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दिल्ली में केजरीवाल की जीत पर उनके पैतृक गांव में खुशी, जानिए ग्रामीणों ने क्या कहा - शिवानी गांव में जश्न

अरविंद केजरीवाल की दिल्ली तीसरी बार जीत से गांव में खुशी का माहौल है. हालांकि केजरीवाल उस गांव में नहीं रहते, लेकिन वहा का हर ग्रामीण टीवी पर सुबह से डटा रहा, और हर बढ़त पर खुशी मनाई, देखिए रिपोर्ट

haryana village sivani celebrate victory of kejriwal
भिवानी में अरविंद केजरीवाल का गांव शिवानी
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Published : Feb 11, 2020, 8:18 PM IST

भिवानी: हरियाणा का भिवानी जिला राजनीति का गढ़ रहा है. भिवानी जिला में जन्मे चार लोग सीएम बन चुके हैं. इनमें चौधरी बंसीलाल, मास्टर हुक्म सिंह और बीडी गुप्ता हरियाणा के सीएम रह चुके हैं और केजरीवाल दिल्ली के सीएम हैं. सिवानी क्षेत्र के खेड़ा गांव में जन्मे अरविंद केजरीवाल आज देश की राजनिती के सितारे बन चुके हैं. अरविंद केजरीवाल की इस उपलब्धि पर उनके गांव के लोग गर्व करते हैं.

आज जैसे ही चुनाव परिणाम टीवी पर आने शुरू हुए तो केजरीवाल के परिजन टीवी पर निरंतर अपडेट होते परिणाम देखते रहे. उन्होंने आम आदमी पार्टी की जीत के लिए खुशी जताई.

दिल्ली में केजरीवाल की जीत पर उनके पैतृक गांव में खुशी, जानिए ग्रामीणों ने क्या कहा

सिवानी में पले बढ़े थे अरविंद केजरीवाल
आज अरविंद केजरीवाल को पूरा देश जानता है पर बुहत कम लोग जानते हैं कि वो कहां जन्मे और कहां उनकी शिक्षा पूरी हुई. हम आपको बताते हैं कि अरविंद केजरीवाल हरियाणा राज्य की राजनितीक राजधानी कहे जाने वाले भिवानी जिले में जन्मे थे. सिवानी क्षेत्र के छोटे से गांव खेड़ा में जन्म केजरीवाल आज राजनिती के सिखर पर हैं. हालांकि आज उनका पुस्तैनी मकान खंडहर हो चुका है. केजरीवाल का ही नहीं बल्कि उनके चाचा ताऊ के मकान भी जो साथ लगते हैं वो खंडहर हो चुके हैं. कई दशक पहले केजरीवल के जन्म के करीब दो माह बाद ही उनके परिजन गांव से सिवानी चले गए थे.

haryana village sivani celebrate victory of kejriwal
अरविंद केजरीवाल के पैतृक घर को दिखाता ग्रामीण

'परिजनों ने घर को धर्मशाला बनाने के लिए दान दे दिया'
खेड़ा गांव के लोग बताते हैं कि केजरीवाल के परिजन बहुत ही नेक इंसान थे. ग्रामीण महेन्द्र पंडीत, छत्तर सिंह, वजीर मिस्त्री ने बताया कि केजरीवाल के परिजन कई साल पहले गांव से सिवानी चले गए थे. उन्होने अपने मकान धर्मशाल के लिए और जमीन गौचर भूमी के लिए दान दे दी थी.

'अपने दादा के पद चिन्हों पर चले केजरीवाल'
महेन्द्र पंडीत बताते हैं कि केजरीवाल पढाई में हमेशा होशियार रहा. वो अपने दादा के पदचिन्हों पर चला, जिन्होने हरियाणा के सीएम रहे चौधरी बंसीलाल के साथ विरोध की राजनिती की थी. गांव के लोग बताते हैं कि जब भी वो केजरीवाल के पास जाते हैं तो केजरीवाल बहुत प्यार से मिलते हैं और बङी इज्जत करते हैं. केजरीवाल अपने गांव के लोगों को देख कर बहुत खुश होते हैं.

haryana village sivani celebrate victory of kejriwal
अरविंद केजरीवाल के साथ ग्रामीणों की तस्वीर

