भिवानी: हरियाणा में दिव्यांगजनों के लिए GOOD NEWS है. राज्य सरकार ने दिव्यांगजनों के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए 1 जुलाई से विकलांगता पहचान पत्र (UDID) लागू कर दिया है. अब दिव्यांगजनों को नौकरी या अन्य किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए यूडीआईडी देना होगा. जिसके चलते दिव्यांगजनों को अपना कोई भी सरकारी काम कराने में आसानी होगी. ये जानकारी रविवार को हरियाणा दिव्यांगजन आयुक्त अधिवक्ता राजकुमार मक्कड़ ने मीडिया से बातचीत करते हुए दी.
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राजकुमार ने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए हरियाणा रोडवेज के बेड़े में 1800 नई बसें भी आएगी. जिनमें से 900 बसें दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए लो फ्लोर की होगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में दिव्यांग जनों की सुविधा के लिए एमडीयू रोहतक, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय परिसर में सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक के लिए लो फ्लोर की बसें चलाई गई है. ताकि एक से दूसरी फैकल्टी में जाने में दिव्यांगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो.
राजकुमार मक्कड़ ने बताया कि प्रदेश में दिव्यांग जनों को नौकरी देने के लिए तीन कॉरपोरेट सेक्टर कंपनियों से समझौते हुए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में CET के माध्यम से भर्ती होने वाले ग्रुप सी और डी में दिव्यांगजनों को उनका पूरा कोटा भी मिलेगा. इसके अलावा उन्होंने बताया कि फर्जीवाड़ा रोकने के लिए भर्ती प्रक्रिया में दिव्यांगों के प्रमाण पत्रों की री असेसमेंट की जाएगी. यदि दिव्यांग प्रमाण पत्र में कोई कमी छोड़ दी जाती है. तो उसकी अपील पंचकूला मुख्यालय पर कर सकते हैं. जिसमें तीन चिकित्सकों की टीम उसका री असेसमेंट करेगी.
मक्कड़ ने कहा कि प्रदेश सरकार पारदर्शिता के साथ दिव्यांगों को लाभ देने के लिए वचनबद्ध है. इसी का परिणाम है कि प्रदेश में 103 दिव्यांगजन मेडिकल ऑफिसर भर्ती हुए हैं. शिक्षा विभाग में भी दिव्यांगों को उनका हक दिलाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में दिव्यांगों को ऑनलाइन तबादला नीति से बाहर निकाल कर उनके गृह जिले में पोस्टिंग दी जाएगी. ताकि वे और अधिक कर्तव्य निष्ठा के साथ अपनी ड्यूटी कर सकें.
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