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Students protest in Bhiwani: MBBS बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में छात्रों ने फूंका पुतला - MBBS students protest in Bhiwani

भिवानी में एमबीबीएस कोर्स में बांड पॉलिसी की आड़ में बढ़ाई गई फीस के विरोध में छात्रों ने हरियाणा सरकार का पुतला फूंका (Students protest in Bhiwani) है. आल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंड्स ऑर्गेनाइजेशन ने बांड पॉलिसी का विरोध किया है.

Students protest in Bhiwani
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Published : Nov 8, 2022, 2:50 PM IST

भिवानी: मंगलवार को एमबीबीएस छात्रों ने फीस बढ़ाए जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया (Students protest in Bhiwani) है. छात्रों का कहना है कि हरियाणा में एमबीबीएस कोर्स में बांड पॉलिसी की आड़ में फीस बढ़ाई गई है. छात्रों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदेश सरकार का पुतला फूंका है. छात्र संगठन आल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंड्स ऑर्गेनाइजेशन यानि एआईडीएसओ ने हरियाणा सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं.

प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कहा कि नवंबर-2020 में हरियाणा सरकार ने बॉन्ड पॉलिसी की आड़ में एमबीबीएस कोर्स की फीस बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दिया था. लेकिन छात्रों के विरोध करने के चलते इस नीति में थोड़ा बदलाव किया गया. छात्रों ने कहा कि बावजूद इसके प्रदेश सरकार की ओर से 7 साल सरकारी अस्पतालों में काम कराने के नाम पर 40 लाख रुपये का बॉन्ड भरवाया गया (protest against bond policy in Bhiwani) था.

लेकिन इस बार हरियाणा सरकार ने एडमिशन के समय 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष जमा कराने की शर्तें उनपर थोप दी है. छात्रों ने कहा कि वर्ष 2020 और 2021 के छात्रों को भी 10 लाख प्रति वर्ष के हिसाब से फीस जमा करनी पड़ेगी. असल में यह फीस वृद्धि नहीं खुली लूट है. उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही (MBBS students protest in Bhiwani) है. छात्रों का कहना है कि हरियाणा सरकार का ये मानना है कि कोई भी डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में सेवा नहीं देना चाहता, इसलिए ये बॉन्ड पॉलिसी लागू की है. विरोध जता रहे छात्रों का कहना है कि असल में सरकार सभी डॉक्टर को रोजगार देना नहीं चाहती है.

प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि शिक्षा और चिकित्सा का निजीकरण और व्यवसायीकरण करना (Privatization of education and medicine) चाहती है. अपनी इस कमी और मंशा को छिपाने के लिए इस तरह से लोगों को सरकार गुमराह कर रही है. उन्होंने कहा कि आज 25 प्रतिशत डॉक्टर के पद हरियाणा में रिक्त पड़े हैं, जिसको सरकार भर नहीं रही है. मेडिकल पर बजट कम किया जा रहा है. बॉन्ड पॉलिसी सरकारी मेडिकल सेवा के उद्देश्य से नहीं बल्कि डॉक्टर बनने से रोकने के लिए लायी गयी है. उनका कहना है कि सरकार गरीब और मध्यम परिवारों के बच्चों को डॉक्टर बनने से रोकना चाहती है.

भिवानी: मंगलवार को एमबीबीएस छात्रों ने फीस बढ़ाए जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया (Students protest in Bhiwani) है. छात्रों का कहना है कि हरियाणा में एमबीबीएस कोर्स में बांड पॉलिसी की आड़ में फीस बढ़ाई गई है. छात्रों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदेश सरकार का पुतला फूंका है. छात्र संगठन आल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंड्स ऑर्गेनाइजेशन यानि एआईडीएसओ ने हरियाणा सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं.

प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कहा कि नवंबर-2020 में हरियाणा सरकार ने बॉन्ड पॉलिसी की आड़ में एमबीबीएस कोर्स की फीस बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दिया था. लेकिन छात्रों के विरोध करने के चलते इस नीति में थोड़ा बदलाव किया गया. छात्रों ने कहा कि बावजूद इसके प्रदेश सरकार की ओर से 7 साल सरकारी अस्पतालों में काम कराने के नाम पर 40 लाख रुपये का बॉन्ड भरवाया गया (protest against bond policy in Bhiwani) था.

लेकिन इस बार हरियाणा सरकार ने एडमिशन के समय 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष जमा कराने की शर्तें उनपर थोप दी है. छात्रों ने कहा कि वर्ष 2020 और 2021 के छात्रों को भी 10 लाख प्रति वर्ष के हिसाब से फीस जमा करनी पड़ेगी. असल में यह फीस वृद्धि नहीं खुली लूट है. उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही (MBBS students protest in Bhiwani) है. छात्रों का कहना है कि हरियाणा सरकार का ये मानना है कि कोई भी डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में सेवा नहीं देना चाहता, इसलिए ये बॉन्ड पॉलिसी लागू की है. विरोध जता रहे छात्रों का कहना है कि असल में सरकार सभी डॉक्टर को रोजगार देना नहीं चाहती है.

प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि शिक्षा और चिकित्सा का निजीकरण और व्यवसायीकरण करना (Privatization of education and medicine) चाहती है. अपनी इस कमी और मंशा को छिपाने के लिए इस तरह से लोगों को सरकार गुमराह कर रही है. उन्होंने कहा कि आज 25 प्रतिशत डॉक्टर के पद हरियाणा में रिक्त पड़े हैं, जिसको सरकार भर नहीं रही है. मेडिकल पर बजट कम किया जा रहा है. बॉन्ड पॉलिसी सरकारी मेडिकल सेवा के उद्देश्य से नहीं बल्कि डॉक्टर बनने से रोकने के लिए लायी गयी है. उनका कहना है कि सरकार गरीब और मध्यम परिवारों के बच्चों को डॉक्टर बनने से रोकना चाहती है.

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