ये भी पढे़ं- रोहतक में 'आप' कार्यालय पर जीत का जश्न, कहा- पार्टियां हिंदू-मुस्लिम की राजनीति न करें

'केजरीवाल को तीसरी बार सीएम देखना चाहते हैं ग्रामीण'
ग्रामीण महेन्द्र पंडीत ने बताया कि सीएम बनने के बाद केजरीवल खेड़ा गांव में आए हैं. उन्होंने केजरीवाल और उनके पिता के साथ मुलाकात की फोटो दिखाते हुए कहा कि पूरा गांव चाहता है कि केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के सीएम बने. वहीं दूसरे ग्रामीण भी कहते हैं कि वो केजरीवाल के तीसरी बार दिल्ली के सीएम बनने का इंतजार कर रहे हैं. गांव के सभी लोग मानते हैं कि केजरीवाल ने दिल्ली में काम किया है और काम की बदौलत वो सीएम बनेंगे.

haryana village sivani celebrate victory of kejriwal
खंडहर में तब्दील हो गया है केजरीवाल का घर

ये भी पढे़ंः सिरसा: डीजे पर गाना बजाने को लेकर हुआ विवाद, एक की मौत

'केजरीवाल के परिजनों का सिवानी में कपड़ों का काम था'
ग्रामीण बताते हैं कि केजरीवाल के परिजन पहले सिवानी में कपड़े की दुकान चलाते थे. गांव के सभी लोग केजरीवाल के साथ उनके परिजनों की बहुत इज्जत करते हैं. उनके चले जाने के बाद आज उनके घर खंडहर हो चुके हैं. ये मकान कभी भी गिर सकते हैं. घर के अंदर खर पतवार उगे हुए हैं. 70-80 साल पहले बने ये मकान भले ही आज खंडहर हो चुके हों पर इस क्षेत्र में जहां पीने तक को पानी उस समय नहीं था. केजरीवल के परिजनों की मेहनत की बदौलत उन्होंने उस समय इस प्रकार का पक्का मकान बनाया जो एक किले के डिजाईन में हैं.

भिवानी: हरियाणा का भिवानी जिला राजनीति का गढ़ रहा है. भिवानी जिला में जन्मे चार लोग सीएम बन चुके हैं. इनमें चौधरी बंसीलाल, मास्टर हुक्म सिंह और बीडी गुप्ता हरियाणा के सीएम रह चुके हैं और केजरीवाल दिल्ली के सीएम हैं. सिवानी क्षेत्र के खेड़ा गांव में जन्मे अरविंद केजरीवाल आज देश की राजनिती के सितारे बन चुके हैं. अरविंद केजरीवाल की इस उपलब्धि पर उनके गांव के लोग गर्व करते हैं.

आज जैसे ही चुनाव परिणाम टीवी पर आने शुरू हुए तो केजरीवाल के परिजन टीवी पर निरंतर अपडेट होते परिणाम देखते रहे. उन्होंने आम आदमी पार्टी की जीत के लिए खुशी जताई.

दिल्ली में केजरीवाल की जीत पर उनके पैतृक गांव में खुशी, जानिए ग्रामीणों ने क्या कहा

सिवानी में पले बढ़े थे अरविंद केजरीवाल
आज अरविंद केजरीवाल को पूरा देश जानता है पर बुहत कम लोग जानते हैं कि वो कहां जन्मे और कहां उनकी शिक्षा पूरी हुई. हम आपको बताते हैं कि अरविंद केजरीवाल हरियाणा राज्य की राजनितीक राजधानी कहे जाने वाले भिवानी जिले में जन्मे थे. सिवानी क्षेत्र के छोटे से गांव खेड़ा में जन्म केजरीवाल आज राजनिती के सिखर पर हैं. हालांकि आज उनका पुस्तैनी मकान खंडहर हो चुका है. केजरीवाल का ही नहीं बल्कि उनके चाचा ताऊ के मकान भी जो साथ लगते हैं वो खंडहर हो चुके हैं. कई दशक पहले केजरीवल के जन्म के करीब दो माह बाद ही उनके परिजन गांव से सिवानी चले गए थे.

haryana village sivani celebrate victory of kejriwal
अरविंद केजरीवाल के पैतृक घर को दिखाता ग्रामीण

'परिजनों ने घर को धर्मशाला बनाने के लिए दान दे दिया'
खेड़ा गांव के लोग बताते हैं कि केजरीवाल के परिजन बहुत ही नेक इंसान थे. ग्रामीण महेन्द्र पंडीत, छत्तर सिंह, वजीर मिस्त्री ने बताया कि केजरीवाल के परिजन कई साल पहले गांव से सिवानी चले गए थे. उन्होने अपने मकान धर्मशाल के लिए और जमीन गौचर भूमी के लिए दान दे दी थी.

