंह जी ने करके एक नई कौम को जन्म दिया था. सिख धर्म में नाम के पीछे सिंह और कौर रखने के आदेश गुरु जी ने दिए थे.

ये भी पढ़ें: अब दीवानी कोर्ट में होगी लेखक सलमान रुश्दी की संपत्ति से जुड़े मामले की सुनवाई, हिमाचल हाईकोर्ट ने दी मंजूरी

भिवानी: सिखों के 10वें श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 356वां प्रकाश पर्व वीरवार को भिवानी के दोनों गुरुद्वारा साहिब में बड़ी ही श्रद्धा (Prakash Parv of Tenth Sikh Guru Gobind Singh Ji in bhiwani) और उल्लास के साथ मनाया गया. देश कौम की खातिर 9 वर्ष की आयु में अपने पिता को कुर्बान करने वाले सिखों के 10वें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 356वें प्रकाश पर्व गुरुद्वारा सिंह सभा घंटा घर व गुरुद्वारा साहिब पुरानी देवसर चुंगी में बड़ी धूमधाम से मनाया गया.

इस मौके पर गुरुद्वारा परिसर में लंगर का भी आयोजन भी किया गया. गुरुवाणी कीर्तन के माध्यम से श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन के बारे में संगतों को विस्तार से गुरमत ज्ञान दिया और गुरु द्वारा दिखाये (Prakash Parv of Tenth Sikh Guru Gobind Singh Ji) मार्ग पर चलने का संदेश दिया. इस दौरान श्री गुरुद्वारा परिसर में लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा. गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार इंद्र मोहन सिंह ने बताया कि भाई गरीब सिंह नानकसर वाले व रोहतक से सरदार गुरमेल सिंह और इंद्र जीत सिंह सागर कथावाचक ने गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन के बारे में विस्तार से गुरबाणी के माध्यम से व्याख्यान किया.

Prakash Parv of Tenth Sikh Guru Gobind Singh Ji
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 356वां प्रकाश पर्व.

श्री गुरु गोबिंद सिंह ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था. अपने चारों पुत्रों को धर्म के लिए कुर्बान कर दिया था तथा पिता श्री गुरु तेग बहादुर जी ने हिन्दु धर्म को बचाने के लिए अपने शिष्य सहित शहीदी प्राप्त की थी. श्री गुरुद्वारा साहिब के मुख्यग्रंथी (Prakash Parv of Tenth Sikh Guru Gobind Singh Ji) और प्रेम सिंह ने बताया कि गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को 1666 में पटना साहिब में हुआ था.

Prakash Parv of Tenth Sikh Guru Gobind Singh Ji
भिवानी में मनाया गया 356वां प्रकाश पर्व.

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उनके पिता का नाम गुरु तेग बहादुर और माता का नाम गुजरी था. उनके पिता सिखों के 9वें गुरु थे. गुरु गोबिंद सिंह जी के बचपन में गोबिंद राय के नाम से बुलाया जाता था. गुरु गोविंद सिंह ने जीवन जीने के पांच सिद्धांत दिए हैं. जिन्हें पंज ककार कहा जाता है. ये पांच चीजें केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा है. 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना गुरु गोबिंद सिंह जी ने करके एक नई कौम को जन्म दिया था. सिख धर्म में नाम के पीछे सिंह और कौर रखने के आदेश गुरु जी ने दिए थे.

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