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LOCKDOWN से उद्योग जगत की टूटी कमर, फिक्स बिजली बिल माफ करने की मांग

इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रधान धर्मबीर नेहरा ने सरकार से बिजली फिक्स चार्ज माफ करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण पहले ही उद्योगों काफी नुकसान हो चुका है और उद्योग मालिक भी फिक्स बिजली का बिल भरने में असमर्थ हैं.

Industries Association demand forgive fix electricity bill in bhiwani
Industries Association demand forgive fix electricity bill in bhiwani
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Published : Apr 28, 2020, 7:07 PM IST

भिवानी: कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन की मार से कोई भी कारोबारी तबका बच नहीं पाया है. ऐसे में देश और प्रदेश में इस लॉकडाउन का इंडस्ट्री पर भी जबरदस्त मार पड़ी है. इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रधान धर्मबीर नेहरा ने सरकार से बिजली फिक्स चार्ज माफ करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण पहले ही उद्योगों काफी नुकसान हो चुका है.

धर्मबीर नेहरा ने कहा है कि उद्दोगों के मालिक फिक्स बिजली का भुगतान करने में असमर्थ है. उन्होंने कहा कि बंद उद्दोगों से फिक्स बिजली चार्ज लेना गलत होगा.

ये भी जानें-हरियाणा की फुटवियर इंडस्ट्री पर लॉकडाउन की मार, 5000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते उद्योग जगत की पहले ही कमर टूट चुकी है. उन्होंने कहा जब सरकार के पास ही अपने कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे नहीं है, तो उद्योगों से कैसे उम्मीद रखी जा सकती है.

उन्होंने सरकार से मांग की है कि प्रदेश के उद्योगों को बचाने के लिए सरकार को एक स्पष्ट नीति बनानी होगी और उद्योग जगत को कई रियायतें देनी होंगी. उन्होंने कहा कि सरकार को लॉकडाउन के दौरान उनके कर्ज और बैंक लिमिट के भुगतान में छुट देनी चाहिए.

भिवानी: कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन की मार से कोई भी कारोबारी तबका बच नहीं पाया है. ऐसे में देश और प्रदेश में इस लॉकडाउन का इंडस्ट्री पर भी जबरदस्त मार पड़ी है. इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रधान धर्मबीर नेहरा ने सरकार से बिजली फिक्स चार्ज माफ करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण पहले ही उद्योगों काफी नुकसान हो चुका है.

धर्मबीर नेहरा ने कहा है कि उद्दोगों के मालिक फिक्स बिजली का भुगतान करने में असमर्थ है. उन्होंने कहा कि बंद उद्दोगों से फिक्स बिजली चार्ज लेना गलत होगा.

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उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते उद्योग जगत की पहले ही कमर टूट चुकी है. उन्होंने कहा जब सरकार के पास ही अपने कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे नहीं है, तो उद्योगों से कैसे उम्मीद रखी जा सकती है.

उन्होंने सरकार से मांग की है कि प्रदेश के उद्योगों को बचाने के लिए सरकार को एक स्पष्ट नीति बनानी होगी और उद्योग जगत को कई रियायतें देनी होंगी. उन्होंने कहा कि सरकार को लॉकडाउन के दौरान उनके कर्ज और बैंक लिमिट के भुगतान में छुट देनी चाहिए.

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