भिवानी: करीब 16 वर्षो से पदोन्नति का इंतजार कर रहे हरियाणा के टीजीटी संस्कृत शिक्षक को जल्द ही पदोन्नति दी जाएगी. करीब 371 शिक्षकों की पदोन्नति सूची जारी कर दी गई है. अब निदेशालय द्वारा टीजीटी से पीजीटी संस्कृत की पदोन्नति के विकल्प भरने का ऑप्शन भी दे दिया गया है. जिसमें भी भिवानी के 35 संस्कृत अध्यापकों को पदोन्नति का मौका मिला है. सरकार के इस फैसले के बाद एक तरफ जहां संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार को बल मिलेगा, तो वहीं हरियाणा प्रदेश से बेरोजगारी भी दूर होगी.
भारत संस्कृत परिषद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मुरलीधर शास्त्री ने कहा कि विद्यालयों में वर्ष 2006 के बाद टीजीटी संस्कृत अध्यापकों की भर्ती नहीं हुई है. जिसके कारण संस्कृत शिक्षकों के अभाव में विद्यार्थी अन्य विषय पढ़ने को मजबूर हो रहे थे तथा सैकड़ों गुरुकुल व विद्यापीठ बंद होने की कगार पर थे. प्रदेश सरकार के इस फैसले के बाद एक बार फिर से विद्यार्थी संस्कृत पढ़ पाएंगे.
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उन्होंने इसके लिए हरियाणा संस्कृत अकादमी पंचकूूला के निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री, संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार में कार्यरत्त सभी संगठन, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के साथ समय-समय पर विधानसभा में आवाज उठाने वाले नारनौंद के विधायक राम कुमार गौतम और संस्कृत अध्यापक संघ के प्रधान रामप्रसाद कोशिक एवं उनकी समस्त कार्यकारिणी का आभार जताया.
डॉ. शास्त्री ने बताया कि संस्कृत अध्यापकों की वर्ष 2006-2007 से पदोन्नति लंबित है. पहले विभाग चाह नहीं रहा था, फिर 2012 में नियम बदल दिए गए थे. जिसके तहत पुराने संस्कृत शिक्षकों को नियम 2012 में नियमावली से बाहर कर दिया गया. 23 जून 2017 को नियमों में संशोधन किया गया, जिसके तहत पुराने संस्कृत शिक्षकों को पात्र करार दिया गया. उस समय 602 टीजीटी संस्कृत की पीजीटी संस्कृत के पद पर पदोन्नति के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन हो चुकी थी.
इसके बावजूद इन्हें पदोन्नत नहीं किया गया और वह प्रक्रिया अब भी लंबित है. उन्होंने बताया कि कुल 2 हजार 800 पदों में से पदोन्नति के करीब 850 पद थे, लेकिन रेशनेलाईजेशन के बाद इन पदों की संख्या केवल 545 रह गई थी. उसमें से 371 को पदोन्नति मिलेगी, बाकी 138 टीजीटी संस्कृत का मामला कोर्ट में विचाराधीन है.