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हरियाणा में 10वीं और 12वीं कक्षाओं में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम, अब फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक! - फर्जी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरेमैन ने कहा है कि नई शिक्षा नीति के तहत हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने भी पारदर्शी व्यवस्था बनाए रखने के लिए 10वीं और 12वीं कक्षाओं में स्कूल बदलने वाले छात्रों को बोर्ड की वैध प्रक्रिया को अपनाना होगा. ( Haryana New Education Policy)

Haryana School Education Board Chairman
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरेमैन डॉ. वीपी यादव
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Published : Apr 24, 2023, 3:27 PM IST

भिवानी: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. वीपी यादव ने सोमवार को मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने नई शिक्षा नीति के तहत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की तर्ज पर 10वीं व 12वीं कक्षाओं में सीधे प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया है. इस प्रक्रिया से फर्जी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के आधार पर बोर्ड परीक्षाओं में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों पर अंकुश लगेगा और बोर्ड परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी. यह निर्णय हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने वर्तमान शिक्षा सत्र 2023-24 से लिया है.

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. वीपी यादव ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत जो विद्यार्थी 9वीं से 10वीं कक्षा में और 11वीं से 12वीं कक्षा में स्कूल बदलता है या शिक्षा बोर्ड बदलता है, उसे हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में दाखिले से पूर्व संवैधानिक प्रक्रियाओं को अपनाते हुए मंजूरी लेनी होगी. उन्होंने कहा कि यह निर्णय अनुशासन को लागू करने और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए किया गया है, ताकि फर्जी एसएलसी के माध्यम से सीधे बोर्ड की परीक्षाएं देने के इच्छुक विद्यार्थियों की पहचान की जा सके और फर्जीवाड़े को रोका जा सके.

Haryana School Education Board Chairman
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरेमैन

बोर्ड चेयरमैन ने बताया कि पिछले वर्ष हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने इस प्रकार 867 फर्जी एसएलसी और पेपर देने वाले विद्यार्थियों को चिह्नित किया गया था और करीब 6 हजार परीक्षार्थियों के परिणाम भी इसी कारण से रोके गए थे. उन्हें उनके सर्टिफिकेट की जांच के बाद ही अंतिम परिणामों में शामिल किया गया था और जिन स्कूलों ने फर्जी एसएलसी जारी की थी. उन पर भी एक लाख रुपए का दंड लगाया गया था.

बोर्ड चेयरमैन ने बताया कि बड़े स्तर पर विद्यार्थी 9वीं से 10वीं और 11वीं से 12वीं कक्षाओं में स्कूल बदलते हैं. ऐसे में जो प्राइवेट स्कूल इन विद्यार्थियों को अगली कक्षा के लिए रिलीव नहीं करते, उनके लिए नई व्यवस्था के तहत स्कूल बदलने की एक प्रक्रिया शुरू की गई है और निजी स्कूलों की मनमानी पर भी इस निर्णय से अंकुश लगेगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा से बाहरी राज्यों के बड़ी संख्या में विद्यार्थी दाखिला लेते हैं, अब उन्हें दाखिला लेने की वैध प्रक्रिया से गुजरना जरूरी हो गया है, जिससे फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा.

ये भी पढ़ें: चंडीगढ़ में 8 मई से शुरू होगा भारत का पहला एयर फोर्स हेरिटेज सेंटर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे उद्घाटन

भिवानी: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. वीपी यादव ने सोमवार को मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने नई शिक्षा नीति के तहत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की तर्ज पर 10वीं व 12वीं कक्षाओं में सीधे प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया है. इस प्रक्रिया से फर्जी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के आधार पर बोर्ड परीक्षाओं में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों पर अंकुश लगेगा और बोर्ड परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी. यह निर्णय हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने वर्तमान शिक्षा सत्र 2023-24 से लिया है.

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. वीपी यादव ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत जो विद्यार्थी 9वीं से 10वीं कक्षा में और 11वीं से 12वीं कक्षा में स्कूल बदलता है या शिक्षा बोर्ड बदलता है, उसे हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में दाखिले से पूर्व संवैधानिक प्रक्रियाओं को अपनाते हुए मंजूरी लेनी होगी. उन्होंने कहा कि यह निर्णय अनुशासन को लागू करने और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए किया गया है, ताकि फर्जी एसएलसी के माध्यम से सीधे बोर्ड की परीक्षाएं देने के इच्छुक विद्यार्थियों की पहचान की जा सके और फर्जीवाड़े को रोका जा सके.

Haryana School Education Board Chairman
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरेमैन

बोर्ड चेयरमैन ने बताया कि पिछले वर्ष हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने इस प्रकार 867 फर्जी एसएलसी और पेपर देने वाले विद्यार्थियों को चिह्नित किया गया था और करीब 6 हजार परीक्षार्थियों के परिणाम भी इसी कारण से रोके गए थे. उन्हें उनके सर्टिफिकेट की जांच के बाद ही अंतिम परिणामों में शामिल किया गया था और जिन स्कूलों ने फर्जी एसएलसी जारी की थी. उन पर भी एक लाख रुपए का दंड लगाया गया था.

बोर्ड चेयरमैन ने बताया कि बड़े स्तर पर विद्यार्थी 9वीं से 10वीं और 11वीं से 12वीं कक्षाओं में स्कूल बदलते हैं. ऐसे में जो प्राइवेट स्कूल इन विद्यार्थियों को अगली कक्षा के लिए रिलीव नहीं करते, उनके लिए नई व्यवस्था के तहत स्कूल बदलने की एक प्रक्रिया शुरू की गई है और निजी स्कूलों की मनमानी पर भी इस निर्णय से अंकुश लगेगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा से बाहरी राज्यों के बड़ी संख्या में विद्यार्थी दाखिला लेते हैं, अब उन्हें दाखिला लेने की वैध प्रक्रिया से गुजरना जरूरी हो गया है, जिससे फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा.

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