भिवानी: कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत मंगलवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करनाल में कृषि एवं पशुपालन मंत्री जयप्रकाश दलाल ने की. कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से कृषि मंत्री जेपी दलाल ने प्रदेशभर के किसानों से बात की.
इस बातचीत के दौरान जेपी दलालन ने किसानों से फसल अवशेष को ना जलाने की अपील की. कार्यक्रम के दौरान किसानों ने सीधे कृषि वैज्ञानिकों से भी संवाद किया. प्रदेशभर के कई किसान इस कार्यक्रम से जुड़े. इस दौरान कृषि मंत्री ने किसानों से आह्वान किया कि फसल अवशेष किसी भी सूरत में न जलाएं.
उन्होंने कहा कृषि विभाग फसल अवशेष प्रबंधन के लिए बड़े ही कारगर कदम उठा रहा है. उन्होंने कि विभाग किसानों के हितों के लिए गंभीर है. विभाग का प्रयास है कि किसान को पराली का उचित दाम भी मिल जाए ताकि किसान को किसी प्रकार का नुकसान ना हो. इस पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है.
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा किसानों को सीएचसी स्थापित करने के लिए 80 प्रतिशत अनुदान पर कृषि यंत्र पंचायतों, एफपीओ, पंजीकृत कृषक सोसायटी, सहकारी समितियों को उपलब्ध करवाने के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. इसके साथ-साथ व्यक्तिगत किसान भी इन-सीटू क्रॉप मैनेजमेंट स्कीम के तहत फसल अवशेष प्रबंधन हेतु विभिन्न कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत अनुदान लाभ लेने के लिए ऑनलाईन आवेदन 21 अगस्त 2020 तक विभाग के पोर्टल WWW.agriharayanacrm.com पर आवेदन कर सकते हैं.
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उन्होंने किसानों से पशु क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ उठाने की भी अपील की. कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि पराली जलाने से जमीन की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है, जिससे फसल के उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इसके साथ-साथ वायु प्रदुषण भी होता है, जिससे मनुष्य का स्वास्थ्य खराब होता है. उन्होंने बताया कि फसल अवशेष जलाने से पशुओं के लिए चारे की कमी भी बन जाती है.