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सार्वजनिक जगहों पर नहीं बजेंगे शराब और हथियारों से जुड़े गाने, HC ने सुनाया अहम फैसला - पंजाबी गानों पर बैन

सामाजिक कार्यकर्ता पंडितराव ने हाईकोर्ट में शराब और हथियारों से जुड़े पंजाबी गानों के खिलाफ याचिका दायर की थी. जिसमें हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.

शराब और हथियारों से जुड़े गाने
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Published : Jul 28, 2019, 5:06 PM IST

Updated : Jul 28, 2019, 7:04 PM IST

चंडीगढ़ः पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदेश में सार्वजनिक जगहों पर शराब और हथियारों से जुड़े गानों को बैन कर दिया है. कोर्ट में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला लिया है.

शराब और हथियारों से जुड़े गाने बैन, क्लिक कर सुनें याचिकाकर्ता का बयान

2016 में दायर हुई थी याचिका
याचिकाकर्ता पंडितराव ने पंजाबी गानों में अश्लीलता और भड़काऊपन के खिलाफ साल 2016 में एक याचिका दायर की थी. जिसमें 3 साल बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सार्वजनिक जगह पर अश्लीलता, हथियारों, नशा, शराब या अन्य तरीके के भड़काऊ गाने बजाने पर रोक लगा दी है.

डीजीपी को आदेश जारी
इसके अलावा हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के डीजीपी के लिए भी ये आदेश जारी किया है कि वे ये सुनिश्चित करें कि सार्वजनिक जगहों पर इस तरह के गाने ना बजाए जाएं. अब अगर कोई इन आदेशों की अवमानना करता है तो इसकी जिम्मेदारी डीजीपी की होगी. इसके अलावा रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक किसी भी निजी समारोह या किसी धार्मिक स्थल पर ऊंची आवाज में लाउडस्पीकर नहीं चलाए जा सकेंगे.

'हाईकोर्ट ने सुनाया अच्छा फैसला'
पंडित राव ने कहा कि वे हाईकोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं, क्योंकि पंजाबी गीतों में अश्लीलता हथियार नशे आदि कई आपत्तिजनक बातें ज्यादा देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि इस तरह के गानों से युवा वर्ग पर काफी बुरा असर पड़ रहा है. इसलिए 3 साल बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में बहुत बेहतरीन फैसला सुनाया है.

चंडीगढ़ः पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदेश में सार्वजनिक जगहों पर शराब और हथियारों से जुड़े गानों को बैन कर दिया है. कोर्ट में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला लिया है.

शराब और हथियारों से जुड़े गाने बैन, क्लिक कर सुनें याचिकाकर्ता का बयान

2016 में दायर हुई थी याचिका
याचिकाकर्ता पंडितराव ने पंजाबी गानों में अश्लीलता और भड़काऊपन के खिलाफ साल 2016 में एक याचिका दायर की थी. जिसमें 3 साल बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सार्वजनिक जगह पर अश्लीलता, हथियारों, नशा, शराब या अन्य तरीके के भड़काऊ गाने बजाने पर रोक लगा दी है.

डीजीपी को आदेश जारी
इसके अलावा हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के डीजीपी के लिए भी ये आदेश जारी किया है कि वे ये सुनिश्चित करें कि सार्वजनिक जगहों पर इस तरह के गाने ना बजाए जाएं. अब अगर कोई इन आदेशों की अवमानना करता है तो इसकी जिम्मेदारी डीजीपी की होगी. इसके अलावा रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक किसी भी निजी समारोह या किसी धार्मिक स्थल पर ऊंची आवाज में लाउडस्पीकर नहीं चलाए जा सकेंगे.

'हाईकोर्ट ने सुनाया अच्छा फैसला'
पंडित राव ने कहा कि वे हाईकोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं, क्योंकि पंजाबी गीतों में अश्लीलता हथियार नशे आदि कई आपत्तिजनक बातें ज्यादा देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि इस तरह के गानों से युवा वर्ग पर काफी बुरा असर पड़ रहा है. इसलिए 3 साल बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में बहुत बेहतरीन फैसला सुनाया है.

Intro:सामाजिक कार्यकर्ता पंडितराव द्वारा अश्लील पंजाबी गीतों के खिलाफ छेड़ी गई जंग में बड़ी सफलता मिली है जिसमें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर फैसला देते हुए कहा है कि सार्वजनिक जगहों पर अश्लीलता, हथियारों, नशा शराब या अन्य तरीके के भड़काऊ गीत नहीं चलाई जा सकेंगे और अगर कोई इन आदेशों की अवमानना करता है तो इसकी जिम्मेदारी डीजीपी की होगी ।इस इसके अलावा रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक किसी भी निजी समारोह या किसी धार्मिक स्थल पर ऊंची आवाज में लाउडस्पीकर नहीं चलाए जा सकेंगे।



Body:इस केस के याचिकाकर्ता पंडितराव ने पंजाबी गीतों में अश्लीलता और भड़काऊपन के खिलाफ साल 2011 में एक याचिका दायर की थी। जिसमें 3 साल बाद हाई कोर्ट में फैसला सुनाते हुए सार्वजनिक जगह पर अश्लील और भड़काऊ गीत बजाने पर रोक लगा दी है। इसके अलावा हाई कोर्ट ने पंजाब हरियाणा और चंडीगढ़ के डीजीपी के लिए भी यह आदेश जारी किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सार्वजनिक जगहों पर इस तरह की गीत ना बजाए जाए।
इस बारे में बात करते हुए पंडित राव ने कहा की वे हाईकोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं। क्योंकि पंजाबी गीतों में अश्लीलता हथियार नशे आदि कई आपत्तिजनक बातें ज्यादा देखने को मिल रही है। जिसका युवा वर्ग पर काफी बुरा असर पड़ रहा है इसलिए 3 साल बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में बहुत बेहतरीन फैसला सुनाया है। साथ ही उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने यह भी फैसला सुनाया है कि अब किसी भी समारोह में या धार्मिक स्थल पर तेज आवाज में लाउडस्पीकर नहीं बजाए जा सकेंगे साथ ही अगर किसी को लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना है तो वह है आज्ञा लेकर इनका इस्तेमाल कर सकता है और आगे लेने के पश्चात भी लाउडस्पीकर की आवाज 10 डेसिबल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए । कहीं पर भी रात 10 बजे के बाद और सुबह 6:00 बजे से पहले लाउडस्पीकर बजाने की आज्ञा नहीं होगी।

बाइट - पंडितराव, याचिकाकर्ता


Conclusion:
Last Updated : Jul 28, 2019, 7:04 PM IST
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