भिवानी: जिले के लोग खुद अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग नहीं हैं. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अकेले शहर में अब तक 776 मकानों में डेंगू और मलेरिया का लारवा मिल चुका है. इस बात को ध्यान में रखते हुए विभाग ने इस तरह के लोगों को नोटिस जारी किया है.
इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग ने शहर के 1456 लोगों को डेंगू के सैंपल लिए जिनमें से 17 लोगों को डेंगू की पुष्टि हो चुकी है. यहां बता दें कि इस समय जिले में गुलाबी ठंड का मौसम शुरू हो चुका है. अकसर इस तरह के मौसम में जहां भी गंदा या लंबे समय से पानी जमा होता है वहां डेंगू और मलेरिया बीमारी फैलाने वाले मच्छरों के पनपने की संभावना सबसे ज्यादा होती है.
इस तरह का पानी अकसर या तो किसी गड्ढे में जमा होता है या फिर लोग अपने कूलरों का पानी लंबे समय तक नहीं बदलते. इसके अलावा लोग अपने वाहनों के पुराने टायर अकसर अपने मकान की छत पर रख देते हैं, इसलिए उनमें बारिश का पानी कई दिनों तक जमा रहता है. इसके चलते इस तरह के मच्छर इन जगहों पर अपना बसेरा बना लेते हैं.
विभाग ने 15 दिन पहले शुरू किया था अभियान
इस बात को ध्यान में रखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने खासकर भिवानी शहर में 15 दिन पहले एंटी लारवा एक्टिविटी अभियान शुरू किया था. तब से लेकर अब तक विभाग शहर में 776 जगहों पर लारवा की तलाश कर उन मकानों के मालिकों को नोटिस थमा चुका है. अब विभाग उन जगहों पर दोबारा सर्वे शुरू कर चुका है. अगर वहां दोबारा से लारवा मिलता है तो विभाग इस तरह के लोगों के बारे में नगर परिषद को अवगत करा उनके चालान काटने की सिफारिश करेगा. मगर अभी तक शहर में जिन लोगों के मकानों का दोबारा सर्वे किया है वहां अभी तक दोबारा लारवा नहीं मिला है.
मलेरिया की भी बनाई जा चुकी 90 हजार से ज्यादा स्लाइड
इसी कड़ी में जिला स्वास्थ्य विभाग मलेरिया पर काबू पाने के लिए अब तक 92155 लोगों के खून के सैंपल लेकर उनकी मलेरिया की स्लाइड बनाकर जांच कर चुकी है. उनमें से एक ही स्लाइड में मलेरिया का अभी तक रोगी मिला है, इसलिए कुल मिलाकर जिला स्वास्थ्य विभाग लगातार खासकर शहर में डेंगू और मलेरिया के प्रकोप को रोकने के लिए अपना अभियान चलाए हुए है. वहीं दूसरी ओर शहरवासी शहर की निजी लैबों में भी अपना डेंगू और मलेरिया का टैस्ट करा रहे हैं.
नगर परिषद द्वारा कराई जा रही फॉगिंग
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर अब नगर परिषद की टीम भी शहर में डेंगू और मलेरिया पर रोकथाम के लिए शहर में जगह-जगह रोजाना फॉगिंग कर रही है, ताकि इस तरह के मच्छरों को पनपने से पहले ही खत्म किया जा सके. हालांकि इस साल से पहले नगर परिषद के पास फॉगिंग के लिए एक ही मशीन थी. मगर पिछले दिनों नगर परिषद ने फॉगिंग करने वाली 5 और मशीनें खरीदी हैं. इसलिए इन सभी 6 मशीनों के माध्यम से जहां भी डेंगू के रोगी मिलने की सूचना या किसी में इस तरह के लक्षण मिलते हैं वहां लगातार फॉगिंग की जा रही है.
लोगों को किया जा रहा जागरूक
इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग की टीमें शहर में डोर-टू-डोर जाकर लोगों को अपने कूलरों का पानी समय-समय पर बदलते रहने, मकानों की छतों पर पड़े पुराने टायरों में जमा पानी को खाली करने के अलावा लोगों के मकानों पर रखी प्लास्टिक की टंकियों का भी पानी बदलने के लिए आह्वान कर रही हैं.
इसके अलावा, विभाग की टीमें खुद भी लोगों के मकानों की छतों पर जाकर इस बारे में चैकिंग अभियान चलाए हुए हैं. इस दौरान टीमों द्वारा लोगों को जागरूक करते हुए बताया जा रहा है कि वो जरा सी सावधानी बरतकर डेंगू और मलेरिया की चपेट में आने से बच सकते हैं.
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