भिवानी: हरियाणा की मुर्रा नस्ल को काला सोना कहा जाता है. भिवानी के पशुपालक शमशेर जांगड़ा हरियाणा में दुग्ध क्रांति लाने वाली इस मुर्रा नस्ल को आगे बढ़ाने का काम बाखूबी कर रहे हैं. इन्होंने इस नस्ल के झोटे विराट को 8 लाख रुपये की लागत से खरीदा है. जो आपकी किसी महंगी कार की कीमत के समान है.
भिवानी शहर के पशुपालक शमशेर जांगड़ा ने मुर्रा नस्ल के झोटे विराट के बारे में बताया कि इसका वजन 7 क्विंटल, ऊंचाई 5 फुट 4 ईंच है. ये राज्य पशु प्रदर्शनियों में कई बार ईनाम ले चुका है. उन्होंने ये झोटा गांव लेघां के किसान महेंद्र से खरीदा है. इसकी कीमत पशु प्रदर्शनियों में 8 लाख रूपये तक लग चुकी है.
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शमशेर ने विराट को खरीदने के उद्देश्य के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने में मुर्रा नस्ल सबसे आगे रही है. वो इस झोटे से सीमन तैयार करके जिला और प्रदेश के पशुपालकों को सस्ते दामों में देंगे, जिससे हरियाणा में मुर्रा नस्ल को बढ़ावा मिलेगा. इसके सीमन प्रतिमाह लाखों रूपये में बिकता है.
रखरखाव में खर्च होते हैं प्रतिदिन हजारों रुपये
चमचमाते गठीले शरीर के झोटे विराट के बारे में शमशेर ने बताया कि वो इसके रख-रखाव पर प्रतिदिन हजार से 1200 रुपये खर्च करते हैं. जिनमें चार किलो दूध, तीन किलो चने, तीन किलो बिनौले, दो किलो मक्का मिक्सचर, दो किलो गुड़ के साथ हरा चारा और सूखा चारा शामिल होता है. इसे नहला-धुलाकर इसकी मालिश का काम भी वो हर दिन करते है.
विराट जीत चुका है कई ईनाम
भिवानी के पशु चिकित्सक विजय सनसनवाल ने बताया कि विराट ने हाल ही में राज्य पशु प्रदर्शनी में ईनाम पाया था. किसानों की आय को दोगुना करने के लिए पशुपालन भी एक महत्वपूर्ण कार्य है, जिसे भिवानी के पशुपालक शमशेर जांगड़ा मुर्रा नस्ल के झोटे विराट के माध्यम से आगे बढ़ा रहे हैं. आज प्रदेश में दुग्ध उत्पादन के साथ ही झोटे के माध्यम से सीमन उत्पादन में भी अच्छी-खासी कमाई है, जिसके महत्व को समझते हुए शमशेर जांगड़ा ने विराट के पालन-पोषण का जिम्मा उठाया है.