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'ऑपरेशन गोदाम': तिरपाल के साथ उड़े प्रशासन के दावे, भिवानी में मॉनसून की पहली बारिश में ही भीगा अनाज - मॉनसून

'ऑपरेशन गोदाम' की इस कड़ी में ईटीवी भारत की टीम भिवानी पहुंची और वहां के गोदामों का हाल जाना. ग्राउंड जीरो पर पहुंचने के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए.

ऑपरेशन गोदाम
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Published : Jul 12, 2019, 10:46 AM IST

Updated : Jul 12, 2019, 1:45 PM IST

भिवानी: हरियाणा में मॉनसून की वजह से हर साल करोड़ों का अनाज सही भंडारण के अभाव में भीग जाता है. बावजूद इसके प्रशासन नहीं जाग रहा है. हरियाणा के सभी जिलों के वेयर हाउस में मॉनसून से निपटने के लिए क्या तैयारियां की गई हैं. ये जानने के लिए EtvBharat ने 'ऑपरेशन गोदाम' की शुरुआत की है. 'ऑपरेशन गोदाम' की इस कड़ी में हमने देखा कि भिवानी के गोदामों में 50% अनाज खुले में रखा हुआ है.

दावों का निकला दम!

भिवानी में अतिरिक्त अनाज मंडी भी है. जहां 4 एजेंसियों का अनाज स्टोर किया जाता है. यहां मॉनसून की पहली बारिश ने ही प्रशासन के दावों की पोल खोलकर रख दी. खुले में पड़ा अनाज तिरपाल के सहारे स्टोर तो किया गया था, लेकिन फिर भी अनाज भीग गया. इसके अलावा नीचे से पानी न आए इसके लिए अनाज रखने के लिए ऊंची जगह का इस्तेमाल किया गया . लेकिन ये इंतजाम नाकाफी नजर आए.

क्लिक कर देखें वीडियो

भिवानी में 4 एजेंसियां गेहूं की खरीद का काम करती हैं. जिनके अपने गोदाम भी हैं , इसकी खरीद के लिए भिवानी की 11 अनाज मंडियों को खरीद केंद्र बनाया जाता है.

भिवानी में क्या है गोदामों में अनाज का हाल ?

  • भिवानी के स्टॉक में फिलहाल 1 लाख 78 हजार 500 मीट्रिक टन गेहूं है
  • बाकी गेहूं को रेलवे, रोड ट्रांसपोर्ट , अनाज मिलों और खाद्य आपूर्ति वितरण प्रणाली के जरिए बांटा जा चुका है
  • भिवानी में खुले में रखने वाले अनाज की मात्रा लगभग 1 लाख 2 हजार 500 मीट्रिक टन है
  • जिन्हें खुले में लकड़ी के फट्टों पर तिरपाल से ढक कर रखा गया है

अगर बात करें भिवानी के खाद्य आपूर्ति विभाग की अनाज मंडी की, तो यहां भंडारण की अच्छी सुविधा देखने को मिली, लेकिन वहीं अगर बात करें हरियाणा वेयर हाउस कॉरपोरेशन के गोदाम की तो वहां हालात इसके एकदम उलट थे. गोदाम जर्जर हालत में थे तो वही अनाज को स्टोर करने के लिए भी कोई खास इंतजाम नहीं किए गए थे.

भिवानी: हरियाणा में मॉनसून की वजह से हर साल करोड़ों का अनाज सही भंडारण के अभाव में भीग जाता है. बावजूद इसके प्रशासन नहीं जाग रहा है. हरियाणा के सभी जिलों के वेयर हाउस में मॉनसून से निपटने के लिए क्या तैयारियां की गई हैं. ये जानने के लिए EtvBharat ने 'ऑपरेशन गोदाम' की शुरुआत की है. 'ऑपरेशन गोदाम' की इस कड़ी में हमने देखा कि भिवानी के गोदामों में 50% अनाज खुले में रखा हुआ है.

दावों का निकला दम!

भिवानी में अतिरिक्त अनाज मंडी भी है. जहां 4 एजेंसियों का अनाज स्टोर किया जाता है. यहां मॉनसून की पहली बारिश ने ही प्रशासन के दावों की पोल खोलकर रख दी. खुले में पड़ा अनाज तिरपाल के सहारे स्टोर तो किया गया था, लेकिन फिर भी अनाज भीग गया. इसके अलावा नीचे से पानी न आए इसके लिए अनाज रखने के लिए ऊंची जगह का इस्तेमाल किया गया . लेकिन ये इंतजाम नाकाफी नजर आए.

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भिवानी में 4 एजेंसियां गेहूं की खरीद का काम करती हैं. जिनके अपने गोदाम भी हैं , इसकी खरीद के लिए भिवानी की 11 अनाज मंडियों को खरीद केंद्र बनाया जाता है.

भिवानी में क्या है गोदामों में अनाज का हाल ?

  • भिवानी के स्टॉक में फिलहाल 1 लाख 78 हजार 500 मीट्रिक टन गेहूं है
  • बाकी गेहूं को रेलवे, रोड ट्रांसपोर्ट , अनाज मिलों और खाद्य आपूर्ति वितरण प्रणाली के जरिए बांटा जा चुका है
  • भिवानी में खुले में रखने वाले अनाज की मात्रा लगभग 1 लाख 2 हजार 500 मीट्रिक टन है
  • जिन्हें खुले में लकड़ी के फट्टों पर तिरपाल से ढक कर रखा गया है

अगर बात करें भिवानी के खाद्य आपूर्ति विभाग की अनाज मंडी की, तो यहां भंडारण की अच्छी सुविधा देखने को मिली, लेकिन वहीं अगर बात करें हरियाणा वेयर हाउस कॉरपोरेशन के गोदाम की तो वहां हालात इसके एकदम उलट थे. गोदाम जर्जर हालत में थे तो वही अनाज को स्टोर करने के लिए भी कोई खास इंतजाम नहीं किए गए थे.

