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मरीजों की जिंदगी से खेल रहे हरियाणा के इस जिले के दर्जनों अस्पताल, RTI में हुआ बड़ा खुलासा - भिवानी अस्पताल फायर एनओसी आरटीआई

भिवानी शहर के 56 निजी और सरकारी अस्पतालों में से सिर्फ छह के पास ही दमकल विभाग की एनओसी (bhiwani hospitals fire NOC) है. ये खुलासा आरटीआई (RTI) में जिला दमकल कार्यालय से मांगी गई जानकारी के बाद हुआ है.

bhiwani hospitals fire NOC
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Published : Aug 25, 2021, 3:39 PM IST

भिवानी: शहर के 56 निजी और सरकारी अस्पतालों में सिर्फ छह निजी अस्पतालों के पास ही फायर एनओसी (bhiwani hospitals fire NOC) है. इन्हें भी फायर एनओसी नियमों को ताक पर रखकर दी गई है. ये खुलासा आरटीआई (RTI) में जिला दमकल कार्यालय से मांगी गई जानकारी के बाद हुआ है. स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने जिला दमकल अधिकारी कार्यालय से जनसूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी. जिसका जवाब दमकल अधिकारी कार्यालय से भेजा गया.

इस जवाब में चौ. बंसीलाल जिला नागरिक अस्पताल और हांसी रोड के ईएसआई अस्पताल ने स्थापना से लेकर आज तक दमकल विभाग से कोई एनओसी नहीं ली. जबकि शहर के 56 निजी अस्पतालों में से सिर्फ 6 निजी अस्पतालों के पास ही एनओसी दर्शायी गई, लेकिन इन अस्पतालों में भी दमकल की एनओसी के मानक पूरे नहीं हैं. बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं से मरीजों की मौत की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. ऐसे में भिवानी शहर के अंदर संचालित निजी व सरकारी अस्पतालों में दमकल के नियमों की अनदेखी कभी भी कोई बड़ा हादसा और भारी जानमाल की हानि की वजह बन सकती है.

bhiwani hospitals fire NOC
आरटीआई से मिली जानकारी

ये भी पढ़ें- जल्दी से निपटा लें जरूरी काम, इस हफ्ते 4 दिन बंद रहेंगे बैंक, यहां देखें छुट्टियों की पूरी लिस्ट

बृजपाल सिंह परमार ने आरोप लगाया कि शहर के अंदर अधिकतर निजी अस्पतालों को कामर्शियल स्थल दर्शाया गया है. ऐसे में कई निजी अस्पताल दमकल की एनओसी लेने के लिए अस्पताल न दर्शाकर व्यवसायिक प्रतिष्ठान दर्शाकर एनओसी ले रहे हैं, जबकि नियम के अनुसार अस्पताल की फायर एनओसी के लिए अलग से मानक तय किए हुए हैं, जिन्हें पूरा करना अति आवश्यक है.

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि गृह मंत्रालय भारत सरकार की ओर से निजी व सरकारी अस्पतालों में अत्यधिक हादसे होने के कारण सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को 28 दिसंबर 2020 में आदेश जारी किए गए थे. जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि सभी निजी व सरकारी अस्पतालों में निरीक्षण कर बिल्डिंग कोड की जांच कराई जाए. इसके अलावा नेशनल बिल्डिंग ऑफ इंडिया व हरियाणा बिल्डिंग कोड एवं केंद्रीय आपदा विभाग द्वारा जारी आदेशों में भी अस्पतालों के लिए दमकल एनओसी अति आवश्यक है, लेकिन भिवानी में आज तक दमकल एनओसी को लेकर किसी भी अस्पताल की कोई जांच नहीं की गई.

bhiwani hospitals fire NOC
आरटीआई से मिली जानकारी

ये भी पढ़ें- 'धीरे-धीरे कुनबा बढ़ाना है...इनेलो को सत्ता में लाना है', तो पार्टी को ऐसे आगे बढ़ा रहे चौटाला

ये बात खुद दमकल अधिकारी ने आरटीआई के जवाब में कबूली है. जबकि नियमानुसार अस्पतालों की बिल्डिंग कोड नियमों के तहत नियमित जांच के भी आदेश हैं. बता दें कि, किसी इमारत या मार्केट में आग लगने पर अक्सर फायर विभाग को आग से बचाव के साधन या तो मिलते नहीं और मिलते हैं तो वो चालू हालत में नहीं होते. इसलिए इन इमारतों को दमकल विभाग द्वारा चैक किया जाता है और फिर जहां सभी मानकों की पालना की गई होती है उन्हें विभाग द्वारा एनओसी दी जाती है. बहरहाल अब देखते हैं कि भिवानी में ये जानकारी सामने आने के बाद इस मामले में प्रशासन द्वारा क्या कदम उठाया जाएगा.