'अपने दादा के पद चिन्हों पर चले केजरीवाल'
महेन्द्र पंडीत बताते हैं कि केजरीवाल पढाई में हमेशा होशियार रहा. वो अपने दादा के पदचिन्हों पर चला, जिन्होने हरियाणा के सीएम रहे चौधरी बंसीलाल के साथ विरोध की राजनिती की थी. गांव के लोग बताते हैं कि जब भी वो केजरीवाल के पास जाते हैं तो केजरीवाल बहुत प्यार से मिलते हैं और बङी इज्जत करते हैं. केजरीवाल अपने गांव के लोगों को देख कर बहुत खुश होते हैं.

haryana village sivani celebrate victory of kejriwal
अरविंद केजरीवाल के साथ ग्रामीणों की तस्वीर

ये भी पढे़ं- रोहतक में 'आप' कार्यालय पर जीत का जश्न, कहा- पार्टियां हिंदू-मुस्लिम की राजनीति न करें

'केजरीवाल को तीसरी बार सीएम देखना चाहते हैं ग्रामीण'
ग्रामीण महेन्द्र पंडीत ने बताया कि सीएम बनने के बाद केजरीवल खेड़ा गांव में आए हैं. उन्होंने केजरीवाल और उनके पिता के साथ मुलाकात की फोटो दिखाते हुए कहा कि पूरा गांव चाहता है कि केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के सीएम बने. वहीं दूसरे ग्रामीण भी कहते हैं कि वो केजरीवाल के तीसरी बार दिल्ली के सीएम बनने का इंतजार कर रहे हैं. गांव के सभी लोग मानते हैं कि केजरीवाल ने दिल्ली में काम किया है और काम की बदौलत वो सीएम बनेंगे.

haryana village sivani celebrate victory of kejriwal
खंडहर में तब्दील हो गया है केजरीवाल का घर

ये भी पढे़ंः सिरसा: डीजे पर गाना बजाने को लेकर हुआ विवाद, एक की मौत

'केजरीवाल के परिजनों का सिवानी में कपड़ों का काम था'
ग्रामीण बताते हैं कि केजरीवाल के परिजन पहले सिवानी में कपड़े की दुकान चलाते थे. गांव के सभी लोग केजरीवाल के साथ उनके परिजनों की बहुत इज्जत करते हैं. उनके चले जाने के बाद आज उनके घर खंडहर हो चुके हैं. ये मकान कभी भी गिर सकते हैं. घर के अंदर खर पतवार उगे हुए हैं. 70-80 साल पहले बने ये मकान भले ही आज खंडहर हो चुके हों पर इस क्षेत्र में जहां पीने तक को पानी उस समय नहीं था. केजरीवल के परिजनों की मेहनत की बदौलत उन्होंने उस समय इस प्रकार का पक्का मकान बनाया जो एक किले के डिजाईन में हैं.

