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चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल में मधुमक्खी अटैक का खतरा, जगह जगह लगे छत्ते, प्रशासन बेखबर - भिवानी ताजा समाचार

चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल भिवानी में मधुमक्खियों के अटैक का खतरा बना हुआ है. यहां जगह-जगह मधुमक्खियों के छत्ते लगे हैं, हैरानी की बात ये है कि अस्पताल प्रशासन ने इसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है.

chaudhary bansilal civil hospital bhiwani
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Published : Apr 4, 2023, 2:41 PM IST

भिवानी: चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल में जगह-जगह मधुमक्खियों के छत्ते बने हुए हैं. अस्पताल प्रशासन का इसकी तरफ कोई ध्यान नहीं है. अगर किसी ने भी मधुमक्खियों को छेड़ दिया तो अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए काफी परेशानी हो सकती है. क्योंकि अस्पताल प्रशासन की तरफ मधुमक्खियों से बचाव के लिए भी कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. 21 मार्च को रोहतक से भी ऐसी ही घटना सामने आई थी. जहां 12वीं बोर्ड की परीक्षा देने आए बच्चों और अभिभावकों पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया था.

जिसकी वजह से परीक्षा केंद्र पर अफरा-तफरी का माहौल रहा. करीब दर्जन भर छात्रों और अभिभावकों को मधुमक्खियों ने अपनी चपेट में ले लिया था. काफी देर बाद मधुमक्खियों का झुंड शांत हुआ जिसके बाद छात्र परीक्षा दे पाए. अगर यहां भी कुछ ऐसी ही घटना हुई तो मरीजों के लिए बड़ी परेशानी हो सकती है. चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल भिवानी में रोजाना हजारों मरीज उपचार के लिए आते हैं. सैकड़ों मरीज अस्पताल में भर्ती हैं. इसके बावजूद भी अस्पताल प्रशासन का इसकी तरफ कोई ध्यान नहीं है.

अब तो हालात ये हैं कि अगर किसी ने इन मधुमक्खियों के छत्तों को हटाने की कोशिश भी की, तो ना केवल मरीजों को बल्कि अस्पताल के स्टाफ को भी मधुमक्खियां चपेट में ले लेंगी. समाजसेवी सीमा बंसल ने कहा कि अधिकारी केवल व्यवस्था ठीक होने का दावा करते है, लेकिन हकीकत से उनका कोई लेना-देना नहीं है. सीमा बंसल ने कहा कि सभी को पता है कि कई बार तो मधुमक्खियों का हमला जानलेवा भी साबित होता है, इसके बावजूद भी, हैरानी बात कि है कि अस्पताल के आंतरिक विभाग हो या फिर बाह्य विभाग.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में फिर बदला मौसम, सुबह कई घंटे हुई तेज हवाओं के साथ बारिश, गेहूं के खेतों में भरा पानी

हर जगह मधुमक्खियों के छत्ते दिखाई पड़ते हैं. अस्पताल प्रशासन इससे अनजान है. उनका कहना है कि जिस अस्पताल में सुबह से शाम तक हजारों लोगों का आना-जाना लगा रहता है, वहां पर मधुमक्खियों के कारण कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है. उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर अस्पताल प्रशासन को मधुमक्खियों के इस जमावड़े को हटाना चाहिए और साथ ही ऐसी व्यवस्था भी की जानी चाहिए कि मधुमक्खियों की दोबारा अस्पताल जैसे संवेदनशील जैसे क्षेत्र में जमाबंदी ना हो.

भिवानी: चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल में जगह-जगह मधुमक्खियों के छत्ते बने हुए हैं. अस्पताल प्रशासन का इसकी तरफ कोई ध्यान नहीं है. अगर किसी ने भी मधुमक्खियों को छेड़ दिया तो अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए काफी परेशानी हो सकती है. क्योंकि अस्पताल प्रशासन की तरफ मधुमक्खियों से बचाव के लिए भी कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. 21 मार्च को रोहतक से भी ऐसी ही घटना सामने आई थी. जहां 12वीं बोर्ड की परीक्षा देने आए बच्चों और अभिभावकों पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया था.

जिसकी वजह से परीक्षा केंद्र पर अफरा-तफरी का माहौल रहा. करीब दर्जन भर छात्रों और अभिभावकों को मधुमक्खियों ने अपनी चपेट में ले लिया था. काफी देर बाद मधुमक्खियों का झुंड शांत हुआ जिसके बाद छात्र परीक्षा दे पाए. अगर यहां भी कुछ ऐसी ही घटना हुई तो मरीजों के लिए बड़ी परेशानी हो सकती है. चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल भिवानी में रोजाना हजारों मरीज उपचार के लिए आते हैं. सैकड़ों मरीज अस्पताल में भर्ती हैं. इसके बावजूद भी अस्पताल प्रशासन का इसकी तरफ कोई ध्यान नहीं है.

अब तो हालात ये हैं कि अगर किसी ने इन मधुमक्खियों के छत्तों को हटाने की कोशिश भी की, तो ना केवल मरीजों को बल्कि अस्पताल के स्टाफ को भी मधुमक्खियां चपेट में ले लेंगी. समाजसेवी सीमा बंसल ने कहा कि अधिकारी केवल व्यवस्था ठीक होने का दावा करते है, लेकिन हकीकत से उनका कोई लेना-देना नहीं है. सीमा बंसल ने कहा कि सभी को पता है कि कई बार तो मधुमक्खियों का हमला जानलेवा भी साबित होता है, इसके बावजूद भी, हैरानी बात कि है कि अस्पताल के आंतरिक विभाग हो या फिर बाह्य विभाग.

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हर जगह मधुमक्खियों के छत्ते दिखाई पड़ते हैं. अस्पताल प्रशासन इससे अनजान है. उनका कहना है कि जिस अस्पताल में सुबह से शाम तक हजारों लोगों का आना-जाना लगा रहता है, वहां पर मधुमक्खियों के कारण कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है. उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर अस्पताल प्रशासन को मधुमक्खियों के इस जमावड़े को हटाना चाहिए और साथ ही ऐसी व्यवस्था भी की जानी चाहिए कि मधुमक्खियों की दोबारा अस्पताल जैसे संवेदनशील जैसे क्षेत्र में जमाबंदी ना हो.

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