बालीवुड स्टार से कम नहीं है इन पशुओं का जलवा, मेले में आकर्षण का केंद्र बने रूस्तम, कैटरीना और ताज - Haryana Latest News
भिवानी में 25 फरवरी से शुरू हुए राज्यस्तरीय पशु मेले के पहले दिन प्रदेशभर से हजारों बेहतरीन नस्ल के पशु (state level animal fair in Bhiwani) इस मेले में पहुंचे. इस मेले में मुर्रा जैसी नस्ल के भैंसे मेले का आकर्षण बने.
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भिवानी: हरियाणा के भिवानी में दो दिवसीय राज्यस्तरीय पशु मेला शुरू हो चुका (state level animal fair in Bhiwani) है. इस मेले में प्रदेशभर के बेहतरीन नस्ल के पशु पहुंचे हुए हैं. मेले में पहुंचने वाले लोग मोबाइल से पशुओं की फोटो और उनके साथ सेल्फी लेने के लिए बेताब दिखाई दिए. राज्यस्तरीय मेले में इस बार प्रदेश के हजारों किसान अलग-अलग नस्लों के अपने पशुओं को लेकर मेले में पहुंचे हैं. इनमें गाय, भैंस, बकरी, भेड़, घोड़ा, ऊंट और भैंसा शामिल रहें. इस मेले में मुर्रा जैसी नस्ल के भैंसे मेले का आकर्षण बने.
राज्यस्तरीय मेले में इस बार रूस्तम नाम का भैंसा पहुंचा है. मेले के पहले दिन माथे पर लाल पट्टा बांधे रूस्तम की एक झलक पाने के लिए हर कोई नजरें गड़ाए हुए था. रूस्तम 26 बार का नेशनल चैंपियन रह चुका है. जबकि 6 बार इंटरनेशनल चैंपियन रह चुका है. यही नहीं यह देश का पहला पशु है जिसे कृषक रत्न अवार्ड से नवाजा जा चुका है. इसके अलावा उसे पीएम मोदी अवार्ड, एशियन सम्मिट का बेस्ट बुल, सर्वोत्तम पशुधन अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.
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रूस्तम के अलावा इस मेले में फोगाट फार्म हाऊस भैंसा ताज भी खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ था. इसी तरह डोभ भाली गांव से आया ध्रुव भैंसे ने भी अपने दर्शकों को निराश नहीं किया. इसके अलावा भिंडावास से आए सूरज को जब लोग हाथ लगा-लगाकर देख रहे थे तो उसके मालिक के मुंह से निकला कि ताऊ ये इसका रंग है.. इसे तेल नहीं लगाया हुआ है.
मेले में सूरज नाम का भी एक भैंसा पहुंचा है. मुर्राह नस्ल का सूरज को एक अच्छा भैंसा माना जाता है. इसका डीएनए उत्तम श्रेणी का है. सूरज चार बार चैंपियन रह चुका है. सूरज की मां का दूध 28 किलो 112 ग्राम था. सूरज की पूर्व नस्ल की एक भैंस जब बेंची गई थी तब उसकी कीमत 25 लाख आंकी गई थी. सूरज के अलावा तालु गांव के सीबीजे फार्म का भैंसा सूर्या भी पहुंचा है. ये तीन बार चैंपियन रह चुका है.
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पशु मेले में बाहुबली नाम का सांड भी यहां पहुंचने वालें लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहा. अपनी भारी भरकम और लहरेदार देह से उसने सभी की नजरें अपनी ओर टिकाए रखी. इसी तरह कारी मेला गांव से आया बाबा राकेश गिरी का मंगल घोड़ा दूर से ही लोगों को अपनी ओर देखने को मजबूर कर रहा था. प्रदर्शनी में आए पशुपालक विजयपाल का गौ शिवपरिवार ऐसा है जो कि बहुत ही प्रेम से रहता है. इसमें भोला आकल, लक्ष्मी गाय, गौरा नाम का बछड़ा है.
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गुरूग्राम पुलिस के अरबी नस्ल के तीन घोड़े और एक घोड़ी भी मेले के मैदान के बीचों-बीच अपने रखवालों के साथ कदम ताल कर रहे थे. गोल्ड मेडल जीत चुके इन घोड़ों के नाम कैलिबर, डेंजर ड्रमर, उत्तम और कैटरीना है. इसी प्रकार ढाणी माहू गांव के प्रेमबीर का पांच लाख का बकरा भी अपनी कद-काठी से दर्शकों को लुभा रहा था. गुजरी नस्ल का यह बकरा 44 इंच ऊंचा है और तगड़ी खुराक खाता है.
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