Intro:दिल्ली में आप की जीत पर केजरीवाल के पैतृक गांव में खुशी
भिवानी के सिवानी उपमंडल के खेड़ा गांव में जन्मे थे केजरीवाल
तीसरी बार दिल्ली के सीएम बनने को लेकर उनके गांव में खुशी
गांव के लोग कहते हैं : काम के दम पर तीसरी बार सीएम बने केजरीवाल
जब दो माह के थे केजरीवाल, परिजन गांव छोडक़र सिवानी और फिर हिसार रहने लगे थे
भिवानी, 11 फरवरी : हरियाणा का भिवानी जिला राजनीति का गढ़ रहा है। भिवानी जिला में जन्मे चार लोग सीएम बन चुके हैं। इनमें चौधरी बंसीलाल, मास्टर हुक्म सिंह और बीडी गुप्ता हरियाणा के सीएम रह चुके हैं और केजरीवाल दिल्ली के सीएम हैं। सिवानी क्षेत्र के खेङा गांव में जन्मे अरविंद केजरीवाल आज देश की राजनिती के सितारे बन चुके हैं। उनकी इस उपलब्धि पर उनके गांव के लोग गर्व करते हैं। आज जैसे ही चुनाव परिणाम टीवी पर आने शुरू हुए तो केजरीवाल के परिजन टीवी पर निरंतर अपडेट होते परिणाम देखते रहे तथा उन्होंने आम आदमी पार्टी की जीत के लिए खुशी जताई।
आज अरविंद केजरीवाल को पूरा देश जानता है। पर बुहत कम लोग जानते हैं कि वो कहां जन्मे और कहां उनकी शिक्षा पूरी हुई। तो हम आपको बताते हैं कि अरविंद केजरीवाल हरियाणा राज्य की राजनितीक राजधानी कहे जाने वाले भिवानी जिले में जन्मे थे। सिवानी क्षेत्र के छोटे से गांव खेङा में जन्म केजरीवाल आज राजनिती के सिखर पर हैं। हालांकि आज उनका पुस्तैनी मकान यानि जहां वो जन्मे थे वो खंडहर हो चुका है। केजरीवाल का ही नहीं बल्कि उनके चाचा ताऊ के मकान भी जो साथ लगते हैं वो खंडहर हो चुके हैं। कई दशक पहले केजरीवल के जन्म के करीब दो माह बाद ही उनके परिजन गांव से सिवानी चले गए थे।
खेङा गांव के लोग बताते हैं कि केजरीवाल के परिजन बहुत ही नेक इंसान थे। ग्रामीण महेन्द्र पंडीत, छत्तर सिंह, वजीर मिस्त्री ने बताया कि केजरीवाल के परिजन कई साल पहले गांव से सिवानी चले गए थे। उन्होने अपने मकान धर्मशाल के लिए और जमीन गौचर भूमी के लिए दान दे दी थी। महेन्द्र पंडीत बताते हैं कि केजरीवाल पढाई में हमेशा होशियार रहा। वो अपने दादा के पदचिन्हों पर चला, जिन्होने हरियाणा के सीएम रहे चौधरी बंसीलाल के साथ विरोध की राजनिती की थी। गांव के लोग बताते हैं कि जब भी वो केजरीवाल के पास जाते हैं तो केजरीवाल बहुत प्यार से मिलते हैं और बङी इज्जत करते हैं। केजरीवाल अपने गांव के लोगों को देख कर बहुत खुश होते हैं।
Body: ग्रामीण महेन्द्र पंडीत ने बताया कि सीएम बनने के बाद केजरीवल खेङा गांव में आए हैं। उन्होने केजरीवाल और उनके पिता के साथ मुलाकात की फोटो दिखाते हुए कहा कि पूरा गांव चाहता है कि केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के सीएम बने। वहीं दूसरे ग्रामीण भी कहते हैं कि वो केजरीवाल के तीसरी बार दिल्ली के सीएम बनने का इंतजार कर रहे हैं। गांव के सभी लोग मानते हैं कि केजरीवाल ने दिल्ली में काम किया है और काम की बदौलत वो सीएम बनेंगें।
Conclusion: ग्रामीण बताते हैं कि केजरीवाल के परिजन पहले सिवानी में कपङे की दुकान चलाते थे। गांव के सभी लोग केजरीवाल के साथ उनके परिजनों की बहुत इज्जत करते हैं। उनके चले जाने के बाद आज उनके घर खंडहर हो चुके हैं। ये मकान कभी भी गिर सकते हैं। घर के अंदर झाङ-झंखाङ उगे हुए हैं। 70-80 साल पहले बने ये मकान भले ही आज खंडहर हो चुके हों पर इस क्षेत्र में जहां पिने तक को पानी उस समय नहीं था। केजरीवल के परिजनों की मेहनत की बदौलत उन्होने उस समय इस प्रकार का पक्का मकान बनाया जो एक किले के डिजाईन में हैं।
बाईट : दलबीर, छत्तर सिंह व महेंद्र पंडित ग्रामीण गांव खेड़ा।
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