भिवानी: यूक्रेन और रूस में बढ़ रहे तनाव को देखते हुए कीव में स्थित भारतीय दूतावास ने जरूरी ना होने पर भारतीय छात्रों को अस्थाई तौर पर यूक्रेन छोडने की सलाह दी है. दूतावास द्वारा भारतीय छात्रों को वतन वापसी की सलाह दिए जाने के बाद बच्चों के पैरेंट्स चिंतित हो उठे (Russia-Ukraine Conflict) हैं. बच्चों के अभिभावक लगातार सरकार को पत्र भी लिख रहे है कि उनके बच्चे सही सलामत वापिस लौट आए. इनमें से कुछ तो लौट आए हैं जबकि कुछ अभी भी वहीं है. जिनके बच्चे वापस नही उन्हीं के पैरेट्स काफी ज्यादा परेशान हैं.
बता दें कि भिवानी के ज्यादातर मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए हुए है. अब यूक्रेन और रूस में काफी दिनों से तनातनी चल रही है. इसको देखते हुए भरतीय दूतावास ने अडवाइजरी जारी की है. इसके बाद से भिवानी के रहने वाले पुरुषोत्तम काफी चिंतित है. कारण है उनकी भतीजी रुचिका यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए गई हुई है. उसके वहां दो साल पूरे हो चुके है. फिलहाल उसकी पढ़ाई तो चल ही रही है लेकिन युद्ध जैसे हालात होने पर उसके पैरेंट्स उसे वापिस बुलाना चाहते हैं. उनका कहना है कि अभी वापिस आने के लिए भी कहा गया है. अब जुलाई में पेपर है. ऐसे में उनके भविष्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ने के आसार दिख रहे है लेकिन जीवन ज्यादा जरूरी है. इसके लिए हम चाहते हैं कि हमारी बच्ची सही सलामत वापस लौट आए.
पुरषोत्तम ने बताया कि इस बारे में उन्होंने भारत सरकार से गुहार लगाई है कि बच्चे सही सलामत लौट आए. इसके लिए सरकार को फौरन कुछ ना कुछ करना चाहिए. रविवार को उन्होंने इसके लिए भिवानी विधायक घनश्याम सर्राफ से भी मुलाकात की है. विधायक ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत सरकार इस मामले में पहले से चिंतित है. सभी बच्चों को सुरक्षित लाने के लिए प्रयास कर रही है. वहीं भिवानी के विधायक घनश्याम सर्राफ ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार यूक्रेन सरकार के संपर्क में है. किसी भी परिवार को चिंता करने की जरूरत नही है. सभी सुरक्षित लौटेंगे. सरकार की ओर से पूरी मदद की जा रही है.
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