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हरियाणा में 80 साल से अधिक के बुजुर्गों का खास खयाल रखेगी सरकार, सर्वे का पायलट प्रोजेक्ट शुरू - हरियाणा में बुजुर्गों का सर्वे

हरियाणा सरकार प्रदेश में 80 साल से अधिक के बुजुर्गों का खास खयाल रखने के लिए एक खास तरह की योजना पर काम कर रही है. प्रदेश में 80 साल से ज्यादा के सभी बुजुर्गों का सर्वे किया जायेगा. इस सर्वे के जरिए उनका परिवार में रहन-सहन और स्टेटस का पता लगाया जायेगा ताकि उनकी स्थिति को बेहतर किया जा सके. फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तहत दो जिलों में सर्वे का काम शुरू हो गया है.

Survey of elders in Haryana
भिवानी में बुजुर्गों का सर्वे
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Published : Apr 18, 2023, 3:51 PM IST

हरियाणा में 80 साल से अधिक के बुजुर्गों का खास खयाल रखेगी सरकार, सर्वे का पायलट प्रोजेक्ट शुरू

भिवानी: हरियाणा सरकार ने 80 साल से ज्यादा के बुजुर्गों को सम्मान दिलाने के लिए एक नई मुहिम शुरू की है. सरकार प्रदेश के ऐसे सभी बुजुर्गों का सर्वे कराने जा रही है जिनकी उम्र 80 से अधिक है. इस सर्वे का मकसद उम्र के आखिरी पड़ाव में उन्हें सम्मान दिलाना और सही तरीके से उनकी देखभाल करना है.

हरियाणा में 80 साल या उससे अधिक के बुजुर्गों की क्या स्थिति है. उनकी क्या जरूरत है. क्या उनकी जरूरतें पूरी हो रही हैं. परिवार में उन्हें किस तरह रखा जा रहा है. इन सब बातों की जानकारी इस सर्वे के जरिए ली जायेगी. इस सर्वे का मकसद है बुजुर्गों को सम्मान दिलाना और उनकी जरूरतों का ध्यान रखना. इस पायलेट प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले भिवानी और यमुनानगर जिलों को चुना गया है. जहां 80 साल से अधिक आयु वर्ग के बुजुर्गों की स्थिति जांची जा रही है.

ऐसे सभी बुजुर्गों की स्थिति का आंकलन करने के लिए पुलिस टीमें सर्वे कर रही हैं. इस सर्वे के जरिए सरकार को रिपोर्ट सौंपी जायेगी कि बुजुर्गों की स्थिति में क्या सुधार किया जाये ताकि उनका जीवन और बेहतर हो सके. सर्वे के लिए पूर्व सीआईडी चीफ और वर्तमान में सीएमओ में सलाहकार अनिल राव को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है.

रिटायर्ड आईपीएस अनिल कुमार राव का कहना है कि सर्वे का कार्य पुलिस कर्मचारी कर रहे हैं. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि ट्रायल के आधार पर भिवानी और यमुनानगर में सर्वे चल रहा है. भिवानी पुलिस ने लगभग काम पूरा कर लिया है. भिवानी जिले में करीब 16 हजार ऐसे बुजुर्ग है, जिनकी आयु 80 वर्ष से अधिक है. अब उनकी स्थिति, उनकी जरूरतों के बारे में डाटा तैयार किया गया है.

अनिल राव ने बताया कि 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों का डाटा सरकार को परिवार पहचान पत्र से मिला है. यह अभी पायलेट प्रोजेक्ट है. अनिल राव के मुताबिक ये अपने आप में पहला ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य बुजुर्गों को परिवार में सम्मान दिलाना है और उनकी आवश्यकताएं पूरी करना है. आमतौर पर देखा जाता है कि इस उम्र में बुजुर्गों की देखरेख कम होती है. कई बार उन्हें बेघर तक कर दिया जाता है.

हरियाणा में 80 साल से अधिक के बुजुर्गों का खास खयाल रखेगी सरकार, सर्वे का पायलट प्रोजेक्ट शुरू

भिवानी: हरियाणा सरकार ने 80 साल से ज्यादा के बुजुर्गों को सम्मान दिलाने के लिए एक नई मुहिम शुरू की है. सरकार प्रदेश के ऐसे सभी बुजुर्गों का सर्वे कराने जा रही है जिनकी उम्र 80 से अधिक है. इस सर्वे का मकसद उम्र के आखिरी पड़ाव में उन्हें सम्मान दिलाना और सही तरीके से उनकी देखभाल करना है.

हरियाणा में 80 साल या उससे अधिक के बुजुर्गों की क्या स्थिति है. उनकी क्या जरूरत है. क्या उनकी जरूरतें पूरी हो रही हैं. परिवार में उन्हें किस तरह रखा जा रहा है. इन सब बातों की जानकारी इस सर्वे के जरिए ली जायेगी. इस सर्वे का मकसद है बुजुर्गों को सम्मान दिलाना और उनकी जरूरतों का ध्यान रखना. इस पायलेट प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले भिवानी और यमुनानगर जिलों को चुना गया है. जहां 80 साल से अधिक आयु वर्ग के बुजुर्गों की स्थिति जांची जा रही है.

ऐसे सभी बुजुर्गों की स्थिति का आंकलन करने के लिए पुलिस टीमें सर्वे कर रही हैं. इस सर्वे के जरिए सरकार को रिपोर्ट सौंपी जायेगी कि बुजुर्गों की स्थिति में क्या सुधार किया जाये ताकि उनका जीवन और बेहतर हो सके. सर्वे के लिए पूर्व सीआईडी चीफ और वर्तमान में सीएमओ में सलाहकार अनिल राव को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है.

रिटायर्ड आईपीएस अनिल कुमार राव का कहना है कि सर्वे का कार्य पुलिस कर्मचारी कर रहे हैं. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि ट्रायल के आधार पर भिवानी और यमुनानगर में सर्वे चल रहा है. भिवानी पुलिस ने लगभग काम पूरा कर लिया है. भिवानी जिले में करीब 16 हजार ऐसे बुजुर्ग है, जिनकी आयु 80 वर्ष से अधिक है. अब उनकी स्थिति, उनकी जरूरतों के बारे में डाटा तैयार किया गया है.

अनिल राव ने बताया कि 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों का डाटा सरकार को परिवार पहचान पत्र से मिला है. यह अभी पायलेट प्रोजेक्ट है. अनिल राव के मुताबिक ये अपने आप में पहला ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य बुजुर्गों को परिवार में सम्मान दिलाना है और उनकी आवश्यकताएं पूरी करना है. आमतौर पर देखा जाता है कि इस उम्र में बुजुर्गों की देखरेख कम होती है. कई बार उन्हें बेघर तक कर दिया जाता है.

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