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हिसार: RTI के तहत सूचना नहीं देने पर सूचना आयोग ने नगर परिषद पर लगाया 25 हजार का जुर्माना

आरटीआई कार्यकर्ता को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के मामले में राज्य सूचना आयोग ने भिवानी नगर परिषद पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

fines imposed on bhiwani city council by Information Commission
RTI के तहत सूचना नहीं देने पर सूचना आयोग ने नगर परिषद पर लगाया 25 हजार का जुर्माना
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Published : Jan 24, 2021, 3:46 PM IST

भिवानी: राज्य सूचना आयोग ने भिवानी नगर परिषद के सचिव पर 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है. ये जुर्माना राशि अधिकारी की सैलरी से काट कर अदा की जाएगी. जिसकी सूचना आयोग को भी देनी होगी. राज्य सूचना आयोग ने ये जुर्माना 2018 में मांगी गई सूचना उपलब्ध नहीं कराने पर किया है.

क्या है मामला?

दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने भिवानी नगर परिषद से 7 अप्रैल 2018 को शहर के एक निजी अस्पताल से जुड़ी आरटीआई की जानकारी मांगी थी. निर्धारित अवधि में नपा के एसपीआईओ कम सचिव ने कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई.

इसी मामले में आरटीआई कार्यकर्ता बृजपाल सिंह परमार ने 11 मई को प्रथम अपील जिला उपायुक्त के पास की. मगर यहां कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद 29 अगस्त को ये मामला राज्य सूचना आयोग के पास जा पहुंचा. राज्य सूचना आयोग ने हरियाणा शहरी निकाय विभाग के डॉयरेक्टर को सूचना उपलब्ध कराए जाने के आदेश दिए. इस पर भी भिवानी नपा प्रशासन नहीं जागा.

दो बार रिमाइंडर भेजे जाने के बाद भी नहीं टूटी नपा अधिकारियों की नींद

जिसके बाद आरटीआई कार्यकर्ता ने सूचना आयोग को 7 सितंबर 2019 को आदेशों की पालना नहीं करने पर रिमाइंडर भेजा. इसी तरह 3 अक्टूबर को फिर से सूचना आयोग के को रिमाइंडर भेजा. स्टेट कमीशन ने दो बार रिमाइंडर भेजे जाने के बाद 23 जनवरी 2020 को नगर परिषद एसपीआईओ कम सचिव एवं प्रथम अपील अधिकारी को नोटिस जारी कर दिया.

ये भी पढ़ें: सीनेट चुनाव मामला: हाईकोर्ट ने पंजाब यूनिवर्सिटी पर लगाया 50 हजार का जुर्माना

250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से लगाया गया है जुर्माना

सूचना आयोग ने सूचना नहीं देने पर रोजाना 250 रुपये व 25 हजार रुपये जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी. मगर इस पर भी नप अधिकारियों की नींद नहीं टूटी और आरटीआई कार्यकर्ता को कोई जवाब नहीं दिया. इसी मामले में राज्य सूचना आयोग ने 10 नवंबर 2020 को सुनवाई कर आरटीआई की सूचना नहीं देने पर 25 हजार रुपये जुर्माना ठोका और आरटीआई कार्यकर्ता को 30 मार्च 2021 तक आरटीआई का जवाब उपलब्ध कराने का आदेश दिया. साथ ही सूचना आयोग ने नगर परिषद एसपीआई व प्रथम अपील अधिकारी को भी कड़ी फटकार लगाई.

ये भी पढ़ें: चरखी दादरीः स्टोन क्रशर संचालकों पर एनजीटी ने लगाया 36 करोड़ का जुर्माना, नोटिस जारी

नगर परिषद के अधिकारियों का व्यवहार है घमंडी: सूचना आयोग

आयोग ने ये भी टिप्पणी दी कि नगर परिषद के अधिकारी आरटीआई एक्ट को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और उनका व्यवहार भी घमंडी है. बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि सूचना आयोग ने नपा सचिव पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाने के आदेशों की कॉपी 18 जनवरी को रजिस्टर्ड डाक से मिली है.

ये भी पढ़ें: हिसार: RTI के तहत सूचना न देने पर तहसीलदार व राज्य सूचना अधिकारी पर लगा जुर्माना

भिवानी: राज्य सूचना आयोग ने भिवानी नगर परिषद के सचिव पर 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है. ये जुर्माना राशि अधिकारी की सैलरी से काट कर अदा की जाएगी. जिसकी सूचना आयोग को भी देनी होगी. राज्य सूचना आयोग ने ये जुर्माना 2018 में मांगी गई सूचना उपलब्ध नहीं कराने पर किया है.

क्या है मामला?

दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने भिवानी नगर परिषद से 7 अप्रैल 2018 को शहर के एक निजी अस्पताल से जुड़ी आरटीआई की जानकारी मांगी थी. निर्धारित अवधि में नपा के एसपीआईओ कम सचिव ने कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई.

इसी मामले में आरटीआई कार्यकर्ता बृजपाल सिंह परमार ने 11 मई को प्रथम अपील जिला उपायुक्त के पास की. मगर यहां कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद 29 अगस्त को ये मामला राज्य सूचना आयोग के पास जा पहुंचा. राज्य सूचना आयोग ने हरियाणा शहरी निकाय विभाग के डॉयरेक्टर को सूचना उपलब्ध कराए जाने के आदेश दिए. इस पर भी भिवानी नपा प्रशासन नहीं जागा.

दो बार रिमाइंडर भेजे जाने के बाद भी नहीं टूटी नपा अधिकारियों की नींद

जिसके बाद आरटीआई कार्यकर्ता ने सूचना आयोग को 7 सितंबर 2019 को आदेशों की पालना नहीं करने पर रिमाइंडर भेजा. इसी तरह 3 अक्टूबर को फिर से सूचना आयोग के को रिमाइंडर भेजा. स्टेट कमीशन ने दो बार रिमाइंडर भेजे जाने के बाद 23 जनवरी 2020 को नगर परिषद एसपीआईओ कम सचिव एवं प्रथम अपील अधिकारी को नोटिस जारी कर दिया.

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250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से लगाया गया है जुर्माना

सूचना आयोग ने सूचना नहीं देने पर रोजाना 250 रुपये व 25 हजार रुपये जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी. मगर इस पर भी नप अधिकारियों की नींद नहीं टूटी और आरटीआई कार्यकर्ता को कोई जवाब नहीं दिया. इसी मामले में राज्य सूचना आयोग ने 10 नवंबर 2020 को सुनवाई कर आरटीआई की सूचना नहीं देने पर 25 हजार रुपये जुर्माना ठोका और आरटीआई कार्यकर्ता को 30 मार्च 2021 तक आरटीआई का जवाब उपलब्ध कराने का आदेश दिया. साथ ही सूचना आयोग ने नगर परिषद एसपीआई व प्रथम अपील अधिकारी को भी कड़ी फटकार लगाई.

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नगर परिषद के अधिकारियों का व्यवहार है घमंडी: सूचना आयोग

आयोग ने ये भी टिप्पणी दी कि नगर परिषद के अधिकारी आरटीआई एक्ट को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और उनका व्यवहार भी घमंडी है. बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि सूचना आयोग ने नपा सचिव पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाने के आदेशों की कॉपी 18 जनवरी को रजिस्टर्ड डाक से मिली है.

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