भिवानी: रविवार को भिवानी में मिड डे मील कर्मचारियों का प्रदर्शन देखने को मिला. मिड डे मील वर्कर्स यूनियन हरियाणा के आह्वान पर कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कर्मचारियों ने भिवानी नेहरू पार्क से हांसी गेट और पुराना बस अड्डा होते हुए उपायुक्त कार्यालय तक प्रदर्शन किया. इसके बाद अपनी मांगों का ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा. मिड डे मील वर्कर्स यूनियन हरियाणा की मांग है कि कच्चा कर्मचारियों को पक्का किया जाए.
इसके अलावा न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये किया जाए. वेतन का भुगतान हर महीने की 7 तारीख तक होना चाहिए. वर्दी भत्ता कम से कम 2 हजार रुपये हो, 2 लाख रुपये रिटायरमेंट बेनिफिट हो, पीएफ व ईएसआई लागू किया जाए, मर्ज के नाम पर बंद स्कूलों की मिड डे मील वर्कर्स को समायोजित किया जाए. इस मौके पर मिड डे मील वर्कर्स यूनियन हरियाणा के राज्य उपाध्यक्ष कामरेड जय भगवान ने कहा कि सरकार मिड डे मील कर्मचारियों का शोषण कर रही है.
उन्होंने कहा कि मिड डे मील कर्मियों का कमरतोड़ महंगाई में 7 हजार रुपये मानदेय में गुजारा नहीं हो सकता. कई सालों से मोदी सरकार ने मिड डे मील कर्मियों के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की है. ऊपर से मोदी सरकार ने मिड डे मील योजना को बदल कर पीएम पोषण योजना कर दिया. जिसके चलते मिड डे मील कर्मियों पर काम का दबाव बढ़ गया है. आज हरियाणा सरकार की ओर से मिड डे मील कर्मचारियों पर भारी दबाव बनाया जा रहा है.
मिड डे मील के नए मेन्यू के कारण आज मिड डे मील कूक भारी तनाव में है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार श्रम सम्मेलनों की सिफारिशों को लागू नहीं कर रही है. इन्ही सब मांगों को लेकर मिड डे मील वर्कर्स प्रदर्शन करने को मजबूर है. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो आने वाले दिनों में सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा. इसकी जिम्मेदार सरकार और उनके अधिकारी होंगे.