भिवानी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फरवरी 2015 में किसानों के लिए शुरू की गई सॉयल हेल्थ कार्ड योजना अब किसानों के उत्पादन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. इस योजना के तहत खेत की मिट्टी व पानी की जांच कर खेत में फसल के लिए उपलब्ध पोषक तत्वों का पता लगाया जाता है.
जिससे कि किसान को यह पता चल जाता है कि उसे कौन से फसल बोना उचित रहेगा तथा किस प्रकार की खाद कितनी मात्रा में देनी होगी, इसका एक सटीक अनुमान भी किसान को लग जाता हैं. सॉयल हेल्थ हार्ड योजना के तहत भिवानी जिले में अब तक 50 हजार किसानों के कार्ड बनाए जा चुके हैं. भिवानी जिले में कुल 64 हजार 385 कार्ड बनाए जाने है, जिन पर तेजी से कार्य किया जा रहा हैं.
केंद्र सरकार द्वारा 2015 से शुरू की गई सॉयल हेल्थ कार्ड योजना के तहत किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य की भी पूर्ति हो रही हैं, क्योंकि मिट्टी व पानी की जांच के बाद किसान अपनी फसल के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का पता सॉयल हेल्थ कार्ड से लगाकर उचित मात्रा में जरूरत वाली खाद अपनी फसल को दे पाने में सक्षम हुए हैं.
ऐसे मृट्टी की गुणवत्ता का पता लगाया जाता है
मृदा परीक्षण विभाग के लैब अटेंडेट व मिट्टी जांच अधिकारी उदय प्रताप ने बताया कि इस योजना के तहत किसान उनके पास अपने खेत की मिट्टी व पानी का सैंपल लाता है, इसके बाद मिट्टी की ईसी, पीएच और ओसी वैल्यू निकाली जाती है और अन्य परीक्षण करके मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों की मात्रा का पता लगाया जाता है. किसान को उसके खेत का हेल्थ कार्ड उपलब्ध करवा दिया जाता है. इससे किसान को अपने खेत में मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार फसल का चयन करने, खाद की मात्रा और प्रकार का पता चल जाता है, जिससे किसान के उत्पादन में बढ़ोत्तरी होती हैं.
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