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भिवानी शहर में बंदरों का आतंक, बच्चे व बुजुर्गों के लिए बने खतरा - भिवानी बंदरों का आतंक खबर

भिवानी शहर की कई कॉलोनियों में बंदरों ने आतंक मचा रखा है. नगर परिषद द्वारा बंदर पकड़ो अभियान बंद होने के चलते अब शहर के कई कॉलोनियों में बंदरों का प्रकोप बढ़ गया है. जो बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा बन गया है.

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भिवानी शहर में बंदरों का आतंक बच्चे व बुजुर्गों के लिए खतरा
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Published : Dec 13, 2020, 12:32 PM IST

भिवानी: भिवानी की कई कॉलोनियों में इन दिनों बंदरों ने आतंक मचा रखा है. नगर परिषद द्वारा बंदर पकड़ो अभियान बंद होने के चलते अब भिवानी शहर के कई कॉलोनियों में बंदरों का प्रकोप बढ़ गया है. जो बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा बन गया है.

हनुमान गेट क्षेत्र के नागरिकों ने बताया कि इन दिनों बंदरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. महिलाओं को छतों पर कपड़े सुखाने व सर्दियों में धूप सेंकते समय बुजुर्ग व बच्चों को काटने के लिए दौड़ते हैं. इसके साथ ही घरों में रखे खाने के सामान को भी तहस-नहस कर देते हैं. इस बारे में नगर परिषद को सूचित भी किया जा चुका है. परंतु उनकी समस्या का कोई हल नगर परिषद नहीं निकाल रहा.

भिवानी शहर में बंदरों का आतंक बच्चे व बुजुर्गों के लिए खतरा

गौरतलब है कि नगर परिषद भिवानी ने बंदरों को पकड़ने के लिए जिस ठेकेदार को ठेका दिया था. उसने बंदर पकड़ने का कार्य बंद किया है क्योंकि बंदर को पकड़ने के बाद उसको डॉक्टर को दिखाने के बाद ही उसे कलेसर के जंगलों में छोड़ा जाता है. ठेकेदार के अनुसार चिकित्सकीय विभाग का कोई डॉक्टर समय पर इन बंदरों की देखरेख नही करता था.जिसके कारण लंबे समय तक बंदरों के रखरखाव पर भारी खर्च होता था .

ये भी पढ़े: फतेहाबाद में किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ किया दिल्ली कूच, वीडियो आया सामने

भिवानी: भिवानी की कई कॉलोनियों में इन दिनों बंदरों ने आतंक मचा रखा है. नगर परिषद द्वारा बंदर पकड़ो अभियान बंद होने के चलते अब भिवानी शहर के कई कॉलोनियों में बंदरों का प्रकोप बढ़ गया है. जो बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा बन गया है.

हनुमान गेट क्षेत्र के नागरिकों ने बताया कि इन दिनों बंदरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. महिलाओं को छतों पर कपड़े सुखाने व सर्दियों में धूप सेंकते समय बुजुर्ग व बच्चों को काटने के लिए दौड़ते हैं. इसके साथ ही घरों में रखे खाने के सामान को भी तहस-नहस कर देते हैं. इस बारे में नगर परिषद को सूचित भी किया जा चुका है. परंतु उनकी समस्या का कोई हल नगर परिषद नहीं निकाल रहा.

भिवानी शहर में बंदरों का आतंक बच्चे व बुजुर्गों के लिए खतरा

गौरतलब है कि नगर परिषद भिवानी ने बंदरों को पकड़ने के लिए जिस ठेकेदार को ठेका दिया था. उसने बंदर पकड़ने का कार्य बंद किया है क्योंकि बंदर को पकड़ने के बाद उसको डॉक्टर को दिखाने के बाद ही उसे कलेसर के जंगलों में छोड़ा जाता है. ठेकेदार के अनुसार चिकित्सकीय विभाग का कोई डॉक्टर समय पर इन बंदरों की देखरेख नही करता था.जिसके कारण लंबे समय तक बंदरों के रखरखाव पर भारी खर्च होता था .

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