भिवानी: शहर के 56 निजी और सरकारी अस्पतालों में सिर्फ छह निजी अस्पतालों के पास ही फायर एनओसी (bhiwani hospitals fire NOC) है. इन्हें भी फायर एनओसी नियमों को ताक पर रखकर दी गई है. ये खुलासा आरटीआई (RTI) में जिला दमकल कार्यालय से मांगी गई जानकारी के बाद हुआ है. स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने जिला दमकल अधिकारी कार्यालय से जनसूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी. जिसका जवाब दमकल अधिकारी कार्यालय से भेजा गया.

इस जवाब में चौ. बंसीलाल जिला नागरिक अस्पताल और हांसी रोड के ईएसआई अस्पताल ने स्थापना से लेकर आज तक दमकल विभाग से कोई एनओसी नहीं ली. जबकि शहर के 56 निजी अस्पतालों में से सिर्फ 6 निजी अस्पतालों के पास ही एनओसी दर्शायी गई, लेकिन इन अस्पतालों में भी दमकल की एनओसी के मानक पूरे नहीं हैं. बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं से मरीजों की मौत की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. ऐसे में भिवानी शहर के अंदर संचालित निजी व सरकारी अस्पतालों में दमकल के नियमों की अनदेखी कभी भी कोई बड़ा हादसा और भारी जानमाल की हानि की वजह बन सकती है.

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आरटीआई से मिली जानकारी

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बृजपाल सिंह परमार ने आरोप लगाया कि शहर के अंदर अधिकतर निजी अस्पतालों को कामर्शियल स्थल दर्शाया गया है. ऐसे में कई निजी अस्पताल दमकल की एनओसी लेने के लिए अस्पताल न दर्शाकर व्यवसायिक प्रतिष्ठान दर्शाकर एनओसी ले रहे हैं, जबकि नियम के अनुसार अस्पताल की फायर एनओसी के लिए अलग से मानक तय किए हुए हैं, जिन्हें पूरा करना अति आवश्यक है.

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि गृह मंत्रालय भारत सरकार की ओर से निजी व सरकारी अस्पतालों में अत्यधिक हादसे होने के कारण सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को 28 दिसंबर 2020 में आदेश जारी किए गए थे. जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि सभी निजी व सरकारी अस्पतालों में निरीक्षण कर बिल्डिंग कोड की जांच कराई जाए. इसके अलावा नेशनल बिल्डिंग ऑफ इंडिया व हरियाणा बिल्डिंग कोड एवं केंद्रीय आपदा विभाग द्वारा जारी आदेशों में भी अस्पतालों के लिए दमकल एनओसी अति आवश्यक है, लेकिन भिवानी में आज तक दमकल एनओसी को लेकर किसी भी अस्पताल की कोई जांच नहीं की गई.

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आरटीआई से मिली जानकारी

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ये बात खुद दमकल अधिकारी ने आरटीआई के जवाब में कबूली है. जबकि नियमानुसार अस्पतालों की बिल्डिंग कोड नियमों के तहत नियमित जांच के भी आदेश हैं. बता दें कि, किसी इमारत या मार्केट में आग लगने पर अक्सर फायर विभाग को आग से बचाव के साधन या तो मिलते नहीं और मिलते हैं तो वो चालू हालत में नहीं होते. इसलिए इन इमारतों को दमकल विभाग द्वारा चैक किया जाता है और फिर जहां सभी मानकों की पालना की गई होती है उन्हें विभाग द्वारा एनओसी दी जाती है. बहरहाल अब देखते हैं कि भिवानी में ये जानकारी सामने आने के बाद इस मामले में प्रशासन द्वारा क्या कदम उठाया जाएगा.

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