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भिवानी में कृषि कानूनों के विरोध में महापंचायत, किसान अपने घरों की छत पर लहराएंगे तिरंगा

भिवानी में कृषि कानूनों को लेकर महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें बीजेपी-जेजेपी नेताओं का बहिष्कार करने का फैसला लिया गया.

mahapanchayat organized against agricultural laws in bhiwani
भिवानी में कृषि कानूनों के विरोध में महापंचायत का आयोजन
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Published : Jan 31, 2021, 7:57 AM IST

Updated : Jan 31, 2021, 8:33 AM IST

भिवानी: कृषि कानूनों के विरोध में तोशाम अनाज मंडी में महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें जेजेपी व बीजेपी नेताओं का बहिष्कार करने का फैसला लिया गया. महापंचायत में बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह को किसानों का समर्थन करने के लिए तीन दिन की मोहलत दी गई है. महापंचायत में मौजूद किसानों ने कहा कि यदि सांसद धर्मबीर सिंह तीन दिन के अंदर किसानों का समर्थन नहीं करते हैं. तो उनका तोशाम अनाज मंडी में पुतला दहन किया जाएगा और आगे की रणनीति बनाई जाएगी.

महापंचायत में किसानों ने अनाज मंडी में अपना कार्यालय स्थापित किया. जहां प्रतिदिन धरना स्थल पर किसानों का जत्था राहत सामग्री लेकर दिल्ली के लिए रवाना होगा. किसान नेता राजेश लक्ष्मणपुरा द्वारा बहादुरगढ़ के पास किसानों के लिए एक लंगर स्थापित किया जाएगा. वहीं आंदोलन को लेकर एक कमेटी का गठन किया जाएगा.

प्रशासन रहा सतर्क

एक तरफ जहां किसानों ने आंदोलन को लेकर महापंचायत की. वहीं दूसरी तरफ महापंचायत को लेकर प्रशासन पूरी तरह अर्लट रहा. नायब तहसीलदार ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट को भी नियुक्त किया.

सभी किसान अपने घर की छत पर तिरंगा लहराएंगे

महापंचायत को संबोधित करते हुए युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल प्रधान ने कहा कि हर किसान अपने घर की छत पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराए, जिसके कारण सरकार झुकने पर मजबूर हो जाए. उन्होंने कहा कि आंदोलन शांतिप्रिय रहेगा तो जीत पक्की होगी. उन्होंने कहा कि सरकार हर रोज किसानों के खिलाफ षड्यंत्र रच रही है. किसान चट्टानों की तरह मजबूत व एकजुट है.

ये भी पढ़ें: 7 फरवरी को टिकरी बॉर्डर के लिए किसान करेंगे पैदल कूच, खापों की महापंचायत में फैसला

सरकार ने रचा था दिल्ली में हिंसा भड़काने का षडयंत्र

किसान नेता रमेश पंघाल ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. सरकार को किसानों की मांग ले लेनी चाहिए. किसानों के धरने को 2 महीने से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन सरकार किसानों के प्रति उदासीन रवैया अपनाए हुए है. 26 जनवरी को सरकार ने दिल्ली में हिंसा भड़काने का षडयंत्र रचा,लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.

ये भी पढ़ें: फोगाट खाप की अगुवाई में सैकड़ों किसान गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना

कानून वापस होने तक किसान करेंगे प्रदर्शन: किसान नेता

रमेश ने कहा कि किसान जब तक धरने पर बैठे रहेंगे, तब तक ये कृषि के काले कानून वापस नहीं हो जाएंगे. ये कानून के किसानों पर जबरदस्ती थोपे गए थे. किसान किसी भी सूरत में इन कानूनों को लागू नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि अगर किसान ही भूखा रहेगा. तो सरकार के मंत्री भी अपना पेट भी नहीं भर पाएंगे.

ये भी पढ़ें: अब 31 जनवरी शाम 5 बजे तक बंद रहेगा हरियाणा के 17 जिलों में मोबाइल इंटरनेट

भिवानी: कृषि कानूनों के विरोध में तोशाम अनाज मंडी में महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें जेजेपी व बीजेपी नेताओं का बहिष्कार करने का फैसला लिया गया. महापंचायत में बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह को किसानों का समर्थन करने के लिए तीन दिन की मोहलत दी गई है. महापंचायत में मौजूद किसानों ने कहा कि यदि सांसद धर्मबीर सिंह तीन दिन के अंदर किसानों का समर्थन नहीं करते हैं. तो उनका तोशाम अनाज मंडी में पुतला दहन किया जाएगा और आगे की रणनीति बनाई जाएगी.

महापंचायत में किसानों ने अनाज मंडी में अपना कार्यालय स्थापित किया. जहां प्रतिदिन धरना स्थल पर किसानों का जत्था राहत सामग्री लेकर दिल्ली के लिए रवाना होगा. किसान नेता राजेश लक्ष्मणपुरा द्वारा बहादुरगढ़ के पास किसानों के लिए एक लंगर स्थापित किया जाएगा. वहीं आंदोलन को लेकर एक कमेटी का गठन किया जाएगा.

प्रशासन रहा सतर्क

एक तरफ जहां किसानों ने आंदोलन को लेकर महापंचायत की. वहीं दूसरी तरफ महापंचायत को लेकर प्रशासन पूरी तरह अर्लट रहा. नायब तहसीलदार ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट को भी नियुक्त किया.

सभी किसान अपने घर की छत पर तिरंगा लहराएंगे

महापंचायत को संबोधित करते हुए युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल प्रधान ने कहा कि हर किसान अपने घर की छत पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराए, जिसके कारण सरकार झुकने पर मजबूर हो जाए. उन्होंने कहा कि आंदोलन शांतिप्रिय रहेगा तो जीत पक्की होगी. उन्होंने कहा कि सरकार हर रोज किसानों के खिलाफ षड्यंत्र रच रही है. किसान चट्टानों की तरह मजबूत व एकजुट है.

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सरकार ने रचा था दिल्ली में हिंसा भड़काने का षडयंत्र

किसान नेता रमेश पंघाल ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. सरकार को किसानों की मांग ले लेनी चाहिए. किसानों के धरने को 2 महीने से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन सरकार किसानों के प्रति उदासीन रवैया अपनाए हुए है. 26 जनवरी को सरकार ने दिल्ली में हिंसा भड़काने का षडयंत्र रचा,लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.

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कानून वापस होने तक किसान करेंगे प्रदर्शन: किसान नेता

रमेश ने कहा कि किसान जब तक धरने पर बैठे रहेंगे, तब तक ये कृषि के काले कानून वापस नहीं हो जाएंगे. ये कानून के किसानों पर जबरदस्ती थोपे गए थे. किसान किसी भी सूरत में इन कानूनों को लागू नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि अगर किसान ही भूखा रहेगा. तो सरकार के मंत्री भी अपना पेट भी नहीं भर पाएंगे.

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Last Updated : Jan 31, 2021, 8:33 AM IST
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