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Contractors Protest in Bhiwani: किसानों और सरपंचों के बाद ठेकेदारों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, जानिए क्या है पूरा मामला

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 से पहले प्रदेश में किसानों और सरपंचों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं, अब हरियाणा में सिंचाई विभाग के ठेकेदारों ने भी अब सरकार के खिलाफ मोर्चा (contractors meeting in Bhiwani) खोल दिया है. अपनी मांगों को लेकर भिवानी में एक बैठक की. इस दौरान तय किया गया कि अगर सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती है तो आने वाले दिनों में सिंचाई विभाग से संबंधित सभी विकास कार्यों को रोक देंगे.

Irrigation department contractors meeting in Bhiwani
भिवानी में सिंचाई विभाग के ठेकेदारों की बैठक
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Published : Jan 29, 2023, 5:00 PM IST

भिवानी में सिंचाई विभाग के ठेकेदारों की बैठक

भिवानी: हरियाणा में किसान गन्ने के भाव, सरपंच ई-टेंडरिंग सरकारी कर्मचारी, कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदेश में लगातार संघर्ष कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर विभिन्न वर्ग लगातार सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है. वहीं, अब हरियाणा में सिंचाई विभाग से संबंधित ठेकेदार भी सरकार के खिलाफ उतर चुके हैं. इतना ही नहीं, ठेकेदारों ने मांगें पूरी न होने तक किसी भी टेंडर अलॉटमेंट प्रक्रिया में हिस्सा न लेने का ऐलान भी किया है. जिसके बाद नहर की सफाई, माइनर की लाइनिंग (पानी की बर्बादी रोकने के लिए) और सिंचाई विभाग से संबंधित अन्य विकाय कार्यों पर पूर्ण विराम लग जाएगा, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा.

इसी कड़ी में रविवार को भिवानी सिंचाई विभाग रेस्ट हाउस में भिवानी और दादरी जिला के संबंधित ठेकेदारों की मीटिंग आयोजित हुई. इस दौरान ठेकेदारों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बैठक के दौरान सिंचाई विभाग से संबंधित ठेकेदारों की विभिन्न समस्याओं को लेकर चर्चा हुई. ठेकेदारों ने जीएसटी 12 फीसदी से 18 फीसदी की गई, उसे वापस घटाकर 12 फीसदी किए जाने, अधिक ली गई राशि को वापस की जाए, ठेकेदारों द्वारा विभाग को दी जाने वाली सेवाओं की जीएसटी ठेकेदार की बजाए विभाग वहन करें, ठेकेदारों का लंबे समय से लंबित पड़ी भुगतान राशि दी जाए.

इस मौके पर बालकिशन ठेकेदार ने कहा कि करीबन 6 माह से वे अपनी मांगों को लेकर सरकार और अधिकारियों के दरों की धूल फांकने को मजबूर है, लेकिन उनकी कही कोई सुनवाई नहीं हो रही. उन्होंने कहा कि वे अपना मेहनताना दिए जाने की मांग को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है. उन्होंने कहा कि अपने मेहनताने की मांग को लेकर लंबे समय से भटक रहे ठेकेदारों के समक्ष अब अपने परिवार की भरण-पोषण की समस्या भी बनी हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार की अनदेखी से तंग आकर ठेकेदार संघर्ष की राह अपनाने को मजबूर हो गए है. इसके साथ ही ठेकेदारों ने चेतावनी दी कि है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, वे किसी भी टेंडर अलॉटमेंट प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेंगे.

ये भी पढ़ें: गोहाना में अमित शाह की रैली: विरोध कर रहे नवीन जयहिंद को पुलिस ने हिरासत में लिया

भिवानी में सिंचाई विभाग के ठेकेदारों की बैठक

भिवानी: हरियाणा में किसान गन्ने के भाव, सरपंच ई-टेंडरिंग सरकारी कर्मचारी, कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदेश में लगातार संघर्ष कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर विभिन्न वर्ग लगातार सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है. वहीं, अब हरियाणा में सिंचाई विभाग से संबंधित ठेकेदार भी सरकार के खिलाफ उतर चुके हैं. इतना ही नहीं, ठेकेदारों ने मांगें पूरी न होने तक किसी भी टेंडर अलॉटमेंट प्रक्रिया में हिस्सा न लेने का ऐलान भी किया है. जिसके बाद नहर की सफाई, माइनर की लाइनिंग (पानी की बर्बादी रोकने के लिए) और सिंचाई विभाग से संबंधित अन्य विकाय कार्यों पर पूर्ण विराम लग जाएगा, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा.

इसी कड़ी में रविवार को भिवानी सिंचाई विभाग रेस्ट हाउस में भिवानी और दादरी जिला के संबंधित ठेकेदारों की मीटिंग आयोजित हुई. इस दौरान ठेकेदारों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बैठक के दौरान सिंचाई विभाग से संबंधित ठेकेदारों की विभिन्न समस्याओं को लेकर चर्चा हुई. ठेकेदारों ने जीएसटी 12 फीसदी से 18 फीसदी की गई, उसे वापस घटाकर 12 फीसदी किए जाने, अधिक ली गई राशि को वापस की जाए, ठेकेदारों द्वारा विभाग को दी जाने वाली सेवाओं की जीएसटी ठेकेदार की बजाए विभाग वहन करें, ठेकेदारों का लंबे समय से लंबित पड़ी भुगतान राशि दी जाए.

इस मौके पर बालकिशन ठेकेदार ने कहा कि करीबन 6 माह से वे अपनी मांगों को लेकर सरकार और अधिकारियों के दरों की धूल फांकने को मजबूर है, लेकिन उनकी कही कोई सुनवाई नहीं हो रही. उन्होंने कहा कि वे अपना मेहनताना दिए जाने की मांग को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है. उन्होंने कहा कि अपने मेहनताने की मांग को लेकर लंबे समय से भटक रहे ठेकेदारों के समक्ष अब अपने परिवार की भरण-पोषण की समस्या भी बनी हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार की अनदेखी से तंग आकर ठेकेदार संघर्ष की राह अपनाने को मजबूर हो गए है. इसके साथ ही ठेकेदारों ने चेतावनी दी कि है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, वे किसी भी टेंडर अलॉटमेंट प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेंगे.

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