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भिवानी: अवैध स्कूलों पर तालाबंदी को लेकर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने जारी किए निर्देश

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Published : Aug 9, 2019, 6:54 PM IST

मौलिक शिक्षा निदेशालय ने एक बार फिर प्रदेशभर में चल रहे गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों पर तालाबंदी करने का आदेश दिया है. साथ ही अनाधिकृत निजी स्कूलों के संबंध में झूठी रिपोर्ट भेजने वाले शिक्षा अधिकारियों पर सख्ती बरतने की बात कही गई है.

अवैध स्कूलों पर होगी तालाबंदी

भिवानी: मौलिक शिक्षा निदेशालय ने एक बार फिर प्रदेशभर में चल रहे लगभग छह हजार गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर तालाबंदी और एफआईआर दर्ज कराए जाने को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं.

illegal private school will be shut down
अवैध स्कूलों पर तालाबंदी को लेकर शिक्षा निदेशालय का लेटर

उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार लिया निर्णय

ये निर्देश जिले के सभी शिक्षा अधिकारी और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को जारी किए गए हैं. आपको बता दें कि मौलिक शिक्षा निदेशालय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा दिए 18 मार्च 2019 के आदेशों के अनुसार ये कदम उठा रही है.

झूठी रिपोर्ट भेजने वालों पर होगी कार्रवाई

निदेशालय ने ये भी कहा है कि शिक्षा अधिकारियों ने जिन स्कूलों के बंद होने की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी थी. अगर उन स्कूलों में भी बच्चों की कक्षाएं लग रही हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर कार्रवाई की जाएगी. शिक्षा निदेशालय ने कहा कि अनाधिकृत निजी स्कूलों के संबंध में झूठी रिपोर्ट भेजने वाले शिक्षा अधिकारियों पर भी सख्ती बरती जाएगी.

अभिभावकों से की अपील

अभिभावकों से कहा गया है कि धोखाधड़ी कर चल रहे अनाधिकृत निजी स्कूलों के बच्चों को नजदीकी स्कूलों में दाखिला दिलवाएं. स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने 9 अक्टूबर 2017 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका डाली थी, जिसकी अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी.

इसी दौरान मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी शिक्षा अधिकारियों से एक बार फिर अनाधिकृत निजी विद्यालयों को बंद कराने की रिपोर्ट फिर से तलब की है.

भिवानी: मौलिक शिक्षा निदेशालय ने एक बार फिर प्रदेशभर में चल रहे लगभग छह हजार गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर तालाबंदी और एफआईआर दर्ज कराए जाने को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं.

illegal private school will be shut down
अवैध स्कूलों पर तालाबंदी को लेकर शिक्षा निदेशालय का लेटर

उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार लिया निर्णय

ये निर्देश जिले के सभी शिक्षा अधिकारी और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को जारी किए गए हैं. आपको बता दें कि मौलिक शिक्षा निदेशालय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा दिए 18 मार्च 2019 के आदेशों के अनुसार ये कदम उठा रही है.

झूठी रिपोर्ट भेजने वालों पर होगी कार्रवाई

निदेशालय ने ये भी कहा है कि शिक्षा अधिकारियों ने जिन स्कूलों के बंद होने की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी थी. अगर उन स्कूलों में भी बच्चों की कक्षाएं लग रही हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर कार्रवाई की जाएगी. शिक्षा निदेशालय ने कहा कि अनाधिकृत निजी स्कूलों के संबंध में झूठी रिपोर्ट भेजने वाले शिक्षा अधिकारियों पर भी सख्ती बरती जाएगी.

अभिभावकों से की अपील

अभिभावकों से कहा गया है कि धोखाधड़ी कर चल रहे अनाधिकृत निजी स्कूलों के बच्चों को नजदीकी स्कूलों में दाखिला दिलवाएं. स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने 9 अक्टूबर 2017 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका डाली थी, जिसकी अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी.

इसी दौरान मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी शिक्षा अधिकारियों से एक बार फिर अनाधिकृत निजी विद्यालयों को बंद कराने की रिपोर्ट फिर से तलब की है.

Intro:मौलिक शिक्षा निदेशालय ने फिर जारी किए आदेश
जिला शिक्षा अधिकारियों से गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर तालाबंदी करने की रिपोट की तलब
गैर मान्यता मान्यता वाले अन्य स्कूलों पर भी आएगी जांच की आंच, होगी तालाबंदी
झूठी रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय भेजने वाले शिक्षा अधिकारी भी नपेंगे
भिवानी, 8 अगस्त : मौलिक शिक्षा निदेशालय ने एक बार फिर प्रदेशभर में चल रहे करीबन छह हजार गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर तालाबंदी और एफआईआर दर्ज कराए जाने संबंधी पुन: सख्त निर्देश सभी जिला शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को जारी किए हैं। इन निर्देशों में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन एवं अन्य द्वारा चल रहे केस का हवाला देते हुए हर हाल में आठ अगस्त की शाम चार बजे तक सभी शिक्षा अधिकारियों से गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के संबंध में रिपोर्ट तलब की है।
Body:मौलिक शिक्षा निदेशालय ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा दिए 18 मार्च 2019 के आदेशों की अनुपालना के निर्देश देते हुए राज्य में चल रहे अनाधिकृत निजी स्कूलों को हरियाणा विद्यालय शिक्षा नियमावली 2003 के नियम 3 के अंतर्गत बंद कराकर रिपोर्ट निदेशालय को भेजे जाने की हिदायतें दी थी। निदेशालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि शिक्षा अधिकारियों ने जिन स्कूलों के बंद होने की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी हैं, उन स्कूलों में अगर अब भी बच्चों की कक्षाएं लग रही हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर इसकी रिपोर्ट भी भेजें। इतना ही नहीं बच्चों व अभिभावकों से धोखाधड़ी कर चल रहे अनाधिकृत निजी स्कूलों के बच्चों को नजदीकी स्कूलों में भी समायोजन की प्रक्रिया अपनाएं।
Conclusion: स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार द्वारा 9 अक्टूबर 2017 को माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका डाली गई थी। जिस पर अब अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी। इसी दौरान मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी शिक्षा अधिकारियों से एक बार फिर अनाधिकृत निजी विद्यालयों को बंद कराने की रिपोर्ट फिर से तलब की है। बृजपाल परमार ने बताया कि शिक्षा निदेशालय के तीन उच्चाधिकारियों द्वारा माननीय हाई कोर्ट में हल्फानामा देकर इन स्कूलों को शिक्षा सत्र 2019-20 में नहीं चलने दिए जाने की पुष्टि की गई थी। लेकिन हाई कोर्ट में एक साल पहले शपथ पत्र दिए जाने के बावजूद भी प्रदेशभर में चल रहे अनाधिकृत निजी विद्यालयों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में शिक्षा निदेशालय के डिप्टी सेक्ट्री, अतिरिक्त सचिव, अतिरिक्त निदेशक के साथ साथ शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, सेकेंडरी शिक्षा के महानिदेशक, मोलिक शिक्षा निदेशक के खिलाफ भी कोर्ट की अवमानना का केस दायर करने की तैयारी चल रही है। इस मामले में 29 जुलाई को हाई कोर्ट में भी शिकायत दी गई है। इतना ही नहीं शिक्षा निदेशालय को अनाधिकृत निजी स्कूलों के संबंध में झूठी रिपोर्ट भेजने वाले शिक्षा अधिकारी भी नपेंगे, क्योंकि इनके खिलाफ भी संगठन द्वारा हाई कोर्ट के आदेशों की अवमानना व विभाग से धोखाधड़ी की शिकायत हाई कोर्ट में देकर इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।
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