Intro:बरसात के मौसम में प्रदेश में प्रतिवर्ष करोड़ों अनाज उचित भंडारण के अभाव में यूं ही पानी में बह जाता है । प्रदेश में विभिन्न अनाज भंडारण एजेंसियां है फिर भी वह इस घटना से नहीं जाग रही । इन्हें जगाने के लिए ईटीवी भारत ने प्रदेश स्तर पर विशेष मुहिम चलाकर इस बात का पता लगाने का प्रयास किया कि आखिर प्रदेश में अनाज के भंडारण की वास्तविक स्थिति क्या है । ईटीवी भारत की टीम ने पाया कि प्रदेश में 50% के लगभग भंडारण गोदामों में होता है तो बाकी 50% खुले में तिरपाल के भरोसे भंडारित किया जाता है ।



भिवानी जिला की बात करें तो भिवानी जिला में वर्ष 2019 - 20 बीच में दो लाख 52 हजार 142 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया । जिसमें एक लाख 4 हजार 865 मीट्रिक टन गेहूं खाद्य आपूर्ति विभाग , एक लाख 4 हजार मीट्रिक टन गेहूं हैफेड , 25 हजार 950 मीट्रिक टन गेहूं हरियाणा वेयरहाउस कॉरपोरेशन तथा 16 हजार 700 मीट्रिक टन गेहूं एफसीआई द्वारा खरीदा गया । मुख्यतः चार जेंसियां गेहूं की खरीद का कार्य करती हैं । जिनके अपने गोदाम भी हैं , इसकी खरीद के लिए भिवानी जिला की चार 11 अनाज मंडियों को खरीद केंद्र बनाया जाता है अभी यह अनाज गोदामों तक पहुंच गया है ।




Body:भिवानी जिला के स्टॉक में फिलहाल 1 लाख 78 हजार 500 मीट्रिक टन गेहूं है बाकी गेहूं को रेलवे, रोड ट्रांसपोर्ट , अनाज मिलो व खाद्य पूर्ति से वितरण प्रणाली के माध्यम से बांटा जा चुका है । भिवानी जिला के गोदामों में लगभग क्षेत्र हजार मैट्रिक टन गेहूं स्टोर करने की क्षमता है । इसके अलावा बाकी गेहूं को खुले में स्टोर करना पड़ता है । भिवानी में खुले में रखने वाले अनाज की मात्रा लगभग 1 लाख 2 हजार 500 मीट्रिक टन है जो विभिन्न भागों में स्टोर के अलावा खुले में लकड़ी के फट्टों पर तिरपाल से ढक कर रखा गया है ।
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मानसून आने के साथ ही विभिन्न विभागों के स्टोर में रखे अनाज को सुरक्षित रखने के लिए कसरत तेज हो गई है । अधिकारी तिरपाल की तह खोलकर अनाज को ढकने व चूहों के लिए अनाज के भंडारण में दवाइयां रखते नजर आ रहे हैं । मानसून आने में कुछ ही दिन शेष हैं । प्रदेश में अनाज की खरीद के लिए अधिकृत नोडल एजेंसी के रूप में खाद्य आपूर्ति विभाग की जिम्मेवारी रहती है । ऐसा काफी वर्षों से देखने में आता है कि बरसात के मौसम में अनाज के सही रखरखाव के न होने के कारण अनाज भीगने के चलते खराब हो जाता है । ईटीवी भारत की टीम ने भिवानी जिला में अनाज के रखरखाव को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट में पाया कि हरियाणा प्रदेश में आज भी 50% से अधिक आना खुले में लकड़ी की फ़टीयों पर तिरपाल से ढक कर स्टोर किया जाता है । जबकि बाकी 50% के लगभग अनाज गोदामों में सुरक्षित रखा जाता है ।





Conclusion:खाद आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर मुकेश कुमार ने बताया कि मानसून से पहले अनाज को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं । विशेषकर खुले में रखे गए अनाज को सुरक्षित रखने के लिए रस्से , तिरपाल व सल्फास की गोलियां मंगवा कर उन्हें अनाज में रखवाया गया है । उन्होंने दावा किया है कि बरसात के मौसम में भिवानी में अनाज खराब नहीं होने दिया जाएगा । वहीं हरियाणा राज्य भंडारण विभाग भिवानी के गोदाम प्रबंधक विकास ने माना कि भीगने के कारण प्रतिवर्ष अनाज खराब होता है ज्यादातर अनाज खुले में रखे होने के कारण खराब होता है । गौरतलब है कि अनाज भंडारण की क्षमता प्रतिवर्ष करोड़ों का अनाज बरसात के मौसम में खराब होता है परंतु विभिन्न विभाग अनाज के भंडारण के प्रबंधन को लेकर सोए रहते हैं । पिछले 5 वर्षों के दौरान भिवानी जिला में अनाज के भंडारण को लेकर कोई नया गोदाम नहीं बनाया गया ।
बाइट - मुकेश कुमार ( फूड एंड सप्लाई विभाग इंस्पेक्टर )
बाइट2- विकास ( हरियाणा वेयर हाउस प्रबंधक
Last Updated : Jul 12, 2019, 1:45 PM IST
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