ETV Bharat / state

आपकी लग्जरी कार से भी मंहगा है भिवानी का ये भैंसा, जीत चुका है कई इनाम

चमचमाते गठीले शरीर के झोटे विराट के बारे में शमशेर ने बताया कि वो इसके रख-रखाव पर प्रतिदिन हजार से 1200 रुपये खर्च करते हैं. जिनमें चार किलो दूध, तीन किलो चने, तीन किलो बिनौले, दो किलो मक्का मिक्सचर, दो किलो गुड़ के साथ हरा चारा और सूखा चारा शामिल होता है.

murrah buffalo virat of bhiwan
आपकी लग्जरी कार से भी मंहगा है भिवानी का ये भैंसा
author img

By

Published : Jan 31, 2020, 4:14 PM IST

भिवानी: हरियाणा की मुर्रा नस्ल को काला सोना कहा जाता है. भिवानी के पशुपालक शमशेर जांगड़ा हरियाणा में दुग्ध क्रांति लाने वाली इस मुर्रा नस्ल को आगे बढ़ाने का काम बाखूबी कर रहे हैं. इन्होंने इस नस्ल के झोटे विराट को 8 लाख रुपये की लागत से खरीदा है. जो आपकी किसी महंगी कार की कीमत के समान है.

भिवानी शहर के पशुपालक शमशेर जांगड़ा ने मुर्रा नस्ल के झोटे विराट के बारे में बताया कि इसका वजन 7 क्विंटल, ऊंचाई 5 फुट 4 ईंच है. ये राज्य पशु प्रदर्शनियों में कई बार ईनाम ले चुका है. उन्होंने ये झोटा गांव लेघां के किसान महेंद्र से खरीदा है. इसकी कीमत पशु प्रदर्शनियों में 8 लाख रूपये तक लग चुकी है.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़िए: लुटेरी दुल्हन 4 लाख रुपए लेकर फरार, भागते हुए CCTV में हुई कैद

शमशेर ने विराट को खरीदने के उद्देश्य के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने में मुर्रा नस्ल सबसे आगे रही है. वो इस झोटे से सीमन तैयार करके जिला और प्रदेश के पशुपालकों को सस्ते दामों में देंगे, जिससे हरियाणा में मुर्रा नस्ल को बढ़ावा मिलेगा. इसके सीमन प्रतिमाह लाखों रूपये में बिकता है.

रखरखाव में खर्च होते हैं प्रतिदिन हजारों रुपये
चमचमाते गठीले शरीर के झोटे विराट के बारे में शमशेर ने बताया कि वो इसके रख-रखाव पर प्रतिदिन हजार से 1200 रुपये खर्च करते हैं. जिनमें चार किलो दूध, तीन किलो चने, तीन किलो बिनौले, दो किलो मक्का मिक्सचर, दो किलो गुड़ के साथ हरा चारा और सूखा चारा शामिल होता है. इसे नहला-धुलाकर इसकी मालिश का काम भी वो हर दिन करते है.

विराट जीत चुका है कई ईनाम
भिवानी के पशु चिकित्सक विजय सनसनवाल ने बताया कि विराट ने हाल ही में राज्य पशु प्रदर्शनी में ईनाम पाया था. किसानों की आय को दोगुना करने के लिए पशुपालन भी एक महत्वपूर्ण कार्य है, जिसे भिवानी के पशुपालक शमशेर जांगड़ा मुर्रा नस्ल के झोटे विराट के माध्यम से आगे बढ़ा रहे हैं. आज प्रदेश में दुग्ध उत्पादन के साथ ही झोटे के माध्यम से सीमन उत्पादन में भी अच्छी-खासी कमाई है, जिसके महत्व को समझते हुए शमशेर जांगड़ा ने विराट के पालन-पोषण का जिम्मा उठाया है.

भिवानी: हरियाणा की मुर्रा नस्ल को काला सोना कहा जाता है. भिवानी के पशुपालक शमशेर जांगड़ा हरियाणा में दुग्ध क्रांति लाने वाली इस मुर्रा नस्ल को आगे बढ़ाने का काम बाखूबी कर रहे हैं. इन्होंने इस नस्ल के झोटे विराट को 8 लाख रुपये की लागत से खरीदा है. जो आपकी किसी महंगी कार की कीमत के समान है.

भिवानी शहर के पशुपालक शमशेर जांगड़ा ने मुर्रा नस्ल के झोटे विराट के बारे में बताया कि इसका वजन 7 क्विंटल, ऊंचाई 5 फुट 4 ईंच है. ये राज्य पशु प्रदर्शनियों में कई बार ईनाम ले चुका है. उन्होंने ये झोटा गांव लेघां के किसान महेंद्र से खरीदा है. इसकी कीमत पशु प्रदर्शनियों में 8 लाख रूपये तक लग चुकी है.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़िए: लुटेरी दुल्हन 4 लाख रुपए लेकर फरार, भागते हुए CCTV में हुई कैद

शमशेर ने विराट को खरीदने के उद्देश्य के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने में मुर्रा नस्ल सबसे आगे रही है. वो इस झोटे से सीमन तैयार करके जिला और प्रदेश के पशुपालकों को सस्ते दामों में देंगे, जिससे हरियाणा में मुर्रा नस्ल को बढ़ावा मिलेगा. इसके सीमन प्रतिमाह लाखों रूपये में बिकता है.

