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'पराली प्रबंधन के लिए हरियाणा में बनाए गए 1 हजार कस्टम हायरिंग सेंटर'

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि हरियाणा में 1 हजार कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए गए हैं. जहां पराली प्रबंधन के लिए मशीनें सस्ते दाम पर किराये पर किसानों को दी जा रही हैं.

one thousand custom hiring centre built in haryana for stubble management
'पराली प्रबंधन के लिए हरियाणा में बनाए गए 1 हजार कस्टम हायरिंग सेंटर'
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Published : Oct 15, 2020, 2:26 PM IST

भिवानी: हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने प्रदेश के किसानों से पराली न जलाने की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार की ओर से एक हजार कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए गए हैं, जहां पर पराली के प्रबंधन को लेकर मशीने सस्ते किराये पर दी जा रही है. किसान इनका प्रयोग कर पराली का उचित प्रबंधन कर सकता हैं.

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने माना कि पराली जलाने की समस्या न केवल हरियाणा बल्कि पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों की समस्या है. इससे न सिर्फ वायु प्रदूषण फैलता है बल्कि पराली के साथ ही किसानों की फसलों को लाभ पहुंचाने वाले मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं. इसके साथ ही भूमि की उर्वरता शक्ति को भी पराली जलाने से खासा नुकसान होता हैं और तथा प्रकृति में असंतुलन भी बनता है.

'पराली प्रबंधन के लिए हरियाणा में बनाए गए 1 हजार कस्टम हायरिंग सेंटर'

उन्होंने आगे कहा कि इसीलिए किसानों को पराली जलाने की बजाए उसको खाद के रूप में प्रयोग करना चाहिए. इसके लिए कस्टम हायरिंग सेंटर हर खंड स्तर पर बनाए गए हैं, जहां पर किसानों को 50 से 80 प्रतिशत सब्सिडी पर पराली प्रबंधन की मशीने खरीदने और किराये पर देने के लिए उपलब्ध करवाई गई हैं. ऐसे ही एक हजार के लगभग सेंटर हरियाणा में बनाए गए हैं, जिनकी मदद से किसान पराली का उचित प्रबंधन कर सकते हैं.

ये भी पढ़िए: फेस्टिव सीजन में CM फ्लाइंग हुई एक्टिव, हिसार में अवैध इमली फैक्ट्री पर छापेमारी

कृषि मंत्री ने कहा कि ये मशीनें पराली को खाद में बदलने का कार्य करेंगी. कृषि मंत्री ने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पराली के प्रबंधन को लेकर ये भी कह चुके है कि 50 पैसे प्रति किलो किसान की पराली खरीदी जाएगी, इसीलिए किसानों को संयम बरतते हुए पराली के उचित प्रबंधन की तरफ कदम बढ़ाना चाहिए.

भिवानी: हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने प्रदेश के किसानों से पराली न जलाने की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार की ओर से एक हजार कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए गए हैं, जहां पर पराली के प्रबंधन को लेकर मशीने सस्ते किराये पर दी जा रही है. किसान इनका प्रयोग कर पराली का उचित प्रबंधन कर सकता हैं.

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने माना कि पराली जलाने की समस्या न केवल हरियाणा बल्कि पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों की समस्या है. इससे न सिर्फ वायु प्रदूषण फैलता है बल्कि पराली के साथ ही किसानों की फसलों को लाभ पहुंचाने वाले मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं. इसके साथ ही भूमि की उर्वरता शक्ति को भी पराली जलाने से खासा नुकसान होता हैं और तथा प्रकृति में असंतुलन भी बनता है.

'पराली प्रबंधन के लिए हरियाणा में बनाए गए 1 हजार कस्टम हायरिंग सेंटर'

उन्होंने आगे कहा कि इसीलिए किसानों को पराली जलाने की बजाए उसको खाद के रूप में प्रयोग करना चाहिए. इसके लिए कस्टम हायरिंग सेंटर हर खंड स्तर पर बनाए गए हैं, जहां पर किसानों को 50 से 80 प्रतिशत सब्सिडी पर पराली प्रबंधन की मशीने खरीदने और किराये पर देने के लिए उपलब्ध करवाई गई हैं. ऐसे ही एक हजार के लगभग सेंटर हरियाणा में बनाए गए हैं, जिनकी मदद से किसान पराली का उचित प्रबंधन कर सकते हैं.

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कृषि मंत्री ने कहा कि ये मशीनें पराली को खाद में बदलने का कार्य करेंगी. कृषि मंत्री ने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पराली के प्रबंधन को लेकर ये भी कह चुके है कि 50 पैसे प्रति किलो किसान की पराली खरीदी जाएगी, इसीलिए किसानों को संयम बरतते हुए पराली के उचित प्रबंधन की तरफ कदम बढ़ाना चाहिए.

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