रखरखाव में खर्च होते हैं प्रतिदिन हजारों रुपये
चमचमाते गठीले शरीर के झोटे विराट के बारे में शमशेर ने बताया कि वो इसके रख-रखाव पर प्रतिदिन हजार से 1200 रुपये खर्च करते हैं. जिनमें चार किलो दूध, तीन किलो चने, तीन किलो बिनौले, दो किलो मक्का मिक्सचर, दो किलो गुड़ के साथ हरा चारा और सूखा चारा शामिल होता है. इसे नहला-धुलाकर इसकी मालिश का काम भी वो हर दिन करते है.

विराट जीत चुका है कई ईनाम
भिवानी के पशु चिकित्सक विजय सनसनवाल ने बताया कि विराट ने हाल ही में राज्य पशु प्रदर्शनी में ईनाम पाया था. किसानों की आय को दोगुना करने के लिए पशुपालन भी एक महत्वपूर्ण कार्य है, जिसे भिवानी के पशुपालक शमशेर जांगड़ा मुर्रा नस्ल के झोटे विराट के माध्यम से आगे बढ़ा रहे हैं. आज प्रदेश में दुग्ध उत्पादन के साथ ही झोटे के माध्यम से सीमन उत्पादन में भी अच्छी-खासी कमाई है, जिसके महत्व को समझते हुए शमशेर जांगड़ा ने विराट के पालन-पोषण का जिम्मा उठाया है.

Intro:भिवानी का मुर्राह नस्ल का बुल विराट पशुपालक के लिए बना लाखों की कमाई का साधन
लग्जरी कार के बराबर 8 लाख रूपये की कीमत का है विराट झोटा
मुर्राह नस्ल के अच्छे कॉफ (कटड़े) तैयार करना पशुपालक का उद्देश्य
7 क्विंटल वजन तो 5 फुट 4 ईंच की है लंबाई विराट की
राज्य पशु प्रदर्शनियों में कई बार ले चुका है ईनाम
हरियाणा की मुर्राह नस्ल को काला सोना कहा जाता है। भिवानी के पशुपालक शमशेर जांगड़ा हरियाणा में दुग्ध क्रांति लाने वाली इस मुर्राह नस्ल को आगे बढ़ाने का काम बाखूबी कर रहे है। इन्होंने इस नस्ल से बेहतर कॉफ (कटड़े) प्रजनन के लिए राज्य पशु प्रदर्शनियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले झोटे विराट को 8 लाख रूपये की लागत से खरीदा है। जो महंगी कारों की कीमत के समान है।
Body: भिवानी शहर के पशुपालक शमशेर जांगड़ा ने मुर्राह नस्ल के झोटे विराट के बारे में बताया कि इसका वजन 7 क्विंटल, ऊंचाई 5 फुट 4 ईंच है। यह राज्य पशु प्रदर्शनियों में अनेको बार ईनाम ले चुका है। उसने यह झोटा गांव लेघां के किसान महेंद्र से खरीदा है। इसकी कीमत पशु प्रदर्शनियों में 8 लाख रूपये तक लग चुकी है। उन्होंने इसके खरीदने के उद्देश्य के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने मेें मुर्राह नस्ल अग्रणीय रही है। वे इस झोटे से सीमन तैयार करके जिला व प्रदेश के पशुपालकों को सस्ते दामों में देंगे, जिससे हरियाणा प्रदेश में मुर्राह नस्ल को बढ़ावा मिलेगा। इसके सीमन प्रतिमाह लाखों रूपये में बिकता है।
चमचमाते गठीले शरीर के झोटे विराट के बारे में शमशेर ने बताया कि वे इसके रख-रखाव पर प्रतिदिन हजार से 1200 रूपये खर्च करते हैं। जिनमें चार किलो दूध, तीन किलो चने, तीन किलो बिनौले, दो किलो मक्का मिक्सचर, दो किलो गुड़ के साथ हरा चारा व सूखा चारा शामिल होता है। इसे नहला-धुलाकर इसकी मालिश का काम भी वे हर दिन करते है। भिवानी के पशु चिकित्सक विजय सनसनवाल ने बताया कि विराट ने हालही में राज्य पशु प्रदर्शनी में ईनाम पाया था। किसानों की आय को दोगुना करने के लिए पशुपालन भी एक महत्वपूर्ण कार्य है, जिसे भिवानी के पशुपालक शमशेर जांगड़ा मुर्राह नस्ल के झोटे विराट के माध्यम से आगे बढ़ा रहे हैं। आज प्रदेश में दुग्ध उत्पादन के साथ ही झोटे के माध्यम से सीमन उत्पादन में भी अच्छी-खासी कमाई है, जिसके महत्व को समझते हुए शमशेर जांगड़ा ने विराट के पालन-पोषण का जिम्मा उठाया है।
Conclusion: गौरतलब है कि पशुपालन व्यवसाय से किसानों की आय में तेजी से वृद्धि हो रही है। आज न केवल दूध के अच्छे दाम मिल रहे है, बल्कि उच्च गुणवत्ता के सीमन का भी मार्केट में मांग है। जिसे विराट व युवराज जैसे झोटे पूरा कर रहे है तथा इनको पालने वाले पशुपालक खासा मुनाफा कमा रहे है।
बाईट : शमशेर जांगडा पशुपालक एवं विजय सनसनवाल पशु चिकित्